Coronavirus: महाराष्ट्र में भाजपा उपाध्यक्ष किरीट सोमैया ने मुंबई के स्थानीय निकाय बीएमसी द्वारा संचालित सायन हॉस्पिटल का एक सीसीटीवी फुटेज शेयर किया है जो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है। फुटेज हॉस्पिटल में कोरोना मरीजों के लिए बनाए वार्ड नंबर पांच का है, जहां से तीन मई को रात 9:25 बजे एक कोविड-19 मरीज वार्ड की खिड़की की छलांग लगाकर हॉस्पिटल से भाग गया। हालांकि बाद में मरीज को हॉस्पिटल के सुरक्षाकर्मी किसी तरह वापस लाने में कामयाब रहे हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि ये वही वार्ड है जहां शवों को कोरोना मरीजों के साथ रखा जाता है। पूर्व सांसद ने ट्वीट में प्रदेश की ठाकरे सरकार पर तंज कसते हुए लिखा, ‘वाह रे… ठाकरे सरकार।’ सामने आए फुटेज में आए कुछ लोग कोविड वार्ड के गलियारे में बैठे हैं। तभी वार्ड के अंदर से एक मरीज भागता हुआ आया और खिड़की से बाहर छलांग लगा दी। फुटेज में एक नर्स भी मरीज के पीछे भागती हुई नजर आती है।
यहां देखें फुटेज
Another Video of Sion Hospital Corona Ward 5, a COVID19 Patient jumps out from Ward/Window on 3 May 9.25pm. Subsequently brought back by Security Persons. this is same ward, where Dead Bodies kept with Live Patients.
Vah re Thackeray Sarkar!!@BJP4Maharashtra @Dev_Fadnavis pic.twitter.com/eS3h6m5IAl
— Kirit Somaiya ( Modi ka Pariwar) (@KiritSomaiya) May 8, 2020
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को भी हॉस्पिटल एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कोरोना वायरस संक्रमण से मरे लोगों के शव कोविड-19 मरीजों के पास रखे दिख रहे थे। वीडियो वायरल होने के बाद जांच की घोषणा करते हुए सायन इलाके में स्थित लोकमान्य तिलक महापालिका सर्वसाधारण अस्पताल के डीन डॉक्टर प्रमोद इंगले ने कहा था कि परिजन शव लेकर जाने से कतरा रहे थे, इसलिए ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) द्वारा जारी बयान में डॉक्टर इंगले ने कहा कि वीडियो कितना सही है, इसकी जांच की जाएगी।
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मामले इससे पहले डीन ने कहा था कि कोरोना वायरस से मरने वालों के परिजन अक्सर शव को ले जाने से कतरा रहे हैं और यही कारण है कि शव वहां ऐसे ही पड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमने वहां से शव हटा दिए गए और मामले की जांच की जा रही है। यह पूछने पर कि शवों को मुर्दाघर में क्यों नहीं भेजा गया है, डॉक्टर इंगले ने कहा कि अस्पताल के मुर्दाघर में 15 शवों को रखने की व्यवस्था है, जिनमें से 11 भरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि अगर सभी शवों को मुर्दाघर भेज दिया जाए तो वहां कोरोना वायरस संक्रमण के अलावा अन्य कारणों से मरने वालों का शव रखने की जगह नहीं बचेगी।
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गुरुवार शाम को बीएमसी द्वारा जारी बयान के अनुसार डॉक्टर इंगले ने कहा कि स्थानीय निकाय ने वीडियो के तथ्य और सत्यता की जांच करने के लिए समिति गठित की है। वह 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपेगी और इसके लिए जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी। इंगले ने बताया कि राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार बीएमसी ने निर्देश दिया था कि कोविड-19 से मरने वाले लोगों के शव 30 मिनट के भीतर रिश्तेदारों को सौंप देने हैं।