लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने लोगों से अपील की है कि वे नीतीश कुमार के जद (यू) के पक्ष में मतदान नहीं करें। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद अगली सरकार उनकी पार्टी और भाजपा के गठबंधन की बनेगी। उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए लोजपा एक दिन पहले ही बिहार में राजग से अलग हो गयी थी। चिराग पासवान ने एक खुले पत्र में बिहार के मतदाताओं से कहा कि जनता दल (यूनाइटेड) को मत देने से कल उनके बच्चे बाहर जाने के लिए मजबूर होंगे। उन्होंने 28 अक्टूबर से शुरू होने वाले तीन चरण के चुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए लोगों से समर्थन मांगा।
राजद और कांग्रेस के बीच चार-पांच सीटों को छोड़कर अधिकांश सीटों पर आपसी सहमति बन गई है। फंसी हुई सीटों में टेकारी, बांका, तारापुर, मोकामा सहित एकाध अन्य सीट शामिल हैं। बाकी सारी सीटों का खाका लगभग तैयार है। माले अपने प्रत्याशी तय कर चुका है। वहीं राजद ने भी प्रत्याशियों को चिन्ह देने की शुरूआत कर दी है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची पर अंतिम मुहर दिल्ली से लगनी है। चुनाव का पहला चरण राजद, कांग्रेस और माले तीनों के लिए अहम हैं। पहले चरण की सारी सीटें भी इन्हीं तीनों दलों के खाते में गई हैं। माले की इस चरण में कुल 19 में से नौ सीटें शामिल हैं।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी बिहार में 30-40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। राज्यसभा सदस्य ने कहा कि एक दो दिन में तय होगा कि पार्टी राज्य में कितनी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बिहार में हमारे लोग 50 सीटों पर (चुनाव) लड़ना चाहते हैं। हम कह रहे हैं कि हमें 30-40 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए।’’ यह पूछने पर कि क्या शिवसेना बिहार पुलिस के पूर्व महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय के चुनाव मैदान में उतरने पर उनके खिलाफ उम्मीदवार उतारेगी, राउत ने कहा, ‘‘देखते जाएं।’’
बक्सर में राजपुर से संतोष निराला को जदयू का टिकट मिला है। निराला नीतीश सरकार में परिवहन मंत्री हैं। सोमवार को निराला सीएम आवास से पार्टी पार्टी सिंबल प्राप्त कर निकले। इस मौके पर निराला ने कहा कि मैं अब 'जनता से वोट का आशीर्वाद लेकर लौटूंगा'
पालीगंज विधानसभा में राजद को बड़ा झटका लगा है। राजद के सक्रिय कार्यकर्ता एवं पालीगंज विधानसभा से टिकट के प्रबल दावेदार सुनील यादव ने राजद से बगावत कर दी है। टिकट नहीं मिलने पर सुनील यादव ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप मे आज नामांकन करने का ऐलान किया।
पालीगंज विधानसभा में राजद को बड़ा झटका लगा है। राजद के सक्रिय कार्यकर्ता एवं पालीगंज विधानसभा से टिकट के प्रबल दावेदार सुनील यादव ने राजद से बगावत कर दी है। टिकट नहीं मिलने पर सुनील यादव ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप मे आज नामांकन करने का ऐलान किया।
भाकपा-माले (लिबरेशन) ने सोमवार को बिहार विधानसभा के लिये 19 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी । भाकप-माले को विपक्षी महागठबंधन में सीटों के तालमेल के फार्मूले के तहत 19 सीटों मिली हैं । वामदलों में माकपा और भाकपा ने अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। सीटों के तालमेल के फार्मूले के तहत भाकपा को छह सीट और माकपा को चार सीट मिली हैं। महागठबंधन में राजद को 144 सीट और कांग्रेस को 70 सीट मिली हैं।
बिहार में सीपीआई की छात्र विंग ने चुनाव लड़ने का फैसला किया है। एआईएसएफ ने 14 छात्र उम्मीदवारों की सूची जारी की है।
लोजपा ने "वैचारिक मतभेद" का हवाला देते हुए जद (यू) के खिलाफ अपने उम्मीदवार खड़ा करने का फैसला किया है। भाजपा राजग की प्रमुख घटक है और उसने पहले ही नीतीश कुमार को राज्य में गठबंधन का नेता घोषित कर दिया है। पासवान ने कहा, ‘‘यह बिहार के इतिहास में सबसे निर्णायक क्षण है। यह राज्य के 12 करोड़ लोगों के जीवन और मृत्यु का प्रश्न है और हमारे पास खोने का समय नहीं है... लोजपा के लिए आगे की राह आसान नहीं है। लेकिन हम लड़ेंगे और जीतेंगे भी।’
लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने लोगों से अपील की है कि वे नीतीश कुमार के जद (यू) के पक्ष में मतदान नहीं करें। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद अगली सरकार उनकी पार्टी और भाजपा के गठबंधन की बनेगी। उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए लोजपा एक दिन पहले ही बिहार में राजग से अलग हो गयी थी।
एआईएमआईएम के नेता एवं हैदराबाद के सांसद सांसद असदुद्दीन औवैसी ने बिहार चुनाव में उतरकर भाजपा को फायदा पहुंचाने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि बिहार में लालू प्रसाद की राष्ट्रीय जनता दल के कारण भाजपा गठबंधन जीतती रही है। उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव की पार्टी के साथ एक अलग मोर्चा गठित किया है। औवेसी ने दावा किया कि आंकड़े इस बात को साबित करते हैं कि एमआईएमआईएम के चुनाव लड़ने से भाजपा को फायदा नहीं होता।
गौतमबुद्ध नगर की थाना दादरी पुलिस ने मुठभेड़ के बाद बिहार में चुनाव से पहले मतदाताओं के बीच बांटने के लिये ले जायी जा रही करीब 700 पेटी शराब जब्त कर एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पुलिस की तरफ से यह जानकारी दी गई। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि रविवार शाम आनंदपुर मोड के पास जांच के दौरान पुलिस को एक ट्रक आता दिखा। उन्होंने बताया कि शक होने पर ट्रक को जब रोका गया तो चालक ट्रक को वहीं खड़ा कर भागने लगा। उन्होंने बताया कि पुलिस ने जब ट्रक चालक का पीछा किया तो उसने पुलिसवालों पर गोली चला दी।
एनडीए में सीटों का बंटवारा होने के बाद प्रत्याशियों के नाम सामने आने शुरू हो गए हैं। डुमरांव सीट से अंजुम आरा जदयू की तरफ से उम्मीदवार होंगी। अंजुम आरा राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष है।
एनसीपी बिहार में 145 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। महागठबंधन में सम्मानजनक सीटें नहीं मिलने के बाद पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। पार्टी उम्मीदवारों की सूची 7 अक्टूबर को जारी होगी।
शिवानन्द तिवारी के बेटे राहुल तिवारी राबड़ी आवास पहुंचे हैं। वे शाहपुर से आरजेडी का सिंबल लेने पहुंचे हैं। वहीं सन्देश के आरजेडी विधायक अरूण यादव की जगह उनकी पत्नी किरण देवी को टिकट मिला है।
बीजेपी आज दोपहर 3 बजे तक जारी करेगी बिहार विधानसभा के उम्मीदवारों की पहली सूची। कल केंद्रीय चुनाव समिति की हुई थी बैठक। कहा जा रहा है कि बीजेपी ने अपने दो प्रवक्ताओं का टिकट काट दिया है। प्रेमरंजन पटेल और संजय टाइगर का टिकट कट गया है। सूर्यगढा से प्रेमरंजन पटेल और आरा से संजय टायगर का टिकट काटा गया है।
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए जेडीयू के उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने के बाद आज बिहार बीजेपी भी प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर सकती है। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की इस बाबत दिल्ली में बैठक हो रही है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर हो रही बैठक मेंं जेपी नड्डा के अलावा बीएल संतोष, सौदान सिंह, देवेंद्र फडणवीस, भूपेन्द्र यादव, नित्यानंद राय, संजय जायसवाल, सुशील मोदी, प्रेम कुमार, राधा मोहन सिंह, प्रेम कुमार भी मौजूद हैं।
जेडीयू की ओर से भी कुछ संभावित उम्मीदवारों के नाम सामने आ रहे हैं। इनमें झाझा सीट से दामोदर रावत, मोकामा से राजीव लोचन, चकाई से संजय प्रसाद, जय कुमार सिंह को दीनारा, चंदन वर्मा को जहानाबाद, कौशल यादव को नवादा, कोसी से राहुल, ललित पासवान को चेनारी से टिकट मिल सकता है। जेडीयू के संभावित उम्मीदवारों में नागेंद्र चंद्रवंशी को नोखा, शैलेष कुमार को जमालपुर, सुल्तागंज से ललित कुमार मंडल, बदौनी से पूनम पासवान, बरबीघा से सुदर्शन, अगियांव से प्रभुनाथ राम को टिकट मिल सकता है। अभी उम्मीदवारों के नाम का आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है।
बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी और बिहार में बीजेपी के प्रभारी भूपेंद्र यादव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के आवास पर पहुंचे। रविवार को चिराग पासवान ने एनडीए से अलग चुनाव मैदान में उतरने की घोषणा की है। ऐसे में बीजेपी उम्मीदवारों के नामों पर नए सिरे से विचार किया जाएगा।
एलजेपी अकेले चुनाव लड़ते हुए नीतीश के खिलाफ अपने उम्मीदवार खड़े करेगी और बीजेपी को इस गठबंधन में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने में मदद करेगी। एलजेपी ने 2015 के विधानसभा चुनावों में 243 सीटों में महज दो सीटें जीतीं थी। तब उन्हें 4.83 प्रतिशत वोट मिले थे। वहीं 2019 के लोकसभा चुनावों में मोदी लहर के चलते उन्हें सभी छह सीटों पर जीत मिली थी। इस बार 143 सीटों पर चुनाव लड़कर, एलजेपी जेडीयू वोटों में कटौती करके और भविष्य को ध्यान में रखते हुए बीजेपी के साथ अपना गठबंधन मजबूत करने की उम्मीद कर रही है।
लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने रविवार को नई दिल्ली में एक बैठक के बाद बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव में अकेले जाने का निर्णय लिया है। नीतीश कुमार की आलोचना के बाद एनडीए गठबंधन से बाहर निकलते हुए और फिर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की प्रशंसा करते हुए लोक जनशक्ति पार्टी ने विधानसभा चुनावों में किंगमेकर बनने के संकेत दिये हैं।
लोकजनशक्ति पार्टी की संसदीय समिति की बैठक में बड़ा फैसला हुआ है। पार्टी ने ऐलान किया है कि वह बिहार विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। पार्टी ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। लोजपा ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा है कि राष्ट्रीय स्तर पर और लोकसभा चुनाव में लोजपा का भाजपा के साथ गठबंधन मजबूत है। राजकीय स्तर पर विधानसभा चुनाव में गठबंधन में मौजूद जनता दल (यूनाइटेड) से वैचारिक मतभेद के कारण बिहार में लोजपा ने गठबंधन से अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
इस विधानसभा चुनाव में विपक्षी पार्टी राजद अपने पारंपरिक वोटबैंक मुस्लिम और यादव के साथ ही दलित मतदाताओं को भी लामबंद करने की रणनीति पर काम कर रही है। बीते दिनों में जदयू के दलित नेता श्याम रजक भी राजद में चले गए थे। ऐसे में अब एक और दलितों के आधार वोटबैंक वाली पार्टी के गठबंधन से अलग होने से नीतीश को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। इतना ही नहीं इस बार कई छोटी पार्टियां भी गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतर रही हैं, ऐसे में देखने वाली बात होगी कि चुनाव में मतदाताओं का मिजाज किस करवट बैठता है!
लोजपा ने एनडीए से अलग होकर बिहार चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। लोजपा ने जदयू के साथ वैचारिक मतभेद का हवाला देते हुए यह कदम उठाया है। हालांकि जदयू ने दावा किया है कि भाजपा और जदयू गठबंधन पहले की तरह इस बार भी बहुमत हासिल करेगा। लेकिन राजनीति के जानकारों का मानना है कि लोजपा की अलग राह चुनना नीतीश को भारी भी पड़ सकता है।
बिहार में लोजपा के एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ने की घोषणा और तेजस्वी के नेतृत्वी वाली महागठबंधन से वीआईपी के अलग होने से राजनीतिक हलचलें तेज हो गई हैं। राजनीतिक पंडित इन घटनाक्रमों से बिहार में नए परिदृष्य के उभरने की संभावना जता रहे हैं।
भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) ने बिहार विधानसभा चुनावों को लेकर विचार-विमर्श करने तथा पार्टी के उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप देने के लिए रविवार की शाम यहां बैठक की। इससे पहले सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को उस समय झटका लगा जब केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी ने राज्य में राजग से अलग होने का फैसला कर लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और सीईसी के अन्य सदस्य इस बैठक में शामिल हुए।
कांग्रेस बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने कुछ उम्मीदवारों के नाम सोमवार को पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की डिजिटल तरीके से होने वाली बैठक में तय कर सकती है।
बिहार पर कांग्रेस की स्क्रींिनग समिति की बैठक यहां रविवार को हुई थी और समझा जाता है कि इसमें संभावित उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हुई।
चुनाव आयोग ने भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के दो पूर्व अधिकारियों को बिहार विधानसभा चुनाव के लिये विशेष खर्च पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। आयोग ने एक बयान में रविवार को यह जानकारी दी। आयोग ने कहा कि 1982 बैच की सेवानिवृत्त आईआरएस अधिकारी मधु महाजन और 1983 बैच के सेवानिवृत्त आईआरएस अधिकारी बी आर बालकृष्णन को बिहार विधानसभा चुनाव के लिये विशेष खर्च पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। वे मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) के परामर्श से निर्वाचन तंत्र द्वारा किये जा रहे कार्य की निगरानी करेंगे।
वे यह भी सुनिश्चित करेंगे कि नकद राशि, शराब या तोहफों के जरिये मतदाताओं को लुभाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ मिलने वाली खुफिया सूचना के आधार पर और सी-विजिल ऐप तथा वोटर हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों के आधार पर कठोर प्रभावी कार्रवाई हो। बिहार में 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं।
बिहार में राजग से बाहर होने के लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के फैसले ने राज्य में 28 अक्टूबर से तीन चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव में नयी संभावनाएं खोल दी हैं।
पूर्व सांसद रामा सिंह ने आज शाम पटना में तेजस्वी यादव से मुलाकात की। ऐसी चर्चाएं हैं कि रामा सिंह राजद में शामिल हो सकते हैं और राघोपुर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। तेजस्वी से मुलाकात के बाद रामा सिंह बोले कि तेजस्वी का जो फैसला होगा वो मान्य होगा। मेरी कोई शर्त नहीं है।
लोजपा के एनडीए छोड़ने के फैसले के बाद वीआईपी चीफ मुकेश सहनी दिल्ली गए हैं। बताया जा रहा है कि वहां उनकी मुलाकात भाजपा नेताओं से होगी। हालांकि मुकेश सहनी राज्य की सभी विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर चुके हैं लेकिन उनके दिल्ली दौरे से लगता है कि उन्हें एनडीए गठबंधन में जगह मिलने की आस है।
लोजपा के बिहार में अकेले चुनाव लड़ने के फैसले का पार्टी कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने अबीर गुलाल खेलकर जश्न मनाया।
जदयू नेता अशोक चौधरी ने कहा है कि जेडीयू-बीजेपी का गठबंधन अटल है और हमारे नेता की नैतिकता को देखते हुए उन्होंने नीतीश कुमार को फिर से सीएम कैंडिडेट घोषित किया है। अशोक चौधरी ने ये भी कहा कि हम यह जानना चाहते हैं कि लोजपा का हमारे साथ क्या वैचारिक मतभेद है। लोकसभा चुनाव के दौरान वे हमारे साझीदार थे और क्षेत्र में नीतीश कुमार की मौजूदगी की मांग की थी और अब वैचारिक मतभेद की बात कर रहे हैं।
पूर्व सांसद रामा सिंह ने राबड़ी देवी के आवास पर तेजस्वी यादव से मुलाकात की है। ऐसी चर्चाएं हैं कि रामा सिंह राजद में शामिल हो सकते हैं। रामा सिंह को राजद में शामिल करने के विरोध में ही राजद के पूर्व दिग्गज नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने राजद से इस्तीफा दे दिया था।
दिल्ली में भाजपा चुनाव समिति की बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद हैं। पीएम के अलावा इस बैठक में अमित शाह, जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, भूपेंद्र यादव, देवेंद्र फडणवीस, सुशील मोदी, संजय जायसवाल, शिवराज सिंह, शाहनवाज हुसैन आदि मौजूद हैं। यह बैठक दिल्ली स्थित भाजपा कार्यालय में हो रही है।
सीपीएम ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने 4 उम्मीदवारों के नाम की सूची जारी कर दी है। लिस्ट के मुताबिक विभूतिपुर विधानसभा से अजय कुमार, मांझी विधानसभा से सत्येन्द्र यादव, मटिहानी विधानसभा से राजेन्द्र प्रसाद सिंह और पीपरा विधानसभा से राजमंगल प्रसाद पार्टी के प्रत्याशी होंगे।
दिल्ली में कुछ ही देर में भाजपा चुनाव समिति की बैठक होनी है। यह बैठक बिहार चुनाव को लेकर होगी। इसके लिए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा पार्टी कार्यालय पहुंच चुके हैं। जेपी नड्डा के अलावा भूपेन्द्र यादव, शिवराज सिंह चौहान, शाहनवाज हुसैन भी इस बैठक में शामिल होंगे।
बिहार के दिग्गज नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह की बेटी श्रेयसी सिंह भाजपा में शामिल हो गई हैं। बिहार भाजपा प्रभारी भूपेन्द्र यादव ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस दौरान बिहार के कृषि मंत्री और भाजपा नेता प्रेम कुमार और राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय मयूख भी मौजूद रहे।
महागठबंधन से निकलने के एक दिन बाद ही विकासशील इंसान पार्टी के चीफ मुकेश सहनी ने बड़ा ऐलान करते हुए राज्य की सभी 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की बात कही है। इससे पहले मुकेश सहनी के अन्य पार्टियों से गठबंधन की चर्चाएं थी लेकिन अब उन्होंने अकेले ही चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया है।
भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी ने बिहार चुनाव के लिए अपने 6 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट के मुताबिक बखरी सीट से सूर्यकांत पासवान, तेघड़ा सीट से राम रतन सिंह, बछवाड़ा से अवधेश कुमार राय, हरलाखी सीट से रामनरेश पाण्डेय, झंझारपुर से रामनारायण यादव और रूपौली सीट से विकास चन्द्र मंडल प्रत्याशी होंगे।
लोजपा के बिहार चुनाव में अकेले लड़ने के फैसले पर जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि 2005 और 2010 में भाजपा-जदयू ने मजबूती से चुनाव लड़ा था, बेहतर रिजल्ट भी आया था उसी तर्ज पर 2020 में भी आएगा चुनाव परिणाम।
लोजपा ने कहा है कि राष्ट्रीय स्तर और लोकसभा चुनाव में उनका भाजपा के साथ गठबंधन मजबूत है लेकिन विधानसभा चुनाव में जदयू के साथ जारी वैचारिक मतभेद के चलते उन्होंने गठबंधन से अलग होने का फैसला किया है।