Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पहले चरण की वोटिंग से पहले एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर की एक रिपोर्ट चर्चा मे है। इसमें बताया गया है कि बिहार में वंशवाद के बैकग्राउंड से आने वाले विधायकों की संख्या 96 है। इसमें राज्य के विधायक और विधानपरिषद के सदस्य भी है। ये सभी विधायकों का 27 प्रतिशत और देश भर के विधायकों का 9 प्रतिशत है।

ADR ने सितंबर में प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत के कुल 5,203 सांसदों, विधायकों और विधान परिषदों में से 1,106 वंशवादी पृष्ठभूमि वाले हैं, जिनके निकट या दूर के परिवार के सदस्य निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं, या पूर्व में रहे हैं। ये ऐसे नेता है जिनके सगे संबंधी किसी महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर भी रहे हैं।

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पहले नंबर पर आता है यूपी

वंशवाद के मामले में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर आता है। यूपी में वंशवादी विधायकों की संख्या सबसे अधिक है, कुल 604 विधायकों, विधान परिषद सदस्यों और सांसदों में से 141 परिवारवाद वाले हैं, जबकि हरियाणा में वंशवादी विधायकों का अनुपात सबसे अधिक 35% है। यहां कुल चार 104 में से 36 नेता वंशवाद से आते हैं।

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बिहार में क्या है वंशवाद की स्थिति?

बिहार में वंशवादी विधायकों की संख्या 96 के साथ तीसरी सबसे बड़ी संख्या है। इसके अलावा वंशवादी राजनेताओं की 27% हिस्सेदारी देश में सातवीं सबसे ज़्यादा है। राज्य के 40 लोकसभा सांसदों में से 15 की पृष्ठभूमि वंशवादी है, जो कुल सांसदों का 37.5% है। राज्यसभा में, कुल 16 उच्च सदन सांसदों में से केवल एक सांसद राजनीतिक परिवार से है।

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आरजेडी और जेडीयू में सबसे ज्यादा वंशवाद

इसके अलावा 243 सदस्यों वाली विधानसभा में ऐसे 66 विधायक हैं, जो सदन की कुल संख्या का 27% है, जबकि 75 सदस्यीय विधान परिषद में 16 वंशवादी एमएलसी हैं, जिनकी हिस्सेदारी 21% है। बिहार की पार्टियों में लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनता दल और नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) में वंशवादी विधायकों की संख्या सबसे ज़्यादा है। आरजेडी में यह संख्या 31 है जबकि जेडीय में 25 तक है। राजद के कुल 100 और जदयू के 81 विधायक हैं लेकिन दोनों ही पार्टियों में वंशवादी विधायकों का अनुपात 31% है।

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चिराग से लेकर मांझी की पार्टी भी पीछे नहीं…

वंशवादी विधायकों वाली बिहार अन्य पार्टियों में चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) है। इसके कुल आठ विधायकों में से चार विधायक हैं, और जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाली हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर), के कुल छह विधायकों में से तीन विधायक वंशवादी बैकग्राउंड से हैं। लेफ्ट की बात करें तो कुल 16 विधायकों में से दो विधायक ऐसे हैं, जो 13% की हिस्सेदारी रखते हैं।

कैसा है बीजेपी-कांग्रेस का हाल?

भाजपा और कांग्रेस, दोनों राष्ट्रीय पार्टियों की बात करें तो देश में बीजेपी के क्रमशः 370 और कांग्रेस के 258 विधायक वंशवादी पृष्ठभूमि वाले हैं। ये नेता देश भर में दोनों पार्टियों के कुल विधायकों का क्रमशः 17% और 32% हैं। बिहार में भाजपा के 21 ऐसे विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के 13 वंशवादी विधायक हैं।

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