Congress के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह का फोटो शेयर कर ताना मारा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की शिक्षा भी अलग-अलग है। हालांकि, सिंह की इस टिप्पणी पर सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल कर दिया गया।

दरअसल, कांग्रेसी नेता ने शनिवार सुबह ट्वीट किया था, “जय शाह पुत्र अमित शाह दुबई में IPL मैच में। IPL की सफलता के लिए बधाई। RSS की शिक्षा दी़क्षा भी अलग अलग लोगों के बच्चों को अलग अलग तरह से होती है। भाजपा नेताओं के बच्चों को सूट बूट और विदेशों में। और आम जनता के बच्चों को तलवार पिस्तौल तलवार लाठी दे कर। नफ़रत व हिंसा की!”

ट्वीट में जो फोटो कोलाज था, उसमें दो तस्वीरें थीं। ऊपर- अमित शाह के बेटे की, जिसमें जय शाह शर्ट-पैंट में सोफे पर आराम से बैठे हुए थे। कैप्शन में बड़ा-बड़ा लिखा था- उनके बच्चे (बड़े नेताओं और भाजपा वालों के बच्चे) नीचे दूसरी तस्वीर में आरएसएस से जुड़े लड़के थे, जिनके हाथों में खंजर, बंदूक और तलवारें थीं। साथ ही लिखा था- आपके बच्चे (यानी आम जनता के बच्चे)।

यह रहा कांग्रेसी नेता का ट्वीटः

@Pradeep40597027 ने पूछा- जय शाह BCCI के सचिव हैं। IPL BCCI नियंत्रित है। इसलिये वह आधिकारिक रूप से वहां हैं। क्या आप बतायेंगे कि आपकी राजमाता किस आधिकारिक हैसियत से 2008 के ओलंपिक में गई थीं? या MOU के कारण?

@ThakerGirish के हैंडल से कहा गया- कांग्रेस की शिक्षा दीक्षा भी अलग अलग नेताओं के लिए अलग तरह से होती है। कांग्रेस के कई नेता बुढ़ापे में शादी, हनीमून मनाते हैं! सफलता के लिए बधाई। और हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की संतान राहुल का हाल? “मेरा जीवन कोरा कागज, कोरा ही रह गया। जो लिखा था वो आंसुओं में बह गया।”

@GuruKaSikh ने कहा, “कांग्रेस को जनता की आवाज क्यों नहीं सुनाई देती। खुद के पाप को छुपाने के लिए मोदी को बदनाम कर दो।” @mukundsimant बोले, “5 लाख वोट से हारे न? सोचो क्यों हारे। हिंदू जैसे सबसे अच्छे धर्म को बदनाम करोगे, शर्म नही आती आपको? अपनों की सुरक्षा भी अपना कर्तव्य है। पृथ्वीराज चौहान ने गौरी को जीवित छोड़ के गलत किया, गांधी ने खिलाफत को प्रोत्साहन देकर देश को बांट दिया। हिंदू को अपनी सुरक्षा करनी होगी।”

@ashishm642 के हैंडल से लिखा गया- राजा साहब…कभी अपने पुत्र और कांग्रेस के आम कार्यकर्त्ता का तुलना भी करिेए? कभी 2 दिन पहले पार्टी ज्वॉइन करने वाली प्रियंका को महासचिव बना कर, बाकी कार्यकर्ताओ के बारे में भी सोचिये। कभी ये सोचिये कि एक महिला के लिए सीताराम केसरी के साथ क्या हुआ? राहुल जी की बात।