पूर्वी दिल्ली के सांसद व केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा का आरोप है कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने जानबूझ कर दिल्ली में आयुष्मान योजना को लागू नहीं किया। इस योजना से सुविधा मिलने के बाद जनता केंद्र सरकार और नरेंद्र मोदी का गुणगान करने लगती। उनका दावा है कि ज्यादातर राज्यों की जनता केंद्र के साथ कदमताल करना यानी दोहरे इंजन की सरकार चाहती है ताकि उसका जीवन आसान व भ्रष्टाचार से मुक्त हो। उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार बिना बजट के मुफ्त योजनाओं का एलान कर देती है और बाद में जनता ठगी सी रह जाती है। मंत्री ने कहा कि दिल्ली में भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा बनेगा। नई दिल्ली में हर्ष मल्होत्रा के साथ कार्यकारी संपादक मुकेश भारद्वाज की विस्तृत बातचीत के चुनिंदा अंश।
आप पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़े और मंत्री भी बन गए। दिल्ली में इतने वरिष्ठ चेहरों के होते हुए भाजपा आलाकमान ने आपको किस वजह से चुना?
हर्ष मल्होत्रा: यह भारतीय जनता पार्टी की खासियत है कि वह अपने सभी कार्यकर्ताओं को राजनीतिक प्रशिक्षण देती है। इसलिए पार्टी के पास कहीं भी किसी तरह के चेहरे के चुनाव की समस्या नहीं होती। योग्यता के हिसाब से चुनाव करती है। भाजपा में मंडल अध्यक्ष भी मुख्यमंत्री बन सकता है। पार्टी ने जरूरत और योग्यता के हिसाब से मेरा चयन किया।
बीता लोकसभा चुनाव भाजपा के लिए बहुत आसान नहीं माना जा रहा था। भाजपा के अंदर ही बहुत से मुद्दे थे। नरेंद्र मोदी के चेहरे को तीसरी बार चुने जाने की क्या वजह मानते हैं?
हर्ष मल्होत्रा: भारतीय जनता पार्टी मजबूत कैडर आधारित पार्टी है। यहां पार्टी कार्यकर्ताओं को देवता तुल्य माना जाता है। हर कोई बिना किसी निजी महत्त्वाकांक्षा के पार्टी की विचारधारा के लिए काम करता है। कार्यकर्ताओं के बीच इस बात की समझ है कि चुनाव पार्टी के लिए नहीं विचारधारा के लिए हो रहा है। हमारी विचारधारा राष्ट्र प्रथम की है। कुछ राजनीतिक अड़चनें आती हैं जिसका सामना कर हम आगे बढ़ जाते हैं। लगभग चार दशकों के बाद सीधा मुकाबला हुआ और सातों सीटों पर भाजपा जीती। इसका सबसे बड़ा श्रेय तो कार्यकर्ताओं का है। दूसरा सबसे बड़ा कारण नरेंद्र मोदी जी हैं। पिछले दस साल में उन्होंने जनता को ‘गुड गवर्नंेस’ का अनुभव दिया। जनकल्याणकारी योजनाओं के जरिए देशवासियों की देखभाल की। नरेंद्र मोदी की अगुआई में जनता के मन में सुरक्षा की भावना आई। ‘मोदी है तो मुमकिन है’ महज कोई नारा नहीं है, यह आज जनभावना है। आज पूरे विश्व में भारत का सम्मान बढ़ा है। युद्धग्रस्त रूस से लेकर यूक्रेन तक भारत की तरफ उम्मीद से देख रहा है। कभी अमेरिका ने भारत के एक मुख्यमंत्री को वीजा देने से मना कर दिया था। आज उसी अमेरिका में चुनावों पर प्रभाव डालने के लिए मोदी जी को बुलाया जाता है। इसलिए पूरा देश चाहता था कि मोदी जी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनें। इसी वजह से हम उन सीटों को भी जीत पाए जो हमारे लिए सबसे मुश्किल मानी जा रही थी।
यह शानदार स्थिति दिल्ली विधानसभा में क्यों नहीं दिखती?
हर्ष मल्होत्रा: इस बार दिखेगी।
इस भरोसे की वजह?
हर्ष मल्होत्रा: मेरे इस भरोसे की वजह है जनता का रुख। दिल्ली की जनता समझ रही है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार जिस राज्य में होती है वो तीन बार क्यों जीतती है। सब कह रहे थे हरियाणा में नहीं जीतेंगे तो प्रचंड बहुमत से जीते। जनता को भरोसा है कि भाजपा की सरकार में भ्रष्टाचार नहीं है। यह काम करने वालों की सरकार है। केंद्र में मोदी जी और राज्य में भाजपा की सरकार यानी डबल इंजन होने का फायदा भी जनता को दिख रहा है। इसी वजह से हरियाणा में सरकार आई और इसी वजह से दिल्ली में आएगी। मोदी जी ने तय किया और पूरे देश के सभी राशन कार्ड धारकों को कोविड से लेकर आज तक राशन मुफ्त मिल रहा है तो उसके पीछे बड़ी वजह है गरीबों के भोजन की चिंता और दूसरी वजह है बजट में इसके लिए प्रावधान करना। अरविंद केजरीवाल ये मुफ्त तो वो मुफ्त का नारा लगाते हैं लेकिन उसके लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं होता है। ‘बिजली माफ, पानी हाफ’ के वादे इसलिए झूठ साबित होते हैं। पूरे देश में आयुष्मान योजना लागू है, पश्चिम बंगाल और दिल्ली को छोड़ कर। दिल्ली वालों को इससे वंचित क्यों रहना चाहिए? दिल्ली में यह योजना लागू होती तो कोविड में जितनी मौत हुई उसकी आधी भी नहीं होती। केजरीवाल साहब को लगता है कि दिल्ली के बुजुर्गों व गरीबों को पांच लाख तक का इलाज मुफ्त मिल गया तो वो मोदी जी का गुणगान करेंगे। दिल्ली में दस लाख के करीब राशन कार्ड के आवेदन लंबित हैं। गरीब आदमी का यही कसूर है कि उसने केजरीवाल को वोट दिया है। आभिजात्य कालोनियों से लेकर झुग्गी बस्ती तक गंदा पानी आता है। बिना योजना लोगों को मुफ्त में चीजें बांटेंगे तो यही हाल होगा। दिल्ली में पानी की पाइपलाइन पचास साल पुरानी है। टूटी सड़कों के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है। इन सब बातों को समझते हुए जनता अरविंद केजरीवाल को बेदखल कर दिल्ली में भाजपा का मुख्यमंत्री लाएगी।
भाजपा से लेकर कांग्रेस तक आम आदमी पार्टी के नेताओं पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है। लेकिन वे इसे साजिश कहते रहे और अब उन्हें जमानत भी मिल रही है।
हर्ष मल्होत्रा: जमानत मिलने का मतलब आरोपमुक्त होना तो नहीं है। बीस महीने जेल में रहने के बाद प्रावधानों के तहत ही जमानत मिली। हमारे देश की खूबसूरती यही है कि यहां पर कानून का राज है। बीस महीने जेल में रहने के बाद महज जमानत मिलने पर आप खुद की तुलना भगत सिंह की शहादत से कर रहे हैं। देश के इतिहास में क्या ऐसा दूसरा उदाहरण है कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों जेल में हों। सत्ता से चिपके रहने की ऐसी क्या मजबूरी? जमानत पर बाहर आने के बाद इस्तीफा देना मजबूरी थी। इन पर दस हजार करोड़ से ज्यादा का भ्रष्टाचार का आरोप है। शराब जैसी चीज के लिए सरकारी खजाने से लेकर जनता की जेब तक भ्रष्टाचार पहुंचा। जनता की नजर में यह बात आ गई।
क्या आपको लगता है दिल्ली में भ्रष्टाचार मुख्य मुद्दा बनेगा?
हर्ष मल्होत्रा: भ्रष्टाचार बहुत बड़ा मुद्दा है। जल बोर्ड से लेकर डीटीसी, हर जगह घोटाला है। स्कूली कक्षाओं का घोटाला है। शराब घोटाले पर तो मुकदमा चल ही रहा है। मुख्यमंत्री का जेल जाना मामूली बात नहीं है।
अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन दोनों जेल गए। हेमंत सोरेन की सत्ता में वापसी हो गई और अभी तक के आकलनों में अरविंद केजरीवाल भी बुरी स्थिति में नहीं हैं। ऐसे में अगर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन हो जाता है तो क्या यह जोड़ी भाजपा के लिए चुनौती बनेगी?
हर्ष मल्होत्रा: मैंने पहले भी कही ये बात कि शायद चार दशक के बाद सीधे चुनाव में भाजपा जीती है। इस बार दिल्ली की जनता ने पूरा मन बना रखा है। कांग्रेस से मिलकर लड़े या अकेले दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी को सत्ता से बाहर जाने का रास्ता दिखाने की पूरी तैयारी कर ली है।
दिल्ली में भाजपा के लिए मुख्यमंत्री का चेहरा एक मुद्दा है। इसके लिए आपको भी मजबूत उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है। क्या आपका चेहरा सामने आने की उम्मीद है?
हर्ष मल्होत्रा: भाजपा के अंदर यह मुद्दा है ही नहीं। मुख्यमंत्रियों का चयन करना संसदीय बोर्ड का काम होता है। जब सही लगता है तो चुनाव के पहले ही मुख्यमंत्री का चेहरा तय होता है। बहुत से प्रदेशों में बिना मुख्यमंत्री के चेहरे के चुनाव लड़ा गया। दोनों विकल्प संसदीय बोर्ड के पास हैं जो सभी को स्वीकार्य होता है।
क्या दिल्ली में पार्टी एकजुट है? बहुत से वरिष्ठ नेता हाशिए पर हैं। दूसरे दलों के कई नेताओं ने भाजपा का दामन थामा है। आरोप लगता है कि बाहर से आए लोगों को टिकट दे दिया जाता है। इस पर आपकी क्या राय है?
हर्ष मल्होत्रा: भारतीय जनता पार्टी आज विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। यह देश को नेतृत्व देने वाला दल है। देश के आम जनों के लिए सोचने की राजनीति मोदी जी पिछले दस सालों से कर रहे हैं। आप कोई भी मुद्दा उठा लीजिए कमजोर तबके की हर परेशानी दूर करने की कोशिश की है प्रधानमंत्री ने। इन नीतियों से प्रभावित होकर ही दूसरे दल का कोई नेता भाजपा में आता है। यह कोई पहली बार नहीं है। हमारे यहां सबका स्वागत होता है। अब टिकट किसको मिलेगा यह पार्टी नेतृत्व तय करता है। दूसरे दलों से जो नेता आए हैं वे किसी लालच में नहीं बल्कि नरेंद्र मोदी जी की नीतियों से प्रभावित होकर आए हैं।
दिल्ली को लेकर भाजपा के क्या खास वादे-इरादे हैं कि जनता उसे सत्ता सौंप दे?
हर्ष मल्होत्रा: 2025 की फरवरी में दिल्ली में भाजपा की सरकार आ रही है। सत्ता में आने के बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में हम आयुष्मान भारत योजना लागू करने वाले हैं। दिल्ली के लोगों को पीने का साफ पानी देने वाले हैं। सारे निलंबित पड़े राशन कार्ड बनवाएंगे। ठप पड़े विकास कार्यों को शुरू करवाएंगे। पिछले दस सालों में मोदी मंत्रिमंडल में एक भी सांसद पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है। 2014 से पहले अखबारों में सिर्फ घोटाले की ही खबरें होती थीं। केंद्र और भाजपा की राज्य सरकारें भ्रष्टाचार के आरोपों से मुक्त हैं। भाजपा की सरकार लोगों की गाढ़ी कमाई के कर का पैसा सिर्फ विकास कार्यों में इस्तेमाल करती है। भाजपा की सरकार आने के बाद दिल्ली में विकास होगा और लोगों को सभी सुविधाएं मिलेंगी।
दिल्ली के लोगों में यह डर भी हो सकता है कि भाजपा आएगी तो मुफ्त बिजली और बस यात्रा जैसी सुविधाओं को बंद कर देगी। भाजपा इन योजनाओं को रेवड़ी संस्कृति के तहत देखती है।
हर्ष मल्होत्रा: देश ही नहीं दुनिया की सबसे बड़ी जनकल्याणकारी योजना है लोगों को मुफ्त राशन देना जो भाजपा की अगुआई वाली केंद्र सरकार कर रही है। जरूरत के हिसाब से हम हर वो काम करते हैं जो कमजोर तबके को राहत पहुंचाए। दिल्ली में भाजपा को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। दिल्ली की जनता की जरूरत के हिसाब से जो ठीक रहेगा सब चालू रहेगा।
चुनाव के समय भाजपा पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने का आरोप लगता है। यहीं रामजादों बनाम …जादों का नारा लगा था। क्या किसी स्तर पर पार्टी इस ध्रुवीकरण पर बहसतलब होती है?
हर्ष मल्होत्रा: सांप्रदायिक ध्रुवीकरण भाजपा नहीं आम आदमी पार्टी करती है। मनीष सिसोदिया ने साफ कहा था कि मैं शाहीन बाग वालों के साथ हूं। भाजपा के किसी नेता का ऐसा कोई बयान आया था? आपका प्रश्न गलत है। केंद्र सरकार की जितनी भी जनकल्याणकारी योजनाएं हैं क्या उसमें फार्म के अंदर कोई धर्म का खंड है? आयुष्मान भारत योजना विश्व का सबसे बड़ा स्वास्थ्य बीमा है। क्या इसमें लिखा है कि यह सिर्फ हिंदुओं को मिलेगा? कैसे लगाते हैं गलत आरोप। सरकार एक अरब चालीस करोड़ देशवासियों के लिए समान काम कर रही है। एक उदाहरण दीजिए, जिसमें भेदभाव हो। मैं एक उदाहरण दे सकता हूं। केजरीवाल सरकार इमामों को तनख्वाह देती है पंडितों को नहीं देती है।
भाजपा को देश की जनता ने तीसरी बार लगातार सत्ता दी। तीसरी बार पूर्ण बहुमत नहीं मिला। कहा गया कि भाजपा और उसकी मातृ संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बीच रिश्ता तल्ख हो गया है। भाजपा अध्यक्ष का बयान चर्चित हुआ कि भाजपा को अब संघ की जरूरत नहीं है। पार्टी और संगठन के बीच वाकई कोई तल्खी है? खास कर जाति जनगणना जैसे मुद्दे पर?
हर्ष मल्होत्रा: जानबूझ कर इस तरह की छवि तैयार की जाती है। ऐसा कुछ भी नहीं है। पार्टी और संगठन दोनों अपने-अपने स्तर पर काम कर रहे हैं। जहां तक पार्टी अध्यक्ष का बयान है तो सिर्फ एक पंक्ति को तोड़-मरोड़ कर बात नहीं की जा सकती। उनके बयान का पूरा संदर्भ है।
क्या दिल्ली में भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उतना मजबूत है जितना हरियाणा, महाराष्ट्र या जम्मू में?
हर्ष मल्होत्रा: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक सामाजिक संस्था है। इसके कामों को एक-दो बिंदुओं पर नहीं आंका जा सकता है। यह राष्ट्रवादी विचारधारा के साथ काम करती है। भाजपा और संघ अपने प्रकल्पों में काम करते हैं, हां दोनों की विचारधारा राष्ट्रवादी है।
सड़क परियोजनाओं पर पिछले दस वर्षों में काफी काम हुआ है। सड़कें बेहतर हुई हैं लेकिन आम लोगों का आरोप है कि एक्सप्रेसवे पर टोल कर उन्हें तोड़ कर रख देते हैं। क्या आपका मंत्रालय इस समस्या पर कोई कदम उठाएगा?
हर्ष मल्होत्रा: इसे थोड़ा विवेक से देखें। अगर दिल्ली से मुंबई आप दूसरे एक्सप्रेसवे से जाएंगे तो 23-24 घंटे लगते हैं। नया दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे बनने पर 12-13 घंटे में पहुंचेंगे। यह ग्यारह घंटे की बचत सिर्फ समय की बचत नहीं है। उदाहरण के तौर पर अगर सौ रुपए टोल है तो बचत हजार रुपए की है। पेट्रोल, डीजल, समय ये सब बचते हैं। इससे पैसा बचता है। अगर आप चौबीस घंटे का सफर करते हैं तो आपको रात में रुकना भी पड़ेगा। रुकेंगे तो कम से कम हजार से दो हजार का खर्च होगा। तो एक्सप्रेसवे पर खर्च कम और बचत ज्यादा है।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के रूप में अरविंद केजरीवाल का चेहरा तय है। आतिशी ने खुद के खड़ाऊं मुख्यमंत्री होने की बात कही और जीत की स्थिति में केजरीवाल के लिए रास्ता साफ है। क्या अरविंद केजरीवाल जनता के मन पर फिर से राज कर सकते हैं?
हर्ष मल्होत्रा: यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि एक दागी व्यक्ति को इस तरह मुख्यमंत्री पद के लिए उतारा गया है। अरविंद केजरीवाल को इस्तीफा देना ही क्यों पड़ा? आतिशी को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेनी ही क्यों पड़ी? इसलिए कि केजरीवाल के मन में कहीं न कहीं जनता से डर था। उन्हें डर था कि जनता उन्हें नहीं स्वीकारेगी इसलिए इस्तीफा दिया।
क्या दिल्ली में भाजपा पहले से ज्यादा बेहतर प्रदर्शन कर पाएगी?
हर्ष मल्होत्रा: इस बार दिल्ली का मुख्यमंत्री भाजपा का होगा।
आपकी नजर में दिल्ली की जनता किन मुद्दों पर एकजुट होगी?
हर्ष मल्होत्रा: सीधा-सीधा मुद्दा है कि दिल्ली की जनता ठगी गई है। यमुना की सफाई के नाम पर साढ़े आठ हजार करोड़ रुपए केंद्र की सरकार की तरफ से आए। 2013 में, 2015 में और 2020 में। ये तीनों चुनावी साल थे। तीनों बार केजरीवाल ने कहा कि मैं यमुना जी साफ करूंगा, मुझे समय चाहिए। फिर कहा मुझे पांच साल चाहिए, मैं डुबकी लगवाऊंगा। क्या हुआ? साढ़े आठ हजार करोड़ रुपए कहां खर्च किए इसका हिसाब हम रोज मांगते हैं, वो देते ही नहीं है। उन्होंने झूठ बोला है। दिल्ली में भाजपा का मुख्यमंत्री होगा तो राशन कार्ड से लेकर बुजुर्ग पेंशन तक की जनता की परेशानी खत्म होगी। दिल्ली की जनता परिवर्तन के लिए आगे आएगी।