BJP नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को Congress पर जमकर जुबानी हमला बोला। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में जनता का मोह कांग्रेस से भंग हो गया है, क्योंकि जब ये सत्ता में थे तो यहां व्यापार और भ्रष्टाचार की सरकार चला रहे थे। उन्होंने इसके साथ ही राजस्थान में सियासी संकट को लेकर दावा किया कि मौजूदा परिस्थितियों में कांग्रेस पार्टी में क्षमता नहीं है। यह चीज हर राज्य में देखी जा सकती है।
भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमा भारती से उनके आवास पर मिलने के बाद उन्होंने मीडिया से कहा, ‘‘पूरे प्रदेश की जनता का मोह कांग्रेस से भंग हो गया है। क्योंकि इन्होंने 15 महीने व्यापार और भ्रष्टाचार की सरकार चलाई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब ये (कांग्रेस) मध्यप्रदेश की सत्ता में थे। 15 महीने तब पूरा भ्रष्टाचार की सरकार चल रही थी वल्लभ भवन में (मंत्रालय भवन) और इसलिये मैं 90 दिन तक चुप रहा क्योंकि पूरा विश्व और प्रदेश कोरोना की महामारी के प्रकोप में चल रहा था और कमलनाथ जी और दिग्विजय सिंह राजनीतिक रोटी सेंक रहे थे। एक जनसेवा का कार्य नहीं हुआ। 15 महीने जो इन्होंने किया वहीं कोरोना में भी किया और आज इनको जवाब देने के लिये मैं मैदान में आ गया हूं।’’ उन्होंने कहा- कमलनाथ जब सीएम थे, तब उनके पास कोरोना पर बैठक के लिए समय नहीं था। मगर वह IIFA अवॉर्ड्स में हिस्सा लेने इंदौर पहुंचे थे।
हालांकि, सिंधिया ने राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर संकट के संबंध में पूछे गये सवाल पर बोलने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह उमा भारती से मिलने और उनका आर्शीवाद लेने के लिये आये हैं। उन्होंने कहा, ‘‘श्रद्धेय उमा भारती जी के साथ मेरा एक पारिवारिक संबंध सदैव रहा है। उनका आर्शीवाद मुझे प्राप्त हुआ है, मैं सौभाग्यशाली हूं।’’
पत्रकारों से बात करते हुए उमा भारती ने कहा, ‘‘जब मैं आठ साल की थी, तब से मुझे अम्मा जी (विजयाराजे सिंधिया:, ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी) का स्नेह मिला है। मैं ज्योतिरादित्य को तब से जाना है जब वह एक बालक थे।’’ भारती ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को आर्शीवाद देते हुए कहा, ‘‘मेरा प्रबल आर्शीवाद उनके साथ है। वह सारे प्रदेश और देश में जगमगायेंगे। उनका नाम ही ज्योतिरादित्य है।’’
बता दें कि मार्च में कांग्रेस के 22 विधायकों के राज्य विधानसभा से त्यागपत्र देने से कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत सरकार 15 महीने में ही गिर गयी थी और चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में भाजपा सरकार बनी है। वे रिकॉर्ड चौथी बार प्रदेश के मुखिया बने हैं। कांग्रेस के अधिकांश बागी विधायक, जिन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक माने जाते हैं।