Shiv Sena Row: चुनाव आयोग के फैसले के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में सियासत गर्म है। महाराष्ट्र में पार्टी के विधायक और नेताओं के साथ बैठक के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि मेरा सब कुछ छिन गया है। हमारी पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह छिन गया है, लेकिन ठाकरे नाम नहीं छीन सकते। चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ हमने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, कल से सुनवाई शुरू होगी।

सोमवार (20 फरवरी, 2023) को उद्धव ठाकरे के गुट ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का नाम ‘शिवसेना’ और चुनाव चिन्ह धनुष और बाण आवंटित करने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे उद्धव ठाकरे गुट ने कहा कि चुनाव आयोग ने हमारे तर्कों को पूरी तरह नजरअंदाज किया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की गई। याचिका में कहा गया है। इस मुद्दे को तय करने के लिए ईसीआई द्वारा गलत मानदंड अपनाया गया। हालांकि, इस मामले की सुनवाई कब होगी, इस पर फिलहाल कोई स्पष्टता नहीं है।

उद्धव ठाकरे गुट की याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग ने 1999 के संविधान पर विचार किया, जबकि 2018 का संशोधित संविधान लागू था। उन्हें 2018 के संविधान को रिकॉर्ड पर रखने के लिए अधिक समय नहीं दिया गया था।

2018 के संशोधित संविधान के अनुसार, शिवसेना प्रमुख पार्टी में सर्वोच्च प्राधिकारी होंगे, जो किसी भी पद पर नियुक्तियों को रोक सकते हैं, हटा सकते हैं या रद्द कर सकते हैं और जिनके निर्णय सभी पार्टी मामलों पर अंतिम हैं, लेकिन 1999 के संविधान के अनुसार पार्टी प्रमुख के पास खुद से पदाधिकारियों को मनोनीत करने की शक्ति नहीं थी।

एकनाथ शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की कैविएट

वहीं एकनाथ शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दाख़िल की है। इसके ज़रिए अपील की गई है कि अगर उद्धव गुट चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देता है तो कोर्ट एकपक्षीय सुनवाई कर कोई आदेश पारित न करे और शिंदे गुट का पक्ष भी सुना जाए।

55 में से 40 विधायक शिंदे गुट के पास

उद्धव ठाकरे को एक बड़ा झटका देते हुए चुनाव आयोग ने शुक्रवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का नाम और उसका चुनाव चिन्ह आवंटित किया था, क्योंकि एकनाथ शिंदे गुट के पास 55 में से 40 विधायकों और 18 लोकसभा सदस्यों में से 13 का समर्थन प्राप्त है।

चुनाव आयोग के फैसले के बाद बीजेपी और उद्धव गुट के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। संजय राउत ने रविवार को दावा किया था कि शिवसेना पार्टी के नाम एवं निशान ‘तीर-धनुष’ को खरीदने के लिए दो हजार करोड़ रुपये का सौदा हुआ है। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शिवसेना का नाम और निशान एकनाथ शिंदे गुट को मिलने पर कहा था कि चुनाव आयोग के फैसले ने सत्यमेय जयते को चरितार्थ किया है।