Aaditya Thackeray Criticism on CM Eknath Shinde: गुजरात के हाथ टाटा एयरबस परियोजना लगने के बाद महाराष्ट्र पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने एकनाथ शिंदे-फडणवीस सरकार पर निशाना साधा है। आदित्य ठाकरे ने शुक्रवार को ‘टाटा एयरबस प्रोजेक्ट’ के महाराष्ट्र से गुजरात चले जाने के बाद शिंदे सरकार पर तंज कसा और कहा कि इंडस्ट्री को इस ‘खोके सरकार’ में कोई विश्वास नहीं है। साथ ही सवाल पूछा कि आखिर परियोजनाएं महाराष्ट्र से बाहर क्यों चली जा रही हैं? शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने कहा कि ऐसे में उद्योग मंत्री उदय सामंत को इस्तीफा दे देना चाहिए।

आदित्य ठाकरे ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘जुलाई से ही मैं लगातार मांग कर रहा हूं कि ‘टाटा एयरबस परियोजना’ को महाराष्ट्र से बाहर नहीं जाना चाहिए, लेकिन एक बार फिर से ऐसा ही हुआ। पिछले तीन महीनों से परियोजनाएं महाराष्ट्र से बाहर क्यों चली जा रही हैं?’

इस साल सितंबर में शिंदे के वफादार सामंत ने कहा था कि टाटा-एयरबस विमान निर्माण परियोजना विदर्भ में नागपुर के पास आएगी। पुणे जिले के शिरूर तहसील में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए आदित्य ठाकरे ने पूछा, “क्या राज्य सरकार जवाब देगी कि ये परियोजनाएं राज्य से बाहर क्यों जा रही हैं? यह चौथा प्रोजेक्ट है महाराष्ट्र जो दूर हो गया है।

आदित्य ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र जब से एकनाथ शिंदे की सरकार सत्ता में आई है। तब वे हमेशा दावा करते हैं कि उनके पास डबल इंजन वाली सरकार है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का एक इंजन भले ही काम कर रहा हो, लेकिन राज्य सरकार का इंजन फेल हो गया है।

प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि घटिया राजनीति की कीमत महाराष्ट्र को भुगतनी पड़ रही है

राज्यसभा सांसद और उद्धव ठाकरे गुट की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘वेदांत-फॉक्सकॉन, मेडिकल डिवाइस पार्क, बल्क ड्रग्स पार्क और अब टाटा-एयरबस प्रोजेक्ट… सभी महाराष्ट्र से बाहर चले गए हैं…50 ‘खोके सरकार’ के लिए धन्यवाद… वे दिल्ली दरबार में 50 खोके गिनने और ‘जी हज़ूरी’ करने में व्यस्त थे। उनकी घटिया राजनीति की कीमत महाराष्ट्र को भुगतना पड़ रहा है। उन्हें शर्म आनी चाहिए।”

राकांपा ने सीएम शिंदे का मांगा इस्तीफा

राकांपा ने शिंदे पर अपने राजनीतिक आकाओं (भाजपा) के सामने झुकने का भी आरोप लगाया। राकांपा नेता महेश तापसे ने मीडियाकर्मियों से कहा, ‘वेदांत-फॉक्सकॉन के बाद अब एकनाथ शिंदे की अक्षमता के कारण टाटा-एयरबस परियोजना गुजरात में चली गई है, क्योंकि वह बार-बार महाराष्ट्र में निवेश और परियोजनाओं को बनाए रखने में विफल रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि शिंदे मुख्यमंत्री के अपने पद को बचाने में व्यस्त हैं, जबकि गुजरात ने महाराष्ट्र पर अपनी सर्जिकल स्ट्राइक जारी रखी है। वेदांत-फॉक्सकॉन से बाहर निकलने के बाद शिंदे ने स्पष्ट रूप से कहा कि टाटा-एयरबस परियोजना नागपुर में आएगी। आज उनका झूठ बेनकाब हो गया है। तापसे ने मांग की कि पूर्व ब्रिटिश पीएम लिज़ ट्रस की तरह शिंदे को महाराष्ट्र के हितों को बनाए रखने में सक्षम नहीं होने के लिए तुरंत सीएम पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

सामंत ने पिछली महाराष्ट्र सरकार को ठहराया दोषी

हालांकि, सामंत ने परियोजना का महाराष्ट्र से बाहर जाने के लिए पिछली महा विकास अघाड़ी सरकार को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि विपक्ष युवाओं के मन में भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहा है। 21 सितंबर, 2021 (जब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सत्ता में थी) को केंद्र सरकार और कंपनियों के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। फिर करीब एक साल पहले कंपनी ने तय किया कि यह प्रोजेक्ट गुजरात जाएगा। मैंने एक बार कहा था कि हम उस प्रोजेक्ट को महाराष्ट्र लाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यह पहले ही गुजरात जा चुका था और हम इसे यहां लाने की कोशिश कर रहे थे।

बता दें, गुरुवार को रक्षा अधिकारियों ने जानकारी दी थी कि भारतीय वायु सेना के लिए सी-295 परिवहन विमान का निर्माण टाटा-एयरबस द्वारा गुजरात के वडोदरा में किया जाएगा। पीएम मोदी रविवार को वायु सेना के लिए सी-295 परिवहन विमान के उत्पादन को लेकर गुजरात के वडोदरा में एक विनिर्माण सुविधा की आधारशिला रखेंगे। यूरोपीय कंपनी एयरबस और भारतीय समूह टाटा के एक कंसोर्टियम (संघ) द्वारा इन विमानों का उत्पादन किया जाएगा।