लॉकडाउन के बीच देश के अलग-अलग राज्यों में छात्र फंसे हुए हैं। राजस्थान के कोटा में परीक्षाओं की तैयारी के लिए गए अलग-अलग इलाके के छात्र भी फंसे हुए हैं। उत्तर प्रदेश और असम जैसे कई राज्यों ने अपने छात्रों को वापस बुला लिया है लेकिन बिहार की सरकार इस संबंध में अभी तक कोई फैसला नहीं ले पाई है। कोटा में फंसे बिहार बंगाल के छात्रों का दर्द साफ झलक रहा है।

यहां मौजूद छात्रों का कहना है कि हम साधारण आम परिवार से हैं तो हम नहीं जा सकते हैं। एमएलए की बेटी पटना जा सकती है पर हम नहीं। दरअसल, 19 वर्षीय छात्रा भी बिहार की रहने वाली है और वह कोरोना वायरस के चलते लागू  लॉकडाउन के चलते कोटा में फंसी हुई है। बेतिया की रहने वाली फातिमा का कहना है कि जब पता चला कि  विधायक अनिल सिंह की बेटी कोटा से पटना जा सकती है और हम नहीं तो हमें बड़ा दुख हुआ।

वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ने इन बच्चों से बात की। इस दौरान बच्चों ने नीतीश कुमार से अपील करने के लिए तख्ती लेकर नजर आए। बच्चों का कहना है कि अगर हमें कुछ हो गया तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। बंगाल के फंसे हुए छात्रों का कहना है कि गुजरात और अन्य राज्यों की सरकार बच्चों को ले जा सकती है तो हम लोगों बिहार और बंगाल की सरकार क्यों नहीं ले जा रही है।

बता  दें कि कोरोना संक्रमण के दौरान लॉकडाउन नवादा जिले के हिसुआ के विधायक अनिल सिंह कोटा में पढ़ रही अपनी बेटी को लॉकडाउन के बावजूद भी घर ले आए जिसके यह मामला  तूल पकड़ने लगा। लोगों के विरोध के बाद विधायक को कोटा आने-जाने के लिए पास जारी करने वाले अधिकारी को निलंबित कर दिया गया।वह अन्य लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है।

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