दिल्ली की आप सरकार ने विकेंद्रित व्यवस्था खड़ी करने के मकसद से बजट के लिए मोहल्ला सभा की शुरुआत की। रविवार को जनता का बजट नाम से हुई इस सभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित तमाम अधिकारी मौजूद थे। सभा की शुरुआत पटपड़ गंज विधानसभा क्षेत्र में की गई। इस तरह की सभाएं दिल्ली के सभी 11 जिलों में की जाएगी। इन जिलों के विधायक व जिला मजिस्ट्रेट भी इसमें शरीक हुए थे।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार खास बजट पेश करने की मंशा से जनता के बीच आई। मनीष सिसोदिया के विधानसभा क्षेत्र में बजट की बावत लोगों की राय शुमारी की गई। पहले दिन क्षेत्र के तीन इलाकों में सभा हुई जिसमें से एक ई ब्लाक पश्चिमी विनोद नगर है जो मुख्यत: कच्ची कालोनी यानी अवैध बस्ती है। यहां निम्न मध्यम व मध्यम वर्ग के लोग रहते हैं। दूसरी सभा संजय झील के पास के जवाहर मोहल्ला में हुई। यह झुग्गी बस्ती का इलाका है जहां गरीब तबके के लोग रहते हैं। तीसरी सभा मयूर विहार फेज दो के पाकेट ई में की गई। यहां निम्न व उच्च मध्यम वर्ग के लोग रहते हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने समर्थकों के बीच अपने पहले भागीदारी वाले बजट की कवायद शुरू की। इस कार्यक्रम में सिसोदिया के विधानसभा क्षेत्र पटपड़गंज में कार्यक्रम में मुख्य सचिव केके शर्मा, जिलाधिकारी कुणाल सहित दिल्ली सरकार के शीर्ष अधिकारी व 11 विधानसभा क्षेत्रोें के आप विधायक शामिल हुए।
केजरीवाल ने सभा में कहा कि गांवों ने हमें इस संबंध में दिशा दिखाई है। वे कहते हैं- दिल्ली, मुंबई में हमारी सरकार, हमारे मोहल्ले में हम सरकार। उन्होंने कहा कि अगर यह प्रयोग सफल रहता है तो देश में लोकतंत्र के काम करने का ढंग बदल जाएगा। दिल्ली देश को राह दिखाएगी। केजरीवाल ने कहा कि आज लोकतंत्र मात्र पांच साल की कवायद में तब्दील हो गया है। चुनाव के बाद नेता भगवान बन जाते हैं और आम जनता के धन का दुरुपयोग करते हैं। अब यह सब और नहीं चलेगा।
कार्यक्रम में मनीष सिसोदिया ने कहा कि निर्णय बंद कमरे में किए जाते हैं, जबकि जनभागीदारी के इस तरह के कार्यक्रमों में जनता के बीच निर्णय किए जाते हैं जो विश्वसनीय होते हैं। कुछ ऐसे देश भी हैं जहां कानून भी इसी तरह बनाए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के पास हर साल करीब 40,000 करोड़ रुपए होते हैं, लेकिन विभिन्न खर्चों के बाद विभिन्न विभागीय योजनाओं के लिए करीब 16,000 करोड़ रुपए बचते हैं। इस धन का एक हिस्सा इस बार करीब 10-11 विधानसभा क्षेत्रों के विकास पर खर्च किया जाएगा। 20 करोड़ का बजट यहां खर्च किया जाएगा। अभी यह प्रयोग के तौर पर किया जाएगा। यह प्रयोग सफल रहा तो इसे सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में दोहराया जाएगा।
बैठक में एक व्यक्ति ने कहा कि हमारे पास बिजली पानी वगैरह सब है, लेकिन गाड़ी पार्क करने के लिए पार्किंग नहीं हैं। यह मुद्दा पूरी सभा का बड़ा मुद्दा बन गया और सभी इससे सहमत थे। लेकिन फिर उप मुख्यमंत्री ने समझाया कि आप कुछ व्यवहारिक बात करिए। जरा सोचकर मांग करिए, क्योंकि इस बात में कोई शक नहीं कि पार्किंग बड़ा मुद्दा है, लेकिन पार्किंग के लिए जगह कहां से आएगी? कोई बजार, कोई घर, कोई स्कूल, कोई पार्क तोड़कर ही यह जगह लाई जा सकती है।
बैठक में कुछ लोगों ने अन्य स्थानीय जरूरतों के बारे में सुझाव दिए। कुछ ने पुस्तकालय, पार्क या पार्किंग बनाने का सुझाव दिया तो कुछ ने सीसीटीवी, सड़कों की मरम्मत और दवाखाने की मांग की। कुछ लोग बड़ी तैयारी के साथ आए थे। वे सुझावों के अलावा समस्याओं पर भी बारीक रोशनी डालने के लिए प्रेजेंटेशन भी बनाए थे। किसी ने कचरा फेंकने की जगह पर खेल का मैदान बनाने का सुझाव दिया तो किसी ने कहा कि स्कूल में शिक्षक पढ़ाते नहीं। स्कूलों की बदहाली बच्चों की जुबानी भी सुनने को मिली। मनीष ने मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को संज्ञान लेने का निर्देश दिया।
इस सभा में जहां लोगों की जरूरतों को पता चल रहा है वहीं गैर जरूरी प्रावधानों व अधिकारियों के लीपापोती की भी कलई खुली। एक निवासी ने एक खास गली में जल बोर्ड की ओर से की गई खुदाई के बाद सड़क की मरम्मत न किए जाने की शिकायत की। इसमें बताया गया कि लंबे समय से सड़क खुदी हुई हालत में ही है। इस पर अधिकारी ने मरम्मत किए जाने का दावा किया। जब लोगों ने अधिकारी को खास एक गली के बारे में विस्तार से बताया व दावा किया कि नहीं वह ठीक नहीं हुई तो अधिकारी को यह जिम्मेदारी दी गई कि जो लोग बता रहे हैं उस पर यकीन व जरूरी उपायों पर अमल करें।
मनीष ने कहा कि वे खुद जाकर देखेंगे, अगर वह ठीक नहीं हुआ होगा तो अधिकारी निलंबित हो जाएगा। जवाहर मोहल्ले के लोगों ने कहा कि वे यह भी चाहते हैं कि कम से कम इलाके में सीवर लाइन तो डाल दी जाए। सिसोदिया ने लोगों से यह भी कहा कि सामान्य ही नहीं खास सुझाव भी दीजिए। उन्होंने कहा कि पाकेट-ई के लिए 50 लाख रखे गए हैं। यह आप की पसंद से खर्च किया जाएगा। विनोद नगर में बिजली पानी व दवाखाने की मांग की गई। जवाहर कैंप में बताया गया कि शिक्षक आते ही नहीं, स्कूल व्यवस्था ठीक करने की मांग की गई। कुछ जगहों पर शराब के ठेके बंद कि ए जाने की मांग की गई। महिलाओं ने कहा कि शराब के ठेके की वजह से महिलाओं को उधर से गुजरना दूभर होता है।
दिल्ली में जहां दो तरह के या कई तरह के सुझाव आए वहां एक तरह की राय बनाने के लिए मतदान कराए गए। मयूर विहार इलाके में जैसे ही एक महिला ने पेंशन की मांग की व कहा कि वह विधवा है व उसको पेंशन नहीं मिल रही है, इस पर मौजूद स्थानीय लोगों ने बताया कि उस महिला के दो मकान हैं जहां से उन्हें किराया मिलता है। उनकी बेटी की भी नौकरी लग गई है। इस लिहाज से वह पेंशन की दावेदार नहीं हो सकतीं। यह खुलासा होने से उस महिला ने अपनी मांग वापस ली। यहीं पर हुई चर्चा में पता चला कि इसके पहले इलाके में एक परिवार की महिला को इस लिए पेंशन मिलता था क्यों कि वह परिवार विधायक का करीबी था। जबकि पेंशन धारक महिला के बेटे की चांदनी चौक इलाके में आभूषणों की दुकान है।
इस तरह की 35 और सभाएं इस इलाके में की जाएंगी। और हर जिले की एक विधानसभा को इसके लिए चुना जाएगा। जहां बजट के लिए विकास कार्य जनता के हिसाब से तय किए जाएंगे। सभा से पहले इलाके में पर्ची बांट कर सभा की बावत घर- घर को जानकारी दी गई थी। यहां बैठक में आए लोगों के लिए तीन स्तर के इंतजाम किए गए थे। इसमें इलाके के मतदाताओं के लिए अगल, सामान्य आगंतुकों व मीडिया के लिए भी अलग से इंतजाम किए गए थे। जिन इलाकों में सभा की जाएगी उनमें करावल नगर, ओखला व किराड़ी विधानसभा भी शामिल है।