कर्नाटक में नई सरकार का गठन हो चुका है। बेंगलुरु का कांटीरवा स्टेडियम सीएम सिद्धारमैया और उनके डिप्टी डी के शिवकुमार के बीच ‘एकता के प्रदर्शन’ का गवाह बना। इस दौरान कई विपक्षी नेता भी इस कार्यक्रम का हिसा बने लेकिन बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस की नई सरकार के गठन पर तंज कसते हुए इसे दलित-मुस्लिम कम्यूनिटी के साथ छल बताया है।

क्या बोलीं मायावती

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर लिखा, “कर्नाटक विधानसभा चुनाव उपरान्त मंत्रिमण्डल में श्री डी के शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस ने अपनी अन्दरुनी कलह को थोड़ा दबाने का प्रयास किया है, किन्तु दलित व मुस्लिम समाज की उपेक्षा क्यों, जबकि इन दोनों वर्गों ने एकजुट होकर कांग्रेस को वोट देकर विजयी बनाया”

मायावती ने कांग्रेस पर दलित और मुस्लिम कम्यूनिटी को दरकिनार करने का आरोप लगाया और कहा, “कांग्रेस द्वारा कर्नाटक में सीएम पद के लिए दलित समाज की उठी दावेदारी को पूरी तरह से अन्देखी करने के बाद अब किसी भी दलित व मुस्लिम को डिप्टी सीएम नहीं बनाना यह इनकी जातिवादी मानसिकता को दर्शाता है अर्थात इनको यह वर्ग केवल अपने खराब दिनों में ही याद आते हैं। ये लोग सतर्क रहें।

ये विपक्षी नेता रहे शामिल

शपथ ग्रहण में शामिल होने वाले नेताओं में कई बड़े नाम दिखाई दिए। इस दौरान अशोक गहलोत (राजस्थान), भूपेश बघेल (छत्तीसगढ़) और सुखविंदर सिंह सुक्खू (हिमाचल प्रदेश) जैसे कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा बिहार के सीएम नीतीश कुमार, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।

इनके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, रालोद नेता जयंत सिंह, अभिनेता से नेता बने कमल हासन शामिल थे।

माकपा नेता सीताराम येचुरी और भाकपा नेता डी राजा शामिल रहे । कांग्रेस ने इस शपथ ग्रहण समारोह को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता की मजबूती दिखाने की नज़र से पेश किया है।