चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर तमाम अटकलों के बीच दो दिवसीय पटना दौरे पर पहुंचे हैं। जहां वो कई नेताओं से मुलाकात करेंगे फिर अपने भविष्य के कदमों को लेकर चार मई को प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। वहीं इससे पहले प्रशांत किशोर ने एक ट्वीट करके अपनी पार्टी बनाने का इशारा किया है। उन्होंने कहा है कि अब समय आ गया है कि वो जनता के बीच जाएं।
पीके ने सोमवार सुबह ट्वीट करते हुए लिखा- “लोकतंत्र में एक सार्थक भागीदार बनने और जन-समर्थक नीति को आकार देने में मदद करने की मेरी यात्रा उतार-चढाव भरी रही है। अब मुद्दों और जन सुराज के मार्ग को बेहतर ढंग से समझने के लिए लोगों के पास जाने का समय आ गया है। शुरुआत बिहार से।”
मिली जानकारी के अनुसार पटना में प्रशांत किशोर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करेंगे और अन्य दलों के भी कुछ प्रमुख नेताओं से मिलेंगे। माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर पटना से अपने भविष्य के कदम को लेकर कुछ बड़ी घोषणा भी कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि पीके चार मई को एक प्रेस कांफ्रेंस करेंगे, जिसमें अपने भविष्य की योजनाओं को लेकर विस्तार से बताएंगे।
पिछले कुछ हफ्तों से कई मुद्दों पर मतभेदों के बाद भाजपा और जेडीयू के बीच संबंध काफी तनावपूर्ण हो गए हैं। किशोर ने इससे पहले 2015 के राज्य विधानसभा चुनावों में जद (यू) के लिए काम किया था और उस दौरान बिहार में आरजेडी और जेडीयू के बीच गठबंधन बना था और बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी थी। बाद में प्रशांत किशोर जदयू में शामिल भी हो गए थे।
पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद प्रशांत किशोर की यह पहली बिहार यात्रा है। नीतीश कुमार महागठबंधन से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे या भाजपा से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे, ये फैसला भी इस मीटिंग में हो सकता है।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद कांग्रेस और प्रशांत किशोर के बीच कई दौर की बातचीत हुई लेकिन ये बातचीत बेनतीजा रही क्योंकि प्रशांत किशोर कांग्रेस के ऑफर पर सहमत नहीं हुए और इसे ठुकरा दिया। इसी के साथ पीके की कांग्रेस में ज्वाइनिंग की संभावना भी खत्म हो गई। प्रशांत किशोर ने बंगाल चुनाव के दौरान ही कह दिया था कि चुनाव के नतीजों के बाद वो I-PAC को छोड़ देंगे।