देशभर में कोरोनावायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। लॉकडाउन के बावजूद तब्लीगी जमात के केस सामने आने के बाद से ही हर दिन नए संक्रमितों के मिलने की संख्या पिछले दिन के मुकाबले बढ़ी है। ऐसे में ज्यादातर लोगों ने कोरोनावायरस को फैलने से न रोक पाने के लिए लॉकडाउन जैसे कड़े कदमों को बेकार बताना शुरू कर दिया है। हालांकि, डॉक्टरों का मानना है कि जिस तरह कोरोना के मामले सामने आए हैं, इसके मुताबिक संक्रमण में बढ़ोतरी या कमी की बात दो हफ्ते बाद ही साफ हो सकेगी।
द इंडियन एक्सप्रेस ने कोरोना के बढ़ते मामलों पर पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रोफेसर के श्रीनाथ रेड्डी से बात की। डॉक्टर रेड्डी से जब पूछा गया कि देश में 30 मार्च तक 1251 मामले और 32 मौतें थीं, लेकिन एक हफ्ते बाद ही इसमें 200 फीसदी का उछाल आ गया। क्या देश में कोरोनावायरस का ग्राफ (कर्व) लॉकडाउन के बाद से ऊपर जा रहा है।
इस पर डॉक्टर रेड्डी ने कहा, “कोरोनावायरस के मामलों के बढ़ने की टेस्टिंग के आधार पर तुलना की जा सकती है। मसलन एक समय तक कितनी टेस्टिंग हुई और कितने मामले आए और उसके बाद अलग-अलग अवधियों में कितने तरह की टेस्टिंग हुई और संक्रमण के मामले कितने बढ़े। इस लिए हमें कम से कम दो हफ्तों का इंतजार करना होगा, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कोरोनावायरस का ग्राफ देश में स्थिर हो रहा है या ऊपर-नीचे जा रहा है।”
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