शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में हैं। वहीं ईडी की हिरासत में रहते हुए उन्होंने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में एक लेख लिखा है और इससे उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। ईडी का कहना है कि संजय राउत जेल से कॉलम नहीं लिख सकते और ईडी इस मामले को लेकर उनसे पूछताछ करेगी कि उन्होंने यह लेख खुद लिखा है या नहीं? बता दें कि संजय राउत शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के मुख्य कार्यकारी संपादक हैं।
संजय राउत ने अपने लेख के माध्यम से महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी पर निशाना साधा। संजय राउत ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा गुजरातियों और मराठियों पर दिए गए बयान को लेकर उनपर निशाना साधा। संजय राउत ने लिखा, “राज्यपाल का ये बयान बिना किसी उद्देश्य के कैसे हो सकता है? उनका कोई उद्देश्य होगा। मुंबई के गुजराती-मारवाड़ी समाज के लोगों को भी राज्यपाल का बयान पसंद नहीं आया और उन्होंने उनके भाषण की निंदा की है।”
बता दें कि कुछ दिन पहले मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने गुजरातियों और मराठियों को लेकर एक बयान दिया था, जिसपर हंगामा मचा था। राज्यपाल ने कहा था, “गुजराती और मारवाड़ी लोग मुंबई में हैं, इसलिए मुंबई को आर्थिक राजधानी का दर्जा प्राप्त है। गुजराती-मारवाड़ी लोग अगर चले गए तो मुंबई में पैसा नहीं बचेगा और यह आर्थिक राजधानी नहीं रह जाएगी।” हालांकि विवाद बढ़ता देख राज्यपाल ने अपने इस बयान के लिए माफ़ी भी मांग ली थी।
संजय राउत ने अपने लेख के माध्यम से ईडी पर भी निशाना साधा है। राउत ने लिखा, “सुगर फैक्ट्री, टेक्सटाइल मिल्स और अन्य उद्योग जो मराठी लोगों द्वारा संचालित किये जाते हैं, उसे जांच एजेंसी निशाना बना रही है। ईडी ने ऐसे उद्योगों को बंद करा दिया है और मराठी व्यापारियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए हैं। राज्यपाल को इसके बारे में भी बात करनी चाहिए।”
ईडी ने ‘पात्रा चॉल घोटाले’ में संजय राउत को गिरफ्तार किया है। पिछले हफ्ते संजय राउत को ईडी ने गिरफ्तार किया था और फिर कोर्ट ने उन्हें ईडी की हिरासत में भेज दिया था।