संसद के बाहर गुरुवार (23 जुलाई, 2021) को एक अजीब घटना देखने को मिली। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा और प्रताप सिंह बाजवा इस दौरान मीडिया से बातचीत कर रहे थे, तभी दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें रोका और कहा कि आपकी सूचना बड़े अफसरों तक पहुंचानी है।

दोनों सांसद इसके बाद पुलिस अधिकारी से पूछने लगे कि वो ऊंचा अफसर कौन है, जो मीडिया से उन्हें बात करने पर रोक रहा है? हालांकि, पुलिस अधिकारी ने इसका जवाब नहीं दिया। हुड्डा ने इसके बाद अंग्रेजी न्यूज चैनल एनडीटीवी को बताया कि संसद में उन्होंने किसानों के मुद्दे पर बातचीत करने का प्रस्ताव रखा था। पर वह खारिज कर दिया गया, इसलिए उन्होंने बाहर आकर मीडिया के सामने बात रखना चाहा पर वहां भी उन्हें रोक दिया गया।

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उन्होंने आगे कहा, “यह बतौर नागरिक, किसान और सांसद के अधिकारों का हनन है। संसद के अंदर भी हमारे अधिकारों हनन किया गया और संसद के बाहर भी।” बता दें कि पूरे घटनाक्रम के बाद हुड्डा ने कहा कि संसद में दिल्ली पुलिस के खिलाफ प्रिविलेज नोटिस लाएंगे, क्योंकि उनके अधिकारों का हनन किया गया है।

इसके बाद हुड्डा का ट्वीट भी सामने आया, जिसमें उन्होंने लिखा, “जनतंत्र के मंदिर में जनता भगवान है। देश की 60 फीसदी जनता कृषि पर आधारित है पर आज हमें संसद के अंदर भी किसान की आवाज उठाने से रोका जा रहा है और संसद के बाहर, संसद परिसर के आस-पास भी। जिस मंदिर में भगवान की बात न हो, और जिस संसद में किसान की बात न हो, वहां संघर्ष ही धर्म है।”

यह देखना होगा कि किस प्रकार आगे का घटनाक्रम शक्ल लेता है और कांग्रेस पार्टी का आगे का इस पर क्या रवैया रहने वाला है, संभवतः इस मुद्दे को भी कांग्रेस संसद में उठा सकती है।