Coronavirus Cases in India: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित एक हॉस्पिटल में क्वारंटाइन किए गए छह कोरोना संदिग्धों के खिलाफ मेडिकल स्टाफ से दुर्व्यवहार के आरोप में जांच शुरू की गई है। कोरोना वायरस के ये छह संदिग्ध हाल के दिनों में दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में एक सभा शामिल होने के बाद प्रदेश वापस लौटे हैं। दरअसल प्रदेश में तबलीगी जमात की सभा से जुड़े जो लोग वापस यूपी लौटे उन्हें शक के आधार पर प्रशासन ने क्वारंटाइन किया है।
जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को वार्ड की नर्सों और चिकित्सा कर्मचारियों द्वारा लिखे गए एक पत्र में आरोप लगाया गया कि पुरुष दवाएं नहीं ले रहे थे और कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार कर रहे थे। स्टाफ के सदस्यों द्वारा लिखे गए पत्र में यह भी आरोप लगाया गया था कि सभी सामाजिक दूरी को बनाए रखने के लिए कहे जाने के बावजूद समूहों में बैठे।
मामले में गाजियाबाद के जिला मजिस्ट्रेट अजय शंकर पांडे ने कहा, ‘हमें चिकित्सा अधिकारियों संग वार्ड में रोगियों द्वारा अनुचित व्यवहार और असहयोग के बारे में पत्र मिला है। मामले में एसपी सिटी और एडीएम सिटी के तहत एक जांच टीम बिठाई गई है और 24 घंटे के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। रिपोर्ट आने के बाद मामले में कार्रवाई की जाएगी।’
Coronavirus से जुड़ी जानकारी के लिए यहां क्लिक करें: जानें-कोरोना वायरस से जुड़ी हर खबर । जानिये- किसे मास्क लगाने की जरूरत नहीं और किसे लगाना ही चाहिए |इन तरीकों से संक्रमण से बचाएं | क्या गर्मी बढ़ते ही खत्म हो जाएगा कोरोना वायरस? । इन वेबसाइट और ऐप्स से पाएं कोरोना वायरस के सटीक आंकड़ों की जानकारी, दुनिया और भारत के हर राज्य की मिलेगी डिटेल । कोरोना संक्रमण के बीच सुर्खियों में आए तबलीगी जमात और मरकज की कैसे हुई शुरुआत, जानिए
उल्लेखनीय है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तबलीगी जमात के कई सदस्यों (जो मरकज की सभा में शामिल हुए थे) की पहचान की जा रही है और उन्हें क्वारंटाइन किया गया है। क्योंकि राज्य और देशभर में तबलीगी जमातियों के संपर्क में आने के बाद कोरोना से जुड़े मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
इससे पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने वीजा दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते पाए गए जमात के किसी भी सदस्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया था। 18 जिलों के पुलिस प्रमुखों को भी आदेश दिया गया था कि वे जमात सदस्य को खोजें जो निजामुद्दीन मरकज कार्यक्रम में भाग लेने के बाद जिले में लौटा था और किसी विदेशी नागरिक को शरण देने वाले के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए कहा गया।