एक लाइन की खबर भी किसी गोली से कम नहीं। कुछ नमूने देखें- ‘जयपुर के तेजाजी मंदिर में मूर्ति तोड़ी गई शहर में तनाव’, ‘नवरात्र में मंदिरों के आसपास मांस बेचने पर पाबंदी… मंदिरों में अखंड पाठ..!’ एक हीरो उवाच- ‘अगर बंगाल में भाजपा नहीं जीती तो कष्ट में हिंदू… बंगाल में भाजपा हारी तो हिंदू नहीं बचेंगे..!’ विपक्ष के एक नेता जी कहिन: ‘वे अभिनेता हैं, ऐसा नहीं बोलना चाहिए, ऐसा बोलेंगे तो वे भी बाबा… बन जाएंगे!
फिर ‘नागपुर’ में संघ कार्यालय में संघ प्रमुख के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संघ संस्थापक हेडगेवार और गोलवलकर को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए और संघ की अकुंठ भाव से प्रशंसा करते हुए। फिर विपक्ष की ओर से आती आह-कराह! चिश्ती की दरगाह के मुखिया ने ‘वक्फ संशोधन विधेयक’ का समर्थन तो उस पर दिक्कत… केरल के एक ‘कैथोलिक बिशप’ द्वारा वक्फ विधेयक का समर्थन, तो दिक्कत..! मस्जिद के बाहर सड़क या छत पर नमाज पढ़ने पर पाबंदी के आदेश पर दिक्कत..! एक मुसलिम नेता- ऐसी बैरीकेडिंग या बाधा कभी नहीं देखी। ये ‘अघोषित आपातकाल’ है। क्या मैं घर में भी नमाज नहीं पढ़ सकता? इसी बीच बंगाल की मुख्यमंत्री के वचन- हम ‘जुमला पार्टी’ का धर्म नहीं मानते..!
हिंदुत्ववादियों के ‘एतराज’ पर ‘सुपर स्टार’ की नई ‘फिल्म’ में संशोधन
फिर केरल के एक ‘सुपर स्टार’ की नई ‘फिल्म’ के कुछ दृश्यों पर हिंदुत्ववादियों का ‘एतराज’, जिसे देख ‘सुपर स्टार’ फिल्म में संशोधन करने पर सहमत। जुमे की नमाज के दौरान कई मुसलिमों द्वारा बांहों पर काली पट्टी बांध ‘वक्फ संशोधन विधेयक’ का विरोध! एक चैनल की पंक्ति- ‘मुसलिम डरे हुए हैं- ऐसा कहना शुद्ध प्रोपेगेंडा है। मुसलिमों को डराने के लिए ‘टूलकिट’ ने ईद को कब्जे में ले लिया है। बंगाल के ‘दिनाजपुर’, महाराष्ट्र के ‘नागपुर’ और मुंबई के ‘मलाड’ में, बिहार के ‘दरभंगा’ में उत्सव मनाती महिलाओं, बच्चों पर हमले… हरियाणा के नूंह और उत्तर प्रदेश के मेरठ में बंदूकें तक तनीं। फिर एक दिन ‘संघ प्रवक्ता’ उवाच- जो जहां मरता है, वहां उसकी कब्र बनती है… जो वहां जाता है, जाए..!
फिर विपक्ष का हल्ला कि तेलुगू देशम पार्टी यानी टीडीपी जद(एकी) सरकार के साथ नहीं, लेकिन दोनों दलों ने तीन-तीन सुझाव देकर और राजग ने उनको प्रस्ताव में शामिल कर विपक्ष की अफवाह को ठंडा कर दिया। कुछ एंकर शंकित कि क्या विधेयक पास होगा, लेकिन कुछ एकदम आश्वस्त कि यह ‘वक्फ बिल’ पास होगा।
बहसें ‘पूर्व कानून’ की पोल खोलती गईं कि पहले ‘वक्फ बोर्ड’ कुछ मुसलिमों के ‘कब्जे’ में था, कि सेना और रेलवे के बाद वक्फ के पास सबसे ज्यादा संपत्तियां हैं, लेकिन इनकी कुल आमदनी एक फीसद भी नहीं, जबकि वक्फ की सही आमदनी ‘दस फीसद’ तक तो हो ही सकती है। इससे उसके पास इतना पैसा होगा कि वह गरीब मुसलिमों की गरीबी दूर कर सकता है। नए विधेयक के विरोधी ऐसा नहीं होने देना चाहते, क्योंकि ‘नए बिल’ से ‘गरीब मुसलिमों’ के कल्याण का रास्ता प्रशस्त होगा।
इसी बीच एक विपक्षी नेता ने आरोप लगाया कि इस विधेयक के जरिए ‘हिंदू पाकिस्तान’ बनाया जा रहा है। फिर यही जुमला एक चर्चक के मुंह से निकला कि यह ‘हिंदू पाकिस्तान’ बनाने की कोशिश है। इसके बाद एक एंकर ही उन चर्चक के पीछे ही पड़गया और देर तक माफी मंगवाने पर अड़ा रहा। लेकिन एक चमत्कार-सा दिखा कि विधेयक पर संसद में चली लंबी बहसों के दौरान न किसी ने बहिर्गमन किया, न हंगामा किया। बारह बारह घंटे तक चलीं बहसें भी एकदम शांति के साथ हुईं और विपक्ष के विरोध के बावजूद,‘वक्फ संशोधन बिल’ दोनों सदनों में बहुमत से पास हुआ!
बहसों में ‘विपक्ष के नेता’ तो विधेयक पर खास न बोले, जो ‘उपनेता’ बोले, गरज कर बोले। इसी बहस में सामने आया कि इससे पहले वाले ‘वक्फ बोर्ड’ के अनुसार, ‘वक्फ बोर्ड’ देश की जिस जमीन पर भी हाथ धर देता, वह उसकी हो जाती! इसे अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती थी। अब ऐसा नहीं हो सकेगा। इसका जवाब भी आया। केंद्र सरकार ने 2013 में ‘लटयंस दिल्ली’ की एक से एक महंगी ‘123 संपत्तियां’ ‘वक्फ’ को ‘दान’ में दे दी थीं। विधेयक पेश करने वाले अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरन रिजीजू ने शुरू में ही पूर्व वक्फ कानून की ‘ताकत’ के बारे में यह बताया था कि अगर आज यह विधेयक न आता तो इस ‘संसद भवन’ पर भी वक्फ का कब्जा होता!
बहरहाल, नए विधेयक के पास होने के बाद भी कुछ मुसलिम नेता कहते दिखे कि सड़कों पर फैसला होगा..! कुछ एंकरों ने इस तरह की धमकी देने वालों से पूछा कि क्या आप देश को धमकियों से डराकर हांकेंगे? एक ने तो कहा भी कि वे दिन गए, जब ऐसी धमकियां चल जाती थीं! नए वक्फ बिल पर बहसों के बीच अचानक एक मुसलिम की ‘टीशर्ट’ दिखी, जिस पर लिखा था ‘मोदी जी शुक्रिया..!’ पास होने के बाद भी यही नारा कई जगह सुना गया..!