देश के वरिष्ठ पत्रकार एन राम ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) आर्थिक संकट से “ध्यान हटाने” की महज एक तरकीब ही नहीं, यह बीजेपी की हिन्दू राष्ट्र परियोजना का हिस्सा भी है। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से अपील की कि वे अनुशासन सुनिश्चित करें ताकि “जन उभार” अपना आवेग नहीं खोए। विरोध के दौरान हिंसा न करें।
एक अंग्रेजी दैनिक के पूर्व प्रधान संपादक एन राम ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि यह सिर्फ ध्यान हटाने की तरकीब है। इससे आर्थिक संकट और भारत में एक शक्तिशाली अर्थव्यवस्था के निर्माण के उनके सपनों के धाराशायी होने से ध्यान भटकाया जा सकता है।” उन्होंने मुंबई में शनिवार से शुरू हुए दो दिवसीय ‘मुंबई कलेक्टिव’ कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र ‘द राइंजिंग टाइड इन इंडियन पॉलिटिक्स’ के दौरान ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा, “सवाल यहां यह है कि यह हिन्दुत्व परियोजना का हिस्सा है। इसका मतलब यह है कि वे ‘हिन्दू राष्ट्र’ चाहते हैं, हिन्दू राष्ट्र का बढ़ावा चाहते हैं।” उन्होंने कहा, “यह सिर्फ ध्यान भटकाने वाली तरकीब नहीं है, हालांकि इससे ऐसा हो सकता है। लेकिन मेरा मानना है कि इसे समझना होगा।” इस दौरान प्रोफेसर गोपाल गुरु ने दिल्ली के शाहीन बाग में महिलाओं के नेतृत्व वाले सीएए विरोधी प्रदर्शन की सराहना की। कहा कि ऐसे शांतिपूर्ण आंदोलन होते रहने चाहिए, जिससे लोग सरकार को मनमानी करने से रोक सकें।
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) को लेकर पिछले 15 दिसंबर से दिल्ली के शाहीन बाग में जोरदार आंदोलन चल रहा है। डेढ़ महीने से अधिक समय होने के बाद भी वहां पर लोगों का विरोध खत्म नहीं हो रहा है। इसकी वजह से आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रास्ता ब्लाक करने से स्कूल-कालेज जाने वाले बच्चे और नौकरी पेशा लोगों को थोड़ी दूरी तय करने के लिए लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा है।