Coronavirus lockdown in india: 15 अप्रैल से शुरू हुए लॉकडाउन 2.0 के बाद भी प्रवासी मजदूरों का बड़े शहरों से अपने गांव तक पैदल मार्च जारी है। हालांकि, पहले लॉकडाउन की तुलना में यह संख्या कम है। गुरुवार को भी मुंबई-आगरा हाईवे पर ऐसे प्रवासी मजदूरों के कई छोटे-छोटे समूह दिखाई दिए। इन्हें रोकने के लिए पुलिस की मशक्कत भी जारी रही और जगह-जगह से कई मजदूरों को पुलिस ने वापस भी भेजा।
नंदलाल निषाद (38), मुंबई से करीब 1400 किलोमीटर दूर इलाहाबाद जाने के लिए पैदल निकल पड़े हैं। उन्होंने बताया कि मैं दो दशक पहले मुंबई आया था। शुरुआत में लॉकडाउन के बाद मैं दिन सिर्फ एक बार भोजन कर सकता था। अब मुझे उसके लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। खबर की रिपोर्टिंग किए जाने के वक्त नंदलाल निषाद हाइवे पर बैठे थे और ग्रामीणों द्वारा शाहपुर में दिए गए कुछ बिस्कुट खा रहे थे।
इसी बीच पुलिस ने एक व्यक्ति को रोका और 30 अन्य लोगों के साथ हाइवे के पास एक आश्रम में ले गई। शख्स ने बताया कि वो गुरुवार सुबह तीन बजे मुंबई से निकला था और पुलिस द्वारा रोके जाने तक भिवंडी पहुंच चुका था। वह आजीविका के लिए घरों में पेंट करने का काम करता है।
आश्रम में रंजना पवार (35) और उनके परिवार के 9 अन्य लोग भी थे। ये परिवार बुधवार रात आठ बजे मुंबई के मीरा रोड से घर जाने के लिए पैदल निकले थे। रंजना कहती हैं कि उन्हें अपने पड़ोसियों के व्यवहार के चलते मजबूर होना पड़ा। उन्हें 570 किलोमीटर दूर अपने घर जाना है। मगर पुलिस ने मीरा रोड से 55 किलोमीटर दूर एक नाके पर रोक लिया।
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उन्होंने बताया कि कश्मीरा इलाके के देचकुल चौक में उनके पड़ोसियों ने बस्ती का सार्वजनिक शौचालय और नल का इस्तेमाल करने से मना किया था। इसके चलते उन्हें पब्लिक वॉशरूम का इस्तेमाल करने और इसका भुगतान करने के लिए मजबूर होना पड़ा। पड़ोसियों का कहना है कि हम संक्रमित हैं।
इसके अलावा आठ लोगों का एक समूह 1200 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के बांदा तक साइकिल से जाने की कोशिश में थे। उन्हें 80 किलोमीटर दूर, कसारा घाट से वापस भेज दिया गया। समूह में शामिल रोहित कुमार कहते हैं कि वो मुंबई में एक बेकरी में काम करते थे। बेकरी बंद होने के बाद हमारे न्योक्ताओं ने भुगतान करना बंद कर दिया। वहीं राजकुमार कहते हैं, ‘पुलिस ने हमें उतारा और कहा कि हम वापस चले जाएं।’ मुंबई से 1200 किमी दूर घर के लिए पैदल निकल पड़ा एचआईवी पॉजिटिव बुजुर्ग, बेटे ने कहा- लॉकडाउन में नहीं मिल रहा खाना