पंजाब में कांग्रेस की सियासी कलह और बढ़ गई है। कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की शनिवार (18 सितंबर, 2021) शाम होने वाली बैठक से पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से इस्तीफा मांग लिया गया। सीएम ने इस पर पार्टी हाईकमान को पार्टी छोड़ने तक की धमकी दे दी।
सूत्रों के मुताबिक, कैप्टन ने सुबह कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात की थी। उन्होंने इस दौरान गांधी को बताया कि उन्हें अपमानित किया जा रहा है और इसके बजाय वह पार्टी से इस्तीफा दे देंगे।
पंजाब कांग्रेस में यह नाटकीय घटनाक्रम ऐसे वक्त पर सामने आ रहा है, जब एआईसीसी ने विधायकों के एक वर्ग द्वारा एक नए पत्र के मद्देनजर शाम को सीएलपी की बैठक बुलाने का फैसला किया है।
सूत्रों ने यह भी बताया कि पूर्व पीसीसी अध्यक्ष सुनील जाखड़ (जो कभी मुख्यमंत्री के सहयोगी रहे हैं) का नाम भी उनमें से है, जिन पर मुख्यमंत्री पद के लिए विचार किया जा रहा है।
गांधी और सिंह के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के दो अलग-अलग संस्करण हैं। सूत्रों ने कहा कि गांधी ने उन्हें सुबह फोन किया और पार्टी की इच्छा के बारे में बताया। घटनाक्रम से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि उनके जल्द ही अपना इस्तीफा सौंपने की आशंका है।
एक अन्य सूत्र ने कहा कि सीएम अमरिंदर ने गांधी से कहा है कि वह पार्टी छोड़ देंगे। इस बीच, यह भी पता चला है कि पार्टी आलाकमान और पंजाब कांग्रेस के विधायकों की इच्छा व्यक्त करने के लिए पार्टी का शीर्ष नेतृत्व सुबह हरकत में आया।
विधायक दल की इस महत्वपूर्ण बैठक से पहले पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने शनिवार को कहा कि राहुल गांधी ने पार्टी की राज्य इकाई में उलझी हुई गुत्थी को सुलझाने का जो रास्ता अपनाया है उसने न सिर्फ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया है, बल्कि अकाली दल की बुनियाद हिल गई है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘वाह राहुल गांधी, आपने बेहद उलझी हुई गुत्थी के पंजाबी संस्करण के समाधान का रास्ता निकाला है। आश्चर्यजनक ढंग से नेतृत्व के इस साहसिक फैसले ने न सिर्फ पंजाब कांग्रेस के झंझट को खत्म किया है, बल्कि इसने कार्यकर्ताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया है और अकालियों की बुनियाद हिला दी है।’’
इससे पहले, कांग्रेस ने आधी रात को ऐलान किया था कि पार्टी विधायकों के प्रतिनिधित्व के बाद सीएलपी की बैठक होगी। सूत्रों ने कहा कि सीएलपी में एक लाइन का प्रस्ताव पारित किया जाएगा, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष को सीएलपी नेता नामित करने के लिए अधिकृत किया जाएगा।
ऐसे में लगता है कि पार्टी जल्द ही अगले मुख्यमंत्री को नामित करने की योजना बना रही है और श्राद्ध के अशुभ दिन शुरू होने से पहले शपथ ग्रहण की तैयारी भी कर रही है।