गुजरात की वाघोडिया विधानसभा सीट (Waghodia assembly seat) से छह बार के विधायक मधुभाई श्रीवास्तव ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। दरअसल बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया, जिसके कारण उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया। मधुभाई श्रीवास्तव ने कहा कि 25 साल पहले नरेंद्र मोदी और अमित शाह के आग्रह पर वो पार्टी में शामिल हुए थे और उन्हें अब इसका मलाल है।

मधुभाई श्रीवास्तव मजबूत और बाहुबली नेता माने जाते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल टिकट के बारे में कुछ नहीं कर सकते क्योंकि सब कुछ दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व द्वारा तय किया जाता है। बता दें कि मधुभाई पर 2002 के गुजरात दंगों का मामले भी चला था। उन्होंने कहा कि उन्होंने भूपेंद्र पटेल से बात नहीं की है उन्होंने कहा, “मैं ऐसा क्यों करूंगा? मेरा पीएम मोदी और अमित शाह से सीधा संबंध है। लेकिन टिकट नहीं मिलने के बाद भी उन्होंने मुझसे बात नहीं की।”

सूत्रों के अनुसार मधुभाई श्रीवास्तव उन छह विद्रोहियों में से एक थे, जिन्होंने पिछले कुछ दिनों में राज्य सरकार में मंत्री हर्ष सांघवी से मिलने से इनकार कर दिया था। मधुभाई श्रीवास्तव 1995 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीतने के बाद भाजपा में शामिल हुए थे। वह और उनके परिवार के सदस्य कांग्रेस, जनता दल और अन्य दलों के साथ भी रहे हैं।

उन्होंने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, “मैं खुद बीजेपी में नहीं आया। जब मैं 1995 में भारी अंतर से जीता, तो नरेंद्र मोदी और अमित शाह मुझसे भाजपा में शामिल होने का अनुरोध करने आए। यही कारण है कि मैं पार्टी में शामिल हुआ।” बता दें कि मुख्यमंत्री बनने से पहले पीएम मोदी उस समय राज्य में भाजपा के पदाधिकारी थे। अमित शाह, जो अब केंद्रीय गृह मंत्री हैं, उस समय राज्य स्तर के नेता थे।

मधुभाई श्रीवास्तव ने कहा कि वडोदरा जिला भाजपा अध्यक्ष अश्विन पटेल, जिन्हें उनके स्थान पर टिकट मिला है, उन्होंने कभी भी लोकल चुनाव नहीं जीता है। उन्होंने कहा, “मैं स्पष्ट रूप से बहुत परेशान हूं और भाजपा से नाराज हूं। मैंने सभी पदों को छोड़ दिया है।” भाजपा ने अभी तक मधुभाई की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया नहीं दी है। बीजेपी ने 182 सीटों में से 160 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची में पांच मंत्रियों और विधानसभा अध्यक्ष सहित 38 मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया गया है।