राज्‍यसभा में बुधवार को मोदी सरकार को बड़ा झटका लगा। सदन ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को कांग्रेस द्वारा पेश किए गए संशोधन के साथ मंजूरी दी। यह संशोधन प्रत्‍याशियों द्वारा चुनाव लड़ने की योग्‍यता से जुड़ा हुआ था। बता दें कि कांग्रेस राजस्‍थान और गुजरात में पंचायत चुनाव लड़ने के लिए न्‍यूनतम शैक्षिक योग्‍यता तय किए जाने के खिलाफ थी।

बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने अभिभाषण पर धन्‍यवाद प्रस्‍ताव पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस को नसीहत दी कि वह चुनाव में कम से कम 30 प्रतिशत टिकट यदि अशिक्षितों को दें तो उससे यह पता चल पाएगा कि वह इनके प्रति प्रतिबद्ध हैं। मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान अपना एक अनुभव साझा करते हुए कहा कि एक सभा में उन्होंने महिलाओं से पूछा कि वह कितना पढ़ी हैं। कई युवा महिलाओं ने बताया कि वे अशिक्षित हैं। साथ ही कुछ 80 या 85 साल की ऐसी महिलाएं थीं जो पढ़ी लिखी थीं। इस बारे में पता करने पर यह मालूम हुआ कि वे बुजुर्ग महिलाएं गायकवाड़ रियासत की नागरिक थीं जहां बेटियों को नहीं पढ़ाने पर एक रूपये का दंड लगता था। किंतु कम उम्र वाली महिलाएं स्वतंत्र भारत की नागरिक थीं। मोदी ने कहा कि हर चीज का राजनीतिकरण करना सही नहीं है। प्रधानमंत्री ने विपक्ष से लोकसभा में पारित विधेयकों को उच्च सदन में भी पारित कर देश के विकास में गति देने का भी अनुरोध किया।