Bihar Politics : नीतीश कुमार ने नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। उनके साथ बीजेपी के सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, जेडीयू के विजय कुमार चौधरी सहित आठ नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली। इससे पहले महागठबंधन सरकार के सीएम के तौर पर इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार ने कहा, ”यह स्थिति इसलिए आई क्योंकि सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था…मैं सभी से राय ले रहा था। मैंने उन सभी की बात सुनी। आज हमने इस्तीफा दे दिया और सरकार को समाप्त कर दिया है…” दूसरी तरफ तेजस्वी यादव ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, “हमने जो काम किया है उसका श्रेय हमें क्यों नहीं लेना चाहिए? मुख्यमंत्री कहते थे कि नौकरी देना नामुमकिन है, हमने नौकरियां दीं और दिखाया कि ये मुमकिन है… 17 साल भाजपा-जेडीयू की सरकार थी लेकिन जो काम 17 महीने में हुआ वह 17 साल में नहीं हो सका।” बिहार के सियासी बवाल की हर छोटी-बड़ी खबर यहां जानिए–
बिहार नीतीश कुमार सरकार और आरजेडी-जेडीयू का सियासी ड्रामा जारी है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार सुबह बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र अर्लेकर से मिलने का समय मांगा है। माना जा रहा है कि जेडीयू नेता नीतीश कुमार रविवार सुबह पद से इस्तीफा दे सकते हैं।
आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव की बेटी डॉ. रोहिणी आचार्य ने बिहार की घटनाक्रम पर अपना गुस्सा जाहिर किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, “जब तक सांस बाकी है, सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी है।”
बिहार में महागठबंधन की सरकार गिरने के पीछे कांग्रेस है। जेडीयू के वरिष्ठ नेता एवं प्रवक्ता केसी त्यागी ने शनिवार को दिल्ली में मीडिया को बताया कि कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बार-बार ‘‘अपमान’’ किया। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें विपक्ष से ‘‘काफी मजबूत’’ बीजेपी को चुनौती मिलने की कोई संभावना नहीं दिखती है।
बिहार में जारी राजनीतिक अनिश्नितता के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी एक उच्च पदस्थ सूत्र ने ‘पीटीआई’ को बताया कि वे अपना इस्तीफा सौंपने के लिए राजभवन जाने से पहले रविवार सुबह करीब 10 बजे विधायकों की बैठक को संबोधित कर सकते हैं और शाम तक बीजेपी के समर्थन से नई सरकार का गठन किए जाने की संभावना है। सूत्र ने कहा कि राज्यपाल सचिवालय सहित कार्यालयों को रविवार को खुले रहने का आदेश दिया गया है।
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के नेता श्याम सुंदर शरण ने कहा, ”…जिस तरह हमारी पार्टी गरीबों की बात करती है और उनके बीच काम करती है…हमें लगता है कि हमारी पार्टी के पास कम से कम दो मंत्री पद होने चाहिए। हम जनता को बेहतर सेवाएं दे सकेंगे। कार्यकर्ताओं की आकांक्षाएं पूरी होनी चाहिए। हमारे नेता प्रधानमंत्री के साथ खड़े हैं…।”
भाजपा के फिर से कुमार के साथ समझौता करने के लिए तैयार होने के संकेतों के बीच पार्टी को अपने अन्य सहयोगियों जैसे चिराग पासवान और उपेन्द्र कुशवाहा को भी साथ लाने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। पासवान और कुशवाहा दोनों नीतीश के कट्टर आलोचक हैं। गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के साथ बैठक में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने कुछ चिंताएं जताईं और समझा जाता है कि उन्होंने आश्वासन मांगा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में कुमार के आने बाद उनकी (चिराग की) पार्टी को लोकसभा में अपनी सीटों के साथ समझौता नहीं करना पड़ेगा।
जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता एवं प्रवक्ता के.सी. त्यागी ने शनिवार को स्पष्ट किया कि बिहार में महागठबंधन की सरकार गिरने के कगार पर है. त्यागी ने यह भी कहा कि उन्हें विपक्ष से ‘‘काफी सशक्त’’ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को वास्तविक चुनौती मिलने की कोई संभावना नहीं दिखती।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, राजद के कुछ नेता नई सरकार बनाने का दावा पेश करने के पक्ष में हैं और उन्हें उम्मीद है कि ‘महागठबंधन’ को बहुमत के आंकड़े को हासिल करने के लिए आठ विधायकों का समर्थन जुटाया जा सकता है लेकिन तेजस्वी यादव समेत अन्य इस विचार से सहमत नहीं दिख रहे हैं क्योंकि 243 सदस्यीय विधानसभा में जद (यू) और भाजपा के कुल मिलाकर 122 से अधिक सदस्य हैं।
शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के 10, सर्कुलर रोड स्थित आवास पर भी एकत्र हुए। पार्टी के सभी नेताओं को अपने मोबाइल फोन आवास के गेट के बाहर जमा करने के लिए कहा गया। घटनाक्रम की जानकारी रखने का दावा करने वाले सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री कुमार द्वारा गठबंधन तोड़ने की स्थिति में अपनाई जाने वाली रणनीति के बारे में विचार-विमर्श किया गया।
जद (यू) के वरिष्ठ नेता एवं प्रवक्ता के. सी. त्यागी ने नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में स्पष्ट किया कि बिहार में महागठबंधन की सरकार गिरने की कगार पर है और उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व के एक धड़े पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बार-बार ‘‘अपमान’’ करने का आरोप लगाया। त्यागी ने कहा, ‘‘विपक्षी गठबंधन इंडिया भी टूटने की कगार है। पंजाब, पश्चिम बंगाल और बिहार में ‘इंडिया’ में शामिल दलों का गठबंधन लगभग खत्म हो चुका है।’’
भाजपा की राज्य इकाई के प्रभारी विनोद तावड़े ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ से नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जद (यू) के अलग होने की संभावना के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है।
PTI को सूत्र ने बताया, ‘‘अपना इस्तीफा सौंपने से पहले नीतीश विधायक दल की एक पारंपरिक बैठक करेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि अपेक्षित व्यस्त गतिविधि के मद्देनजर सचिवालय जैसे सरकारी कार्यालयों को रविवार को दिन के दौरान खुले रहने के लिए कहा गया है ताकि BJP के समर्थन से नई सरकार का गठन हो सके। मु
बिहार के मुख्यमंत्री और जद (यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार रविवार सुबह तक इस्तीफा दे सकते हैं। नीतीश कुमार के करीबी एक उच्च पदस्थ सूत्र ने यह जानकारी दी। सूत्र ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर PTI बताया कि कुमार के शनिवार देर रात तक इस्तीफा देने की संभावना है लेकिन ऐसा निश्चित रूप से रविवार सुबह तक हो जाएगा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने शनिवार को कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नीतीश कुमार ‘इंडिया’ गठबंधन के सूत्रधार हैं और भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में लौटने से उनकी छवि को नुकसान होगा। रावत ने यह भी कहा कि अगर कुमार को कोई शिकायत है तो उसका समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘राजद और हम सभी, समाधान तलाशने के लिए तैयार हैं।’’
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, ‘‘खड़गे जी ने नीतीश कुमार से बात करने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं हो सकी…कभी बिहार के मुख्यमंत्री व्यस्त हैं तो कभी खड़गे जी व्यस्त हैं। उनके (नीतीश) यहां से फोन आया कि वह जनसभा में हैं, बात करेंगे।’’
सीट बंटवारे पर विलंब से जुड़े सवाल पर रमेश ने कहा, ‘‘यह कहना गलत है कि कांग्रेस की वजह से सीट बंटवारा नहीं हो सका। ऐसा नहीं है कि हमारी वजह से देरी हो रही है…राज्यों में हमारी मजबूत इकाइयां हैं….मुझे लगता है कि कुछ दिनों के भीतर हम सहमति बना लेंगे।’’
कांग्रेस ने बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में शनिवार को कहा कि विपक्षी गठबंधन इंडिया नहीं बिखरेगा तथा वह इसे मजबूत बनाने के लिए हर कदम उठाने को तैयार है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार की ‘इंडिया’ गठबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका और योगदान है तथा पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उनसे बातचीत करने के प्रयास किए, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। बिहार को लेकर उनका कहना था कि गठबंधन में परिस्थिति बेहतर हो सकती है। रमेश ने यह भी कहा कि गठबंधन को मजबूत करने के लिए हर कदम उठाने को तैयार है।
बिहार के सियासी बवाल में जीतनराम मांझी को काफी फायदा होता दिख रहा है। इस बात का अंदाजा एक पोस्टर से भी लगाया जा सकता है जिसमें लिखा है कि बिहार में बहार है, बिना मांझी सब बेकार है।
#WATCH | Patna, Bihar: Posters saying " Bihar mein bahaar hey, bina Manjhi sab bekar hey", put up outside the residence of Hindustani Awam Morcha (HAM) leader Jitan Ram Manjhi pic.twitter.com/YOYNFycrYK
— ANI (@ANI) January 27, 2024
तेजस्वी यादव को संदेश मिल चुका है कि अब सत्ता परिवर्तन होने वाला है। ऐसे में उन्होंने अपने सभी मंत्रालयों के काम तीन घंटे के अंदर में निपटा लिए हैं। दूसरे आरजेडी मंत्रियों ने भी ऐसा ही किया है।
तेजस्वी यादव इतनी जल्दी अपने हथियार डालने को तैयार नहीं है। उनकी तरफ से साफ कहा गया है कि बिहार में अभी खेल होना बाकी है। इससे पहले उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार का उनकी तरफ से हमेशा सम्मान किया गया। उन्होंने हर बार गठबंधन धर्म निभाया।
बिहार से बड़ी खबर आ रही है। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार आज ही देर शाम तक इस्तीफा दे सकते हैं। वे राज्यपाल से मिलकर अपना समर्थन पत्र भी देंगे। ये भी कहा जा रहा है कि कल दोपहर चार बजे उनका शपथ ग्रहण समारोह होगा।
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा कल बिहार जा सकते हैं। माना जा रहा है कि वे नीतीश के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेंगे। अभी तक कोई औपचारिक ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन अटकलें तेज हैं।
जीतन राम मांझी किस तरफ जाएंगे, इस पर काफी कुछ निर्भर रहने वाला है। इसी वजह से लालू यादव लगातार उनसे संपर्क साध रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तो मांझी से फोन पर बात भी की है। पूरी कोशिश है कि उनके विधायकों को अपने समर्थन में लाया जाए। इसके ऊपर इंडिया गठबंधन में भी उन्हें लाने पर बात हो रही है।
आरजेडी ने अपनी बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए साफ कर दिया है कि हर फैसले के लिए अब लालू यादव अधिकृत रहने वाले हैं। यानी कि हर बड़ा फैसला अब सीधे लालू यादव की तरफ से लिया जाएगा।
नीतीश के बीजेपी के साथ आने से चिराग पासवान असहज हैं। उन्होंने दो टूक कहा है कि बीजेपी अगर सबसे बड़ी पार्टी है तो उसे न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर काम करना चाहिए। जितनी सीटों पर एलजेपी (रामविलास पासवान) लड़ती आ रही है, उतनी सीटों पर आगे भी लड़ना चाहती है। बताया जा रहा है कि अगर बात नहीं बनी तो 23 सीटों पर अकेले ही चिराग अपने उम्मीदवार उतार सकते हैं।
बिहार में रविवार (28 जनवरी 2024) का दिन राजनीति के लिए महत्वपूर्ण होने जा रहा है। जेडीयू नेता नीतीश कुमार नौवीं बार सीएम पद की शपथ ले सकते हैं।
