रेलवे जॉब्स स्कैम केस में सीबीआई ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी समेत 17 लोगों के खिलाफ दो चार्जशीट दाखिल की हैं। एक चार्जशीट अक्टूबर 2022 को दाखिल की गई थी। जबकि दूसरी जुलाई 2023 में दाखिल की गई।
एजेंसी का कहना है कि पहली चार्जशीट सेंट्रल जोन में बांटी गईं नौकरियों को लेकर हैं वहीं दूसरे आरोप पक्ष में वेस्ट सेंट्रल जोन में दी गई नौकरियों को लेकर की गई गड़बड़ी का जिक्र है।
लालू-राबड़ी के साथ तेजस्वी को दिल्ली की कोर्ट से मिली जमानत
रेलवे जॉब्स स्कैम केस में दिल्ली की स्पेशल कोर्ट ने बिहार के सीएम रहे लालू प्रसाद यादव के साथ उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव को जमानत दे दी है। हालांकि स्पेशल कोर्ट ने 3 जुलाई के पेश की गई सीबीआई की एक और चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए लालू, राबड़ी और तेजस्वी समेत कुल 17 लोगों को समन भी भेजा है। सभी को 22 सितंबर को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है।
सीबीआई की स्पेशल कोर्ट की जज गीतांजलि गोयल ने लालू, राबड़ी और तेजस्वी की जमानत याचिका पर ये फैसला सुनाया। सभी को कहा गया है कि वो सुनवाई में पेश होते रहें।
ये मामला लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान का है। वो 2004 से 2009 तक केंद्र में रेल मंत्री रहे थे। आरोप है कि लालू ने रेलवे में नौकरी देने की एवज में अपने परिवार के लोगों के नाम जमीन ट्रांसफर करवाई थी। सीबीआई ने इस मामले में गहन विवेचना के बाद चार्जशीट पेश की है।
सीबीआई का कहना है कि स्कैम में एक प्राइवेट फर्म भी है। लालू परिवार नौकरी हासिल करने वाले लोगों से कहता था कि अपनी जमीन फर्म के हवाले कर दो। बाद में ये जमीन लालू परिवार के पास चली जाती थी। सीबीआई का कहना है कि ये गोरखधंधा बड़े पैमाने पर किया गया था।