देश में कई बड़े घोटालों और फ्रॉड के मामलों में आरोपी बनाए गए बिजनेस टायकून्स वाधवा बंधुओं को शुक्रवार को लॉकडाउन तोड़ने के लिए महाराष्ट्र के महाबलेश्वर से हिरासत में लिए गए। पुलिस के मुताबिक, दोनों भाई अपने परिवार के 21 लोगों के साथ मुंबई से 250 किलोमीटर दूर सतारा के हिल स्टेशन में छुट्टियां मना रहे थे। आरोप है कि सभी परिवारवालें लॉकडाउन के बावजूद पांच कारों में बैठकर बुधवार रात मुंबई से निकले थे। इसके लिए उन्हें एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी से पास भी मिल गया था।
स्थानीय पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, वाधवा बंधु अपने परिवार के साथ अपने नौकर और खाना बनाने वालों को भी कार से ही साथ ले गए थे, जबकि लॉकडाउन के मद्देनजर पुणे और सतारा दोनों ही जिलों को सील किया जा चुका है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वाधवा भाई परिवारवालों के साथ अपने बॉडीगार्ड को भी फार्म हाउस साथ ले गए। बताया गया है कि उनका बॉडीगार्ड इटली का है, जहां बीते कुछ दिनों में कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं।
बता दें कि कपिल और धीरज वाधवा डीएचएफएल के प्रमोटर हैं, उन्हें यस बैंक घोटाले में फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए राणा कपूर के साथ सह-आरोपी बनाया गया है। उनके खिलाफ सीबीआई ने भी लुकआउट नोटिस जारी किया था। माना जा रहा था कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद सीबीआई दोनों को कस्टडी में लेने वाली थी।
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कैसे सामने आया वाधवा भाइयों के लॉकडाउन तोड़ने का मामला?
भाजपा नेता किरीट सोमैया ने गुरुवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को पत्र लिखकर बताया था कि वाधवा भाई जमानत पर बाहर हैं और उनकी वीआईपी आवभगत की जा रही है। सोमैया ने इस मामले में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख से जवाब मांगा था। इसके बाद गृह मंत्री ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए थे। गृह विभाग के प्रमुख सचिव अमिताभ गुप्ता की ओर से जारी प्र के मुताबिक, दोनों भाइयों ने फैमिली इमरजेंसी के बहाने ट्रैवल पास हासिल किए थे।
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