हिंदू महासभा के राज्य सचिव धर्मेंद्र को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और भाजपा सरकार को धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने मौजूदा सीएम के साथ पूर्व सीएम येदियुरप्पा और मंत्री शशिकला जोले का नाम लेते हुए कहा था कि हमने गांधी को नहीं बख्शा। तुम हमारे लिए कुछ नहीं हो। हम तुम्हे भी नहीं बख्शेंगे। उन्होंने मैसूर व अन्य जगहों पर मंदिरों को ढहाने के मामले में सरकार पर तीखा हमला बोला था। पुलिस का कहना है कि सभा के नेता राजेश पवित्रन, प्रेम व संदीप समेत अन्य पदाधिकारियों से भी पूछताछ की जा रही है।
धर्मेंद्र ने शनिवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा था कि अगर राज्य में मंदिरों को तोड़ना जारी रहा तो हिंदू महासभा बोम्मई के नेतृत्व वाली कमजोर भाजपा सरकार को नहीं बख्शेगी। उन्होंने कहा था- हमें उन संघ परिवार के संगठनों पर दया आती है जो मंदिर तोड़े जाने के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। अगर वे ईमानदार हैं तो उन्हें आने वाले चुनाव में भाजपा को हराना चाहिए और हिंदू महासभा का समर्थन करना चाहिए। उनका कहना था कि हिंदू महासभा ही हिंदुओं के हितों की लड़ाई जोरदार व असरदार तरीके से लड़ सकती है। बीजेपी इस मामले में बेहद कमजोर साबित हुई है।
The leader of the All India Hindu Mahasabha in #Karnataka, Dharmendra, in his #hatespeech is glorifying the killing of the father of the nation Mahatma Gandhi & making open threats of killing others.@HMOKarnataka @DgpKarnataka arrest these terrorists before they ravage the nation https://t.co/VefCTsMKte
— Nusaybah (@hate_stopper) September 18, 2021
हिंदू महासभा के नेता ने कहा कि सरकार ने चित्रदुर्गा, दक्षिण कन्नड़ और मैसूर में मंदिरों को ढहा दिया है। उनका सवाल था कि आखिर इस सरकार को कौन चला रहा है। उन्होंने कहा कि मस्जिद और चर्च क्यों नहीं ढहाए जा रहे हैं। हमारा संविधान समानता के अधिकार की बात करता है। तो सिर्फ मंदिरों को क्यों निशाना बनाया जा रहा है।
उधऱ, कर्नाटक सरकार ने कहा कि उसे मैसूर जिला प्रशासन के मंदिर गिराने की योजना की जानकारी नहीं थी। सरकार इस पर बैठकर विचार-विमर्श करेगी। इसके बाद उचित दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे। सरकार ने कहा कि तत्काल ऐसे अभियानों को रोकने के आदेश दे दिए हैं।
सरकार का कहना है कि मंदिरों को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट ने आदेश जारी किए हैं। उसके मुताबिक ही मैसूर प्रशासन कार्रवाई कर रहा है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ने सरकारी जमीनों पर बने अवैध निर्माणों पर सख्ती न करने के लिए सरकार को फटकार लगाई थी। अपने एक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 29 सितंबर, 2009 के बाद बना कोई भी अवैध धार्मिक निर्माण मान्य नहीं होगा।