देश में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच सरकार तेजी से संक्रमण को रोकने के लिए तरह-तरह के कार्यक्रम चला रही है। देश में टेस्टिंग की संख्या बढ़ाई गई है। राज्यों की बात करें, तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संकट की स्थिति में भी मजबूत और तेजतर्रार फैसले लेने के लिए तारीफ हो रही है। हालांकि, विपक्ष ने योगी पर कोरोना के मामलों में स्पष्टता नहीं बरतने के आरोप लगाए हैं। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में टेस्टिंग को को लेकर काफी लोग चिंताएं व्यक्त कर रहे हैं। कोरोना से लड़ाई में पारदर्शिता बड़े काम की चीज है। सर्व समाज और सरकार मिलकर ही इस महामारी को शिकस्त दे सकते हैं।
प्रियंका ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में पूल टेस्टिंग के नाम से कई दर्जन लोगों के स्वाब इकट्ठे एक ही किट द्वारा टेस्ट हो रहे हैं। जबकि हेल्थ एक्सपर्ट्स ने इस प्रक्रिया के लिए सख्त नियम तय किए हैं, जिनका सही पालन न होने से नुकसान हो सकता है। कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार को पूल टेस्टिंग के इस्तेमाल में पूरे प्रीकॉशन्स लेने चाहिए और इसकी पूरी जानकारी जनता को देनी चाहिए।
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उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया इस बात को मान चुकी है कि ढंग से और ज्यादा टेस्टिंग ही कोरोना की रोकथाम की कुंजी है। यूपी सरकार ने दो दिनों से जांचों की संख्या बताना बंद कर दिया है। टेस्टिंग को लेकर पूरी तरह पारदर्शिता होनी चाहिए, ताकि जनता को जानकारी मिले और इस महामारी के खिलाफ समाज और प्रशासन एकजुट होकर लड़ पाएं। आंकड़ों की सच्चाई को छिपाने से समस्या घातक हो जाएगी। यूपी सरकार को यह जल्द से जस्द समझना होगा।
प्रिंयका ने कोरोना की जांचों पर सवाल उठाते हुए आगे कहा, “प्रदेश में किस लैब में रोज कितने टेस्ट हो रहे हैं? केजीएमयू सहित प्रदेश के अन्य टेस्टिंग लैब की प्रतिदिन की जांच क्षमता क्या है? यह आंकड़ा जनता के समक्ष रखना बहुत ही महत्वपूर्ण है।”
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कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाने के साथ यूपी सरकार को सलाह भी दीं। उन्होंने कहा कि क्वारैंटाइन केंद्रों में WHO की गाइडलाइन्स फॉलो करना बहुत ही महत्वपूर्ण है। क्वारैंटाइन केंद्रों में भोजन और नाश्ते की उपलब्धि स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा प्रति दिन जांच और केंद्र की स्वच्छता की रिपोर्ट जारी होनी चाहिए। क्वारैंटाइन की अवधि पूरी होने पर घर भेजने के पश्चात व्यक्तियों की दोबारा जांच करने की योजना जनता को स्पष्ट की जाए।