नेशनल हेराल्ड मामले में आज कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने दूसरी बार पेशी हुई। इसके पहले 21 जुलाई को ईडी के सामने सोनिया गांधी की पेशी हुई थी। ईडी की कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को भी प्रदर्शन किया। इसी दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी को विजय चौक पर हिरासत में ले लिया गया था। जिन्हें अब छोड़ दिया गया है।
हिरासत में लिए जाने के बाद राहुल गांधी ने पीएम पर तंज कसते हुए ट्वीट कर कहा- “देश के ‘राजा’ का हुक्म है – जो बेरोजगारी, महंगाई, गलत जीएसटी, अग्निपथ पर सवाल पूछेगा – उसे कारागृह में डाल दो। भले ही मैं अभी हिरासत में हूं, भले ही देश में अब जनता की आवाज उठाना जुर्म हो, लेकिन वो हमारा हौसला कभी नहीं तोड़ पाएंगे।”
आज क्या-क्या हुआ
नेशनल हेराल्ड मामले में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से ईडी की पूछताछ के विरोध में कांग्रेस सांसदों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा से विजय चौक की ओर मार्च किया। इस मार्च में राहुल गांधी भी शामिल हुए। राहुल गांधी समेत कांग्रेस नेताओं और 50 सांसदों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। रंजीत रंजन, केसी वेणुगोपाल, मनिकम टैगोर, इमरान प्रतापगढ़ी, के सुरेश और अन्य नेताओं को हिरासत में लिया गया। हिरासत में लिए जाने से पहले राहुल गांधी ने कहा कि भारत एक पुलिस स्टेट बन चुका है और मोदी यहां के रजा हैं।
हिरासत में जाने के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, “तानाशाही देखिए, शांतिपूर्ण प्रदर्शन नहीं कर सकते, महंगाई और बेरोज़गारी पर चर्चा नहीं कर सकते। पुलिस और एजेंसियों का दुरूपयोग करके, हमें गिरफ़्तार करके भी, कभी चुप नहीं करा पाओगे। ‘सत्य’ ही इस तानाशाही का अंत करेगा।”
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी राहुल गांधी को हिरासत में लिए जाने पर आग बबूला हो गए। उन्होंने कहा कि कभी तानाशाही देखी है? आज देख लो। संसद में नहीं बोलने देंगे, राष्ट्रपति से नहीं मिलने देंगे, इसी को तानाशाही कहते हैं।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “बीजेपी ने आज कांग्रेस को राजघाट पर सत्याग्रह करने से मना कर दिया है, इससे ज्यादा दुख की बात नहीं हो सकती। अगर गांधी जी की समाधि पर सत्याग्रह नहीं हो सकता, इसका मतलब यह है कि सीधे-सीधे गांधी जी की तरह लोकतंत्र की हत्या हो गई। बीजेपी को समझना चाहिए कि सत्ता पक्ष और विपक्ष लोकतंत्र के दो पहिये होते हैं।”
अजय माकन के बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, “कांग्रेस ने अपने सभी प्रदेश अध्यक्षों को कहा है कि आप सभी महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे खड़े होकर सत्याग्रह करें। जिन लोगों ने भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है, वह महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे सत्याग्रह करेंगे, यह दोगलेपन की पराकाष्ठा है। गांधी जी भी आज सोच रहे होंगे कि मैंने जो कहा था कि कांग्रेस को डीसॉल्व हो जाना चाहिए, वो बिलकुल सत्य था।”
सचिन पायलट ने कहा कि इस केस में कोई दम नहीं है। हमारे मुख्यालय को छावनी में तब्दील कर दिया है। यह लोकतंत्र के लिए अच्छे संकेत नहीं है। एजेंसियों का गलत इस्तेमाल हो रहा है और हम इसका विरोध कर रहे हैं।
डीके शिवकुमार ने कहा- हम सोनिया, राहुल के साथ
वहीं सोनिया गांधी की ईडी के सामने पेशी पर कर्नाटक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “वे (केन्द्र सरकार) विपक्षी नेताओं को परेशान करने की कोशिश कर रहे हैं, हम इसके खिलाफ लड़ेंगे। हम सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ हैं। अब आप हमें परेशान नहीं कर सकते।”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “हम पुलिस के निर्देश पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। यह सब विपक्ष को पूरी तरह से नष्ट करने और हमारी आवाज दबाने की पीएम मोदी और अमित शाह की साजिश है। हम नहीं डरेंगे, हमारी लड़ाई जारी रहेगी।”
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, “हम शांति से राजघाट पर धरना देना चाहते थे। अगर हमारी जगह आरएसएस और बीजेपी के लोग होते, तो वो तोड़फोड़ और आगजनी करते। हम तो शांति से बैठे हुए हैं। अगर वहां धरना होता तो ट्रैफिक जाम भी नहीं लगता। यह लोग जानबूझ कर ट्रैफिक जाम करवा रहे हैं।”