उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि दूसरे राज्यों से प्रदेश में आ रहे करीब एक लाख लोगों को क्वारैंटाइन में रखा जाए। योगी सरकार ने बयान जारी कर कहा है कि जो भी लोग पिछले तीन दिनों में दूसरे राज्यों से यूपी में आए हैं, उनके नाम, पते और फोन नंबर अलग-अलग जिलों के डीएम को मुहैया करा दिए गए हैं और उन पर निगरानी का काम भी शुरू हो गया है। खुद मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि जिन्हें भी क्वारैंटाइन में रखा जाएगा, उनके लिए खाने और रोज की जरूरतों पर भी ध्यान दिया जाएगा। योगी ने कहा कि राज्य में लॉकडाउन के दौरान किसी को भी भूखा नहीं रहना पड़ेगा। उन्होंने अफसरों को जल्द से जल्द सप्लाई चेन मजबूत करने के भी आदेश दिए।
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कोरोनावायरस के खतरे के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया था कि देश 21 दिन के लॉकडाउन पर रहेगा। हालांकि, उनकी अपील के कुछ घंटों के बाद ही हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने काम वाले शहर छोड़कर गृहनगरों की तरफ लौटने लगे हैं। यातायात और रेल सेवा के बंद होने के चलते मजदूरों ने पैदल ही अपने घरों की तरफ जाना शुरू कर दिया। इन्हें रोकने के लिए भी कोई माकूल इंतजाम नहीं किए गए। जिसके चलते कोरोनावायरस के फैलने का खतरा लगातार बढ़ने की आशंका है।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस स्थिति को देखते हुए ही शनिवार को ऐलान किया था कि वह दिल्ली बॉर्डर और लखनऊ में फंसे अपने लोगों को लाने-ले जाने के लिए 1000 बसों का इंतजाम करेगी। इसके बाद से ही दिल्ली और उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर हजारों लोग जमे हैं। पलायन कर रहे लोगों से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी दिल्ली में ही ठहरने की अपील की। लेकिन लोगों ने इनकी इस अपील को मानने से इनकार कर दिया है। इसके बाद योगी सरकार एक्शन में आई है।
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