यूपी चुनाव में सपा के साथ गठबंधन करके बीजेपी को हराने का दावा करने वाले ओपी राजभर चुनाव में खराब परिणाम का दोष सरकारी मशीनरी को देते हैं। उनका कहना है कि बीजेपी के लिए चुनाव सरकारी अफसरों ने जीता। गठबंधन के प्रत्याशी 50 सीटें ऐसी हारे जहां अंतर दो हजार वोट से कम का था। जबकि 42 सीटें ऐसी हारे जहां अंतर दो से पांच हजार था। उनका कहना था कि इन सभी सीटों पर बीजेपी ने खेल किया।
राजभर का कहना है कि हम जहां फेल हुए, वहां की समीक्षा करेंगे और पता करेंगे। उनका कहना था कि जहां हम काम करते हैं, वहां गठबंधन ने भारी जीत हासिल की है। उन्होंने पूर्वांचल के जिलों का नाम गिनाते हुए कहा कि गाजीपुर में सभी सीटें जीत ली हैं। आजमगढ़, अंबेडकरनगर, बस्ती, बलिया, मऊ जैसे जिलों में हम कामयाब हैं। अगर बीजेपी बेईमानी न करती तो चुनाव परिणाम कुछ और होते। जौनपुर में 8 बार रिकाउंटिंग कराने पर उनका सवाल था कि अगर सब कुछ पारदर्शी था तो ऐसा वहां ऐसा क्यों हुआ?
यूपी विधानसभा में इस बार ओमप्रकाश राजभर के छह नेता विधानसभा जाएंगे। सपा से गठबंधन के बाद सुभासपा 18 सीटों पर ताल ठोक रही थी। पिछली बार भाजपा को मिली जीत में अपना योगदान बताने वाले सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर अपनी सीट को बचा ले गए लेकिन बेटे की हार नहीं बचा सके। उनका दावा था कि इस बार के चुनाव में बीजेपी को हराकर योगी को वापस उनके मठ में भेज दिया जाएगा।
OP Rajbhar ने BJP पर लगाया सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप
बोले- जौनपुर में 8 बार रिकाउंटिंग क्यों हुई…@oprajbhar #UttarPradeshResult pic.twitter.com/vFi112NjQa
— News24 (@news24tvchannel) March 13, 2022
गौरतलब है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी चुनाव में गड़बड़ी की शिकायत राष्ट्रपति व सुप्रीम कोर्ट से की है। इससे पहले मतगणना से पहले बनारस में जमकर बवाल हुआ था। सपा और सुभासपा ने लखनऊ में चुनाव आयोग को इसे लेकर ज्ञापन सौंपा था। उस दौरान काफी बवाल मचा।
समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग से वाराणसी में ईवीएम में गड़बड़ी और बरेली के स्ट्रांगरूम के बाहर सादे बैलेट पेपर के वीडियो का संज्ञान लेते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी पर कार्यवाही करने की मांग की थी। लेकिन आयोग ने उनकी शिकायतों पर संज्ञान नहीं लिया था। आयोग का कहना था कि मतगणना निष्पक्ष तरीके से की जा रही है।
