चुनाव आयोग (EC) ने शुक्रवार को कहा कि उसने 65 लंबित उपचुनावों और बिहार विधानसभा चुनाव ‘‘लगभग एक ही समय’’ कराने का फैसला किया है। विभिन्न राज्यों की विधानसभाओं में 64 सीटें रिक्त हैं, जबकि लोकसभा की एक सीट रिक्त है।

आयोग के एक बयान में कहा गया है, ‘‘इन्हें एक साथ कराने का एक बड़ा कारण केंद्रीय बलों के आवागमन में सुगमता और साजो सामान से जुड़े मुद्दे हैं।’’ बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो रहा है और चुनाव अक्टूबर-नवंबर में कभी भी कराये जाने की संभावना है।

बयान में कहा गया है, ‘‘…आयोग ने सभी 65 उपचुनावों और बिहार विधानसभा चुनाव लगभग एक ही समय कराने का फैसला किया है…बिहार विधानसभा चुनाव और इन उपचुनावों के कार्यक्रम की घोषणा आयोग द्वारा उपयुक्त समय पर की जाएगी।’’ बता दें कि भारी बारिश और कोविड-19 महामारी के चलते हाल ही में कई उपचुनाव टालने पड़ गये।

इसी बीच, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की पार्टी हम (एस) की लोक जनशक्ति पार्टी से पुरानी प्रतिद्वंद्विता शुक्रवार को फिर से सामने आ गयी। हम (एस) ने आगाह किया है कि अगर लोकजनशक्ति पार्टी ने विधानसभा चुनाव में जद (यू) के खिलाफ उम्मीदवार उतारे तो वह भी लोजपा के खिलाफ अपना प्रत्याशी खड़ा करेगी।
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोजपा केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी है लेकिन राज्य में जदयू-भाजपा गठबंधन सरकार का वह हिस्सा नहीं है। राज्य में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होना है।

लोजपा का नेतृत्व अब पासवान के पुत्र चिराग पासवान कर रहे हैं। वह जन वितरण प्रणाली में कथित भ्रष्टाचार से लेकर, सड़क निर्माण समेत विभिन्न मुद्दों पर नीतीश कुमार सरकार की आलोचना करते रहे हैं।

मीडिया में ऐसी खबरें आयी हैं कि राजग में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के आने को लेकर लोजपा नाराज है और जद(यू) उम्मीदवारों के खिलाफ अपने उम्मीदवारों को उतारने पर विचार कर रही है।

हम (एस) के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा, ‘‘यह मायने नहीं रखता कि (हम के राजग में शामिल होने पर) कौन खुश या नाखुश है। हम नीतीश कुमार को मजबूत बनाने के लिए यहां आए हैं, चुनाव में टिकट के लिए नहीं।’’