प्रियरंजन
भीड़-भाड़ और शोर-कौतूहल के बीच विश्व व्यापार मेले का हरियाणा मंडप लोगों का ध्यान खींच रहा हैं। दरअसल हरियाणा की परंपरागत छवि से हटकर यहां कुछ और भी प्रदर्शित किया जा रहा है। जो युवाओं के स्वरोजगार और उनके स्वावलंबन से जुड़ा है। यहां नव उद्यम लगाकर सफल हुए युवाओं की टोली बैठी हुई है, जिनकी सफलता हरियाणा सरकार की नव उद्यम योजना की अनकही कहानी बयां कर रहा है।
ये नव उद्यमी युवक यह बता रहे हैं कि कृषि प्रधानी और खेल-कुश्ती में परचम लहराने वाले हरियाणवी युवा अब ‘आंत्रप्रन्योर’ बनने की राह में तेजी से अपने कदम बढ़ा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को सफल बनाने में अब हरियाणवी युवा निकल चुका है, सफलताओं के झंडे ऊंचे कर रहा है। दरअसल, प्रगति मैदान में चल रहे विश्व व्यापार मेले में हरियाणा से जुड़े कई ऐसे नव उद्यम को यहां जगह दी गई है। उनमें इलेक्ट्रिक साइकिल के जरिए नव उद्यम की दुनिया में आइकन बन चुके युवा विकास यादव भी हैं। विकास की यात्रा चुनौतीपूर्ण लेकिन प्रेरणादायक है।
विकास जापान की राजधानी तोक्यो में बहुचर्चित कंपनी ‘टेस्ला’ में नौकरी कर चुके हैं। कोरोना काल की बेरोजगारी ने उन्हें स्वदेश लौटने और अपना कुछ शुरू करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने हरियाणा के रेवाड़ी में अपना खुद का नव उद्यम शुरू करने की ठानी। उन्होंने इलेक्ट्रिक-साइकिल बनाने का निश्चय किया। ‘मेक इन इंडिया’ के नारे से प्रेरित होकर विकास ने ‘मेक इन हरियाणा’ को अपना लक्ष्य बनाया।
बकौल विकास, उन्होंने पैनासोनिक बैटरी सेल से बैटरी पैक तैयार किया जो उनकी साइकिल के लिए बेहतर है। यह इलेक्ट्रिक-साइकिल सभी वर्गों को देखते हुए तैयार की गई है। इस इलेक्ट्रिक साइकिल में ग्रामीण क्षेत्र में 50 से 60 किलोमीटर जाने के लिए मात्र तीन से पांच रुपए (सड़कों के हिसाब से) का खर्च आता है। यह भारत की पहली साइकिल कंपनी बनी है जिसमें फ्रंट ड्राइव, मिड ड्राइव और रेयर ड्राइव विकल्प मौजूद हैं।
अब निर्यात करने की तैयारी में जुटे
मेले में वे अपनी सफलता की कहानी लोगों को बता रहा है कि उन्होंने आपदा को निश्चित तौर पर अवसर में बदला। विकास बताते हैं कि अब वे इसे निर्यात करने की तैयारी में जुटे हैं। विदेशी मांग पर उनके उत्पाद सैंपल कोरिया, नीदरलैंड और साउथ अफ्रीका भेजे जा चुके हैं। उनके इस नव उद्यम को विदेशों में भी बहुत अच्छी व्यापारिक प्रतिक्रिया मिली है। आधुनिक तकनीक से बनी इलेक्ट्रिक-साइकिल स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण सहजने में भी मददगार साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि लोग इसे तीन समस्याओं का एक समाधान मान सकते हैं। पर्यावरण संरक्षण,स्वास्थ्य और जाम से मुक्ति की इसे ‘त्रियुक्ति’ कहा जा रहा है।