विपक्षी कांग्रेस और राकांपा ने गैर-मराठियों को आॅटो रिक्शा के परमिट मिलने को लेकर की गई टिप्पणियों के लिए राज ठाकरे की आलोचना की है। दोनों दलों ने ठाकरे पर ‘घृणा की राजनीति’ करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा-शिवसेना सरकार से मांग की है कि मनसे के अध्यक्ष के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।

राज ठाकरे ने नए आॅटो रिक्शा के परमिटों में से 70 फीसद परमिट गैर-मराठियों को दिए जाने का दावा करते हुए बुधवार को धमकी दी थी कि अगर ये वाहन सड़कों पर चलते नजर आए तो उनके कार्यकर्ता इन्हें आग लगा देंगे।

कांग्रेस के प्रवक्ता अल-नसीर जकारिया ने कहा कि ठाकरे की ओर से हिंसा भड़काने की खुली धमकी साफ तौर पर भाजपा नेतृत्व वाली सरकार की आतंकी तत्वों से निपटने में अयोग्यता के बारे में बहुत कुछ कहती है। वहीं राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के तहत ठाकरे को गिरफ्तार किया जा सकता है।

जकारिया ने कहा, ‘यह बहुत हैरान करने वाला है कि कोई घृणित भाषण देता है और उसे बच निकलने दिया जाता है।’ उन्होंने सवाल उठाया, ‘जब कन्हैया कुमार जैसा गैर-नेता बोलता है तो उसे राष्ट्रविरोधी करार देकर जेल में डाल दिया जाता है। यही रुख राज ठाकरे के साथ क्यों नहीं अपनाया जाता?’

जकारिया ने कहा, ‘मौजूदा शासन में अगर वह हिंसा भड़काने के बारे में खुले तौर पर बोल सकते हैं तो यह आतंकी तत्वों पर काबू पाने में मौजूदा सरकार की अयोग्यता के बारे में बहुत कुछ कह जाता है।’ मलिक ने कहा कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) को उसकी ‘घृणा राजनीति’ के चलते पिछले 10 साल में लोगों ने खारिज किया है।

उन्होंने कहा, ‘दंड प्रक्रिया संहिता में ऐसे प्रावधान हैं, जिनके तहत अपने लोगों को हिंसा में शामिल होने के लिए कहने पर उनकी तत्काल गिरफ्तारी हो सकती है। अगर भाजपा सरकार ऐसा कुछ नहीं करती, तो लोग समझेंगे कि प्रवासियों में आतंक फैलाने और मराठी वोट हासिल करने के लिए मनसे और भाजपा के बीच एक गुप्त समझौता है।’

इसस पहले राज ठाकरे ने दावा किया था कि नए परमिटों में लगभग 70 फीसद परमिट गैर-मराठियों को दिए गए हैं। ठाकरे ने मांग की कि इस मिट्टी के बेटों को ही लाइसेंस दिए जाने चाहिए। मनसे की 10वीं वर्षगांठ पर पार्टी समर्थकों की एक सभा को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने कहा था, ‘अगर नए परमिट वाला कोई आॅटो सड़क पर चलता दिखाई देता है तो अंदर बैठे हुए लोगों को बाहर आने के लिए कहा जाएगा और आॅटो को आग लगा दी जाएगी। चूंकि राज्य परिवहन विभाग शिवसेना के पास है, तो मैं पूछना चाहता हूं कि उसे इस सौदे में कितना मिल रहा है?’