Punjab Politics: पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच जुबानी जंग अब तेज हो चली है। बनवारीलाल पुरोहित ने बुधवार को भगवंत मान को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उन्होंने (पंजाब के सीएम) विधानसभा में मेरा मजाक उड़ाया और कहा कि राज्यपाल लव लेटर्स (Love Letters) लिख रहे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि बताइए ये एक मुख्यमंत्री के शब्द हैं।

बनवारीलाल पुरोहित ने कहा कि राज्यपाल को राज्य के मामलों के संबंध में मुख्यमंत्री से जानकारी मांगने का अधिकार है। मैंने उनका व्यक्तिगत डेटा नहीं मांगा है। संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार उन्हें मेरे सभी पत्रों का जवाब देना होगा।

मैं नहीं लूंगा भगवंत मान के हेलीकॉप्टर: राज्यपाल

पुरोहित ने आगे कहा कि मुझ पर आरोप लगाया गया कि हमने राज्यपाल को बॉर्डर पर जाने के लिए हेलीकॉप्टर दिया। उन्होंने कहा कि ये तो सरकारी ड्यूटी है न, मैं बॉर्डर पर गया था ये मेरा अधिकार है। मैं कभी निजी कार्य के लिए नहीं गया। मैं घोषणा करता हूं कि जब तक मैं पंजाब में हूं तब तक मैं पंजाब सरकार का हेलीकॉप्टर कभी इस्तेमाल नहीं करूंगा। मैं नहीं लूंगा आपका (पंजाब मुख्यमंत्री भगवंत मान) हेलीकॉप्टर..आप खुश रहिए।

विधानसभा में मान ने राज्यपाल पर साधा था निशाना

मंगलवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्यपाल पुरोहित पर जमकर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि अगर राज्यपाल को दखलअंदाजी का इतना ही शौक है तो वह चुनाव लड़ लें। वह सीमावर्ती जिले में जाने के लिए हमारा ही हेलीकाप्टर लेते हैं और हमें ही गालियां देते हैं।

पंजाब के सीएम ने कहा था कि बनवारी लाल पुरोहित पंजाब के राज्यपाल होते हुए भी हरियाणा के कॉलेजों को पंजाब यूनिवर्सिटी में जगह दिलाने की वकालत करते रहे, क्योंकि उनके पास ऊपर से ऐसा करने के हुक्म थे। उन्होंने खेद व्यक्त किया कि राज्यपाल, जो राज्य के नहीं हैं, राज्य के इतिहास और संस्कृति को भी नहीं जानते, उसके बावजूद अनावश्यक व्यवधान पैदा करते हैं।

राज्यपाल को राज्य के बारे में कुछ नहीं पता: भगवंत मान

भगवंत मान यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि यह अजीब बात है कि राज्यपाल को राज्य के बारे में कुछ नहीं पता होता है, लेकिन उनके पास वीसी को नियुक्त करने का अधिकार होता है। यह राज्य की जनता के उस जनादेश का सीधा अपमान है, जिसके जरिए जनता ने अपने हित के लिए राज्य सरकार को चुना है।

विधानसभा में पारित हुआ था पंजाब यूनिवर्सिटी कानून (संशोधन) विधेयक 2023

बता दें, पंजाब सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में पंजाब यूनिवर्सिटी कानून (संशोधन) विधेयक 2023 पारित किया है। इस नए बिल के मुताबिक, राज्य की यूनिवर्सिटी के चांसलर अब राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री होंगे। इस बिल के पास होने के बाद राज्य के 11 विश्वविद्यालयों के चांसलर मुख्यमंत्री बन जाएंगे। यह बिल उच्च शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने पेश किया, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। हालांकि, अभी इस पर राज्यपाल की मुहर लगनी बाकी है।

भगवंत मान ने कहा कि पंजाब सरकार ने इस संबंध में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा पहले ही पास किए गए बिल की तर्ज पर यह बिल बनाया है, जो मुख्यमंत्री को विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की शक्तियां प्रदान करेगा। भगवंत मान ने कहा कि इस अधिनियम के लागू होने से राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति होंगे।