कांग्रेस नेता शशि थरूर एक बार फिर विवादों से घिर गए हैं। हाल ही में वह जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी गए, जहां उन्‍होंने जेएनयू स्‍टूडेंट यूनियन अध्‍यक्ष कन्‍हैया कुमार की तुलना शहीद भगत सिंह से कर दी। उन्‍होंने कई देशभक्‍तों का जिक्र करते हुए कह डाला, ‘आज के भगत सिंह कन्‍हैया कुमार हैं।’ उनके यह कहते ही वहां ठहाके लगने लगे, फिर थरूर भी हंसे, लेकिन अब इस पर विवाद खड़ा हो गया है।

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थरूर ने अपने संबोधन में कहा, ‘आजकल राष्ट्रवाद इससे तय होता है कि कोई व्यक्ति ‘भारत माता की जय’ कहता है कि नहीं। मुझे यह कहने में खुशी है, लेकिन क्या हमें सभी को ऐसा कहने के लिए मजबूर करना चाहिए।’ उन्‍होंने कहा कि इंडिया सिर्फ हिंदी, हिंदू और हिंदुस्‍तान ही नहीं है। थरूर ने महाराष्ट्र विधानसाभा में एमआईएम विधायक वारिस पठान के ‘भारत माता की जय’ बोलने से इनकार करने पर सदन से उनके निलंबन को भी गलत ठहराया।

‘भारत माता की जय नारे’ लगाने या नहीं लगाने पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में लोगों जो सही लगता है उसे चुनने का अधिकार होना चाहिए और दूसरों के विचारों को सहन किया जाना चाहिए। दूसरी ओर थरूर के इस बयान से कांग्रेस ने खुद को अलग कर लिया है। पार्टी नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि थरूर जैसे बड़े नेता को ऐसी तुलना नहीं करनी चाहिए थी। उन्‍होंने सवाल उठाया कि कन्‍हैया ऐसा क्‍या किया है? दीक्षित ने कहा कि कन्‍हैया अच्‍छा बोलता है, लोकतंत्र में अपनी बात रखनी चाहिए, लेकिन भगत सिंह से तुलना करना ठीक नहीं है। आरजेडी प्रवक्‍ता मनोज झा ने भी थरूर के बयान की आलोचना की है।

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