अनुच्छेद 370 समाप्त करने को लेकर PDP अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के हालिया बयान पर नाराजगी जताते हुए गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने सोमवार को कहा कि जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री को अगर भारत और उसके कानून पसंद नहीं हैं तो उन्हें सपरिवार पाकिस्तान चले जाना चाहिए। वडोदरा के कुराली गांव में उपचुनाव के लिए एक सभा को संबोधित करते हुए पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह देश की सुरक्षा के लिए नागरिकता संशोधन कानून लाए और उन्होंने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त किया।
उन्होंने कहा, ‘‘महबूबा पिछले दो दिन से अनर्गल बयान दे रही हैं। उन्हें हवाई टिकट खरीदने चाहिए और अपने परिवार के साथ कराची चले जाना चाहिए। सभी के लिए यह ठीक होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर वह चाहें तो करजन तालुका की जनता उन्हें हवाई टिकट खरीदने के लिए पैसे भेज देगी।’’ पटेल ने कहा, ‘‘जिन्हें भारत पसंद नहीं है या सरकार द्वारा बनाये गये सीएए जैसे कानून या अनुच्छेद 370 का समाप्त करना पसंद नहीं हैं? उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए।’’
BJP की तिरंगा रैली, अब्दुल्ला-मुफ्ती के घरों पर नारेबाजीः भाजपा की कश्मीर इकाई ने विलय दिवस मनाने के लिए सोमवार को यहां ‘तिरंगा’ रैली निकाली और पार्टी ने कहा कि इसमें लोगों की भागीदारी घाटी में ‘‘देशद्रोही’’ बयान देने वालों पर ‘‘करारा तमाचा’’ है। भाजपा के कई नेता और कार्यकर्ता यहां टैगोर हॉल में एकत्र हुए जहां इस अवसर पर एक समारोह आयोजित किया गया। पार्टी के एक प्रवक्ता ने कहा कि इसकी शुरुआत महाराजा हरि सिंह, भारत माता और मकबूल शेरवानी की तस्वीरों पर माल्यार्पण से हुई। मक़बूल शेरवानी ने पाकिस्तान समर्थित कबाइलियों को आगे नहीं बढ़ने दिया था।
J&K सरकार ने की थी विलय दिवस पर अवकाश की घोषणाः उन्होंने कहा कि इसके बाद तिरंगा रैली निकाली गई जिसका नेतृत्व भाजपा महासचिव और कश्मीर प्रभारी विबोध गुप्ता ने किया। रैली टैगोर हॉल से शुरू होकर डल झील के किनारे संपन्न हुई। रैली में दर्जनों वाहन शामिल थे जिनपर तिरंगा फहर रहा था। यह रैली गुपकार रोड से होकर गुजरी और कार्यकर्ताओं ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला तथा पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के घरों के बाहर नारे लगाए। बता दें कि जम्मू कश्मीर सरकार ने विलय दिवस पर अवकाश की घोषणा की थी। 26 अक्टूबर, 1947 को जम्मू कश्मीर रियासत का भारत में विलय हुआ था।
PDP के 3 सीनियर नेताओं का इस्तीफाः पीडीपी को तब झटका लगा जब पार्टी के पूर्व राज्यसभा सदस्य टी एस बाजवा सहित पार्टी के तीन संस्थापक सदस्यों ने यह कहते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया कि वे पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की ‘‘अवांछित टिप्पणियों’’, विशेष तौर पर देशभक्ति की भावना को ठेस पहुंचाने वाली टिप्प्णी से ‘‘असहज महसूस कर रहे थे और उन्हें घुटन महसूस हो रही थी।’’ तीनों नेताओं के ये इस्तीफे ऐसे समय आये हैं जब जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को यह कहा था कि उन्हें तब तक चुनाव लड़ने या राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा उठाने में कोई दिलचस्पी नहीं जब तक पिछले साल पांच अगस्त को लागू किए गए संवैधानिक बदलाव वापस नहीं लिये जाते।