MP Vidhan Sabha Election Chunav Result 2018: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 के नतीजे आ चुके हैं। 15 साल बाद बीजेपी की सत्ता से विदाई हुई है। एक दशक से अधिक समय से शिवराज सिंह चौहान राज्य के मुख्यमंत्री थे फिर भी सरकार के खिलाफ कथित ‘एंटी इनकंबेसी’ फैक्टर भी पूरी तरह से कांग्रेस के काम नहीं आया और वह बहुमत के लिए जरूरी अंक तक पहुंचने से दूर रह गयी। हालांकि सहयोगी पार्टी के समर्थन से कांग्रेस राज्य में सरकार बनाने जा रही है। देर रात तक मतगणना में कभी कांग्रेस पार्टी बाजी मारती दिख रही थी तो कभी बीजेपी। अपने कार्यकाल में शिवराज सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलाने का दावा किया लेकिन ये सब भी बीजेपी को जीत नहीं दिला सकी। संबल, भावांतर और लाड़ली लक्ष्मी योजना जैसी कई योजनाएं मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार द्वारा चलाई गयी थी।
शिवराज सरकार की वो योजनाएं जिनकी हुई चर्चा- भावांतर योजना, संबल योजना, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना, मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा इंजीनियर-कान्ट्रेक्टर योजना, निःशुल्क पैथालॉजी जाँच योजना, मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना।
हालांकि, मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने शिवराज चौहान की लगातार आलोचना करते हुए उन्हें केवल घोषणाएं करने वाला मुख्यमंत्री बताया था। कांग्रेस का कहना था कि चौहान की योजनाएं केवल कागजों पर रहती हैं और उन्हें वास्तव में लागू नहीं किया गया।
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मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत लड़कियों की शादी करने पर सरकार की ओर से मिलने वाली मदद ने उनको शिवराज को पूरे प्रदेश में ‘मामा’ के नाम से प्रसिद्ध करा दिया। चुनाव पूर्व सर्वे में शिवराज को सीएम पद के लिए सबसे ज्यादा लोकप्रिय नेता बता रहे थे। लेकिन चुनाव परिणाम में शिवराज सरकार नहीं बना सके। कांग्रेस पार्टी की माने तो शिवराज के कार्यकाल में 156 घोटाले हुए। जिनमे उसने व्यापम घोटाला, डीमेट घोटाला, जमीन का घोटाला, 1200 करोड़ रुपए का वजीफा घोटाला और ई-टेंडरिंग में तीन हजार करोड़ के घोटाले आदि का जिक्र किया था। जिसका नुकसान बीजेपी को उठाना पड़ा है।
एक आंकड़े के अनुसार पूरे प्रदेश में करीब 1.41 करोड़ बेरोजगार हैं। एमपी में 2018 में अब तक 1500 से ज्यादा महिलाओं और बच्चियों पर यौन हमले हुए। इस वजह से भी लोग शिवराज सरकार से नाराज थे। मध्य प्रदेश में कांग्रेस 230 में से 114 सीट, बीजेपी को 109, बीएसपी को 2 और सपा को एक सीट मिली है, जबकि अन्य के खाते में 4 सीटें आयी हैं।