इस साल के अंत तक देश में सभी को कोविड की वैक्सीन लग जाएगी। यह घोषणा केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने की है। यह अहम घोषणा शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद की गई है। इसमें राहुल गांधी ने कहा था कि अभी देश के तीन प्रतिशत लोगों को भी टीका नहीं लगा है। जावड़ेकर ने कांग्रेस नेता से कहा कि टीकाकरण की इतनी ही चिंता है तो वे कांग्रेस शासित प्रदेशों की ओर ध्यान दें, जहां सबकुछ अस्तव्यस्त पड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेसी राज्य तो 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों का वैक्सीन कोटा एक मई से उठा ही नहीं रहे।
केंद्रीय मंत्री ने राहुल का ध्यान स्वास्थ्य मंत्रालय के ब्लू प्रिंट की ओर खींचते हुए कहा कि सरकार दिसंबर तक 108 करोड़ लोगों को टीका लगा देगी। उन्होंने कहा कि सबसे तेज़ वैक्सीनेशन करने वाले देशों में भारत दूसरे नंबर पर है। अब तक बीस करोड़ डोज़ लगाए जा चुके हैं। उन्होंने कई राज्य सरकारों की वैक्सीन का कोटा न उठाने की निंदा की। जावड़ेकर ने भारत बायोटेक द्वारा निर्मित वैक्सीन कोवैक्सीन पर सवाल उठाने के लिए राहुल और दूसरे कांग्रेसी नेताओं की निंदा की। इस वैक्सीन को इस साल जनवरी में अनुमोदन मिल गया था, लेकिन कुछ चिकित्सा विशेषज्ञों, विपक्षी नेता, खासतौर पर कांग्रेसी नेताओं ने वैक्सीन के असर और सुरक्षा के सवाल उठा दिए। कहा गया कि दवा को ट्रायल डेटा के के बगैर ही लॉन्च कर दिया गया है। यह डेटा बाद में मार्च में जारी हुए और कोवैक्सीन 81 प्रतिशत सफल साबित हुई।
केंद्रीय मंत्री की घोषणा से कुछ ही देर पहले राहुल गांधी ने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें उन्होंने दो टूक कहा था कि प्रधानमंत्री कोविड के बारे में कुछ नहीं जानते। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन ही कोरोना का अंतिम हल है। उचित रणनीति के अभाव में भारत को कोविड की कई लहरों से जूझना पड़ सकता है। वैक्सीन सप्लाई की हालत बड़ी दुखदायी है। अनेक राज्य कह रहे हैं कि 18 से 44 और 45 साल की ज्यादा आयु वालों को लगाने के लिए उनके पास टीकों का समुचित डोज नहीं है।
इनमें महाराष्ट्र, भाजपा शासित यूपी और दिल्ली सरकार ने वैक्सीन खरीद के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किए हैं क्योंकि केंद्र ने कह दिया है कि वह राज्यों को आवश्यकता के 50 प्रतिशत डोज़ ही दे पाएगा। दूसरी ओर केंद्र सरकार का कहना है कि राज्यों के पास समुचित मात्रा में वैक्सीन डोज उपलब्ध हैं लेकिन वे डोज़ेज़ को बर्बाद बहुत करते हैं।
इससे पहले केंद्र सरकार ने गुरुवार को मिथक और तथ्य नामका एक दस्तावेज जारी किया था जिसमें कुछ नेताओं की आलोचना करते हुए कहा गया था कि नई वैक्सीनों को अनुमति देने और मौजूदा वैक्सीनों का उत्पादन बढ़ाने का काम बहुत तेजी से हो रहा है।
इस बीच शुक्रवार की सुबह के आंकड़ों के मुताबिक देश में नए संक्रमणों की संख्या 1.6 लाख आई है। पिछले 44 दिनों में इतनी कम संख्या कभी नहीं आई थी। एक्टिव केसों की संख्या 24.4 लाख है। अब तक 3.18 लाख लोगों की जान गई है।