प्रधानमंत्री ने कहा कि बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे “हमारे रामलला” के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा। उन्होंने कहा, “टूटना और फिर उठ खड़ा होना, सदियों से चल रहे इस व्यतिक्रम से राम जन्मभूमि आज मुक्त हो गई है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की स्वतंत्रता के लिए चले आंदोलन के समय कई-कई पीढ़ियों ने अपना सब कुछ सर्मिपत कर दिया था। गुलामी के कालखंड में कोई ऐसा समय नहीं था जब आजादी के लिए आंदोलन न चला हो, देश का कोई भूभाग ऐसा नहीं था जहां आजादी के लिए बलिदान न दिया गया हो।
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उन्होंने कहा, “15 अगस्त का दिन लाखों बलिदानों का प्रतीक है, स्वतंत्रता की भावना का प्रतीक है। ठीक उसी तरह राम मंदिर के लिए कई सदियों तक कई पीढ़ियों ने लगातार प्रयास किया और आज का यह दिन उसी तप, त्याग और संकल्प का प्रतीक है।’’ उन्होंने कहा कि राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण भी था, तर्पण भी था, संघर्ष भी था, संकल्प भी था। उन्होंने कहा, ‘‘ये मंदिर करोड़ों-करोड़ों लोगों की सामूहिक शक्ति का भी प्रतीक बनेगा।’’ अपने संबोधन से पहले, प्रधानमंत्री ने मंदिर निर्माण की आधारशिला से संबंधित एक पट्टिका का अनावरण किया और इस मौके पर ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ से संबंधित विशेष डाक टिकट भी जारी किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के अंत में ‘सियापति रामचंद्र’ का जयकारा लगाया। पारंपरिक धोती-कुर्ता पहने प्रधानमंत्री ने इससे पहले भूमि पूजन कर राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी।
अयोध्या पहुंचने के बाद उन्होंने सबसे पहले हनुमानगढ़ी पहुंचकर हनुमान जी की पूजा-अर्चना की और फिर राम जन्मभूमि क्षेत्र पहुंचकर भगवान राम को दंडवत प्रणाम किया और पारिजात का पौधा लगाया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास सहित बड़ी संख्या में साधु-संत मौजूद थे।
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भारत में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के भूमि पूजन के अवसर पर ब्रिटेन में कई मंदिरों में और भारतीय मूल के लोगों ने बुधवार को पूजा-अर्चना की। अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन करने के बाद आधारशिला रखी। ब्रिटेन में कोविड-19 के कारण धार्मिक स्थलों पर अभी भी बड़ी संख्या में लोगों के एकत्र होने पर मनाही है, ऐसे में कई मंदिरों ने डिजिटल माध्यम से भूमि पूजन समारोह पर खुशियां मनायीं।
अयोध्या में भगवान राम के मंदिर की आधारशिला रखे जाने पर प्रसन्नता जताते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बुधवार को कहा कि सनातन हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए देश के स्वतंत्रता दिवस की तरह इस मंदिर की शिलान्यास तिथि भी महत्वपूर्ण है। विजयवर्गीय ने कहा, "हमारे लिए जितना महत्वपूर्ण 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) है, उतना ही महत्वपूर्ण पांच अगस्त (राम मंदिर शिलान्यास तिथि) भी है क्योंकि यह तारीख सनातन धर्म को मानने वाले लोगों के लिए गौरव की बात है।"
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बुधवार को अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखने के अवसर को हर भारतीय के लिए खुशी का मौका और ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने यह भी कहा कि आधारशिला रखने के साथ, भगवान राम के करोड़ों भक्तों का सपना सच हो गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में बुधवार को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया और मंदिर की आधारशिला रखी। भारत की सर्वोच्च अदालत ने पिछले साल दशकों पुराने मुद्दे का समाधान करते हुए अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था।
भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने बुधवार को यहां कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन देश के लिए एक नए स्वर्णिम और गौरवशाली युग की शुरआत है। मरांडी ने एक बयान में कहा, ‘‘आज का ऐतिहासिक दिन भारतीय इतिहास के पन्नों में स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो गया है। देश के आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने धर्म नगरी अयोध्या में भव्य, दिव्य और अलौकिक राम मंदिर निर्माण का शिलान्यास और भूमि पूजन कर नया इतिहास रचने का काम किया है।’’
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने बुधवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन होने के साथ ही कई वर्षों का संघर्ष पूरा हो गया और इस दिन को इतिहास की किताबों में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि बुधवार को भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण की शुरुआत से साबित होता है कि भाजपा हमेशा अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करती है।
अयोध्या में राममंदिर के निर्माण के शिलान्यास के अवसर पर राजस्थान के कई हिस्सों में पूजा पाठ का अयोजन किया गया तथा राज्यपाल कलराज मिश्र ने इस ऐतिहासिक दिन बताते हुए लोगों को शुभकामनाएं दीं । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रार्थना की कि भगवान राम का मंदिर हमारे देश में एकता और भाईचारे का प्रतीक बने। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए आधारशिला रखे जाने के अवसर पर राज्य के कई शहरों में विशेष पूजा पाठ हुआ। अजमेर और अलवर में अखंड रामायण के पाठ का आयोजन किया गया।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पता और उनके कैबिनेट सहयोगियों ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए आधारशिला रखे जाने के अवसर पर लोगों को बुधवार को शुभकामनाएं दीं। कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद एक निजी अस्पताल में उपचार करा रहे येदियुरप्पा ने ट्वीट किया, ‘‘सदियों बाद अयोध्या में भगवान राम का अभिषेक होगा।’’ उन्होंने कहा कि कई साधुओं, संतों और श्रद्धालुओं ने मंदिर निर्माण का सपना साकार करने के लिए कुर्बानी दी और यह सपना जल्द ही पूरा होगा।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक अयोध्या में श्रीराम मंदिर के भूमि-पूजन के ऐतिहासिक अवसर का सीधा प्रसारण देखकर करोड़ों भारतीयों की तरह मैं भी स्वयं को सौभाग्यशाली मानता हूं। सदियों की प्रतीक्षा के पश्चात पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमें इस पावन पल का साक्षी बनने का सुअवसर प्राप्त हुआ है।
एआईएमआईएम प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी ने कहा है कि राम मंदिर की आधारशिला रखकर प्रधानमंमत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपनी ही शपथ का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा, "आज लोकतंत्र की हार और हिंदुत्व की जीत का दिन है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वो आज भावुक हैं। प्रधानमंत्री जी, आज मैं भी भावुक हूं क्योंकि मैं नागरिकों की बराबरी और सबके साथ जीने में यक़ीन करता हूं। मैं भावुक हूं क्योंकि 450 वर्षों तक वहां एक मस्जिद थी।"
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर राम मंदिर भूमिपूजन की निंदा की है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है, “ऐतिहासिक बाबरी मस्जिद जिस ज़मीन पर लगभग 500 वर्षों तक खड़ी रही, पाकिस्तान वहां ‘राम मंदिर’ निर्माण के शुरुआत की कड़ी निंदा करता है। मंदिर बनाने के लिए भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसले ने न सिर्फ़ मौजूदा भारत में बढ़ते बहुसंख्यकवाद को दिखाया है, बल्कि न्याय के ऊपर धर्म के प्रभुत्व को बी दिखाया है। आज के भारत में अल्पसंख्यक, ख़ासकर मुसलमानों के धर्मस्थलों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। ” बयान में कहा गया है कि ऐतिहासिक मस्जिद की ज़मीन पर बना मंदिर तथाकथित भारतीय लोकतंत्र के चेहरे पर एक धब्बे की तरह होगा.”
राम मंदिर विवाद में हिंदू पक्ष की ओर से प्रमुख वकील रहे के. परासरन ने आज अपने परिवार के साथ टीवी पर भूमिपूजन कार्यक्रम देखा। रामलला विराजमान की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील के. परासरन ने पैरवी की थी। परासरन की आयु इस समय 93 वर्ष है और उन्होंने अपनी युवा टीम के साथ सुप्रीम कोर्ट में रामलला की पैरवी की थी। के. परासरन भारत के अटॉर्नी जनरल और साल 2012 से 2018 के बीच राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं। परासरन को पद्मभूषण और पद्मविभूषण से सम्मानित किया जा चुका है।
अयोध्या में भूमि पूजन कार्यक्रम के बाद अपने संबोधन में भागवत ने कहा, "पूरे देश में देख रहा हूं कि आनंद की लहर है, सदियों की आस पूरी होने का आनंद है। लेकिन सबसे बड़ा आनंद है भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जिस आत्मविश्वास की आवश्यकता थी और जिस आत्म-भान की आवश्यकता थी, उसका साकार अधिष्ठान बनने का शुभारंभ आज हो रहा है।"
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागत ने राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखे जाने के बाद बुधवार को कहा कि यह आनंद का क्षण है क्योंकि जो संकल्प लिया गया था, वह आज पूरा हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘एक संकल्प लिया था और मुझे स्मरण है तब कि हमारे सरसंघचालक बाला साहब देवरस जी ने हमको कदम आगे बढ़ाने से पहले यह बात याद दिलाई थी कि बीस-तीस साल लगकर काम करना पड़ेगा और 30वें साल के प्रारंभ में हमको संकल्प पूर्ति का आनंद मिल रहा है।’’
राष्ट्रपति कोविन्द ने ट्वीट किया, ‘‘ राम-मंदिर निर्माण के शुभारंभ पर सभी को बधाई! मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम के मंदिर का निर्माण न्यायप्रक्रिया के अनुरूप तथा जनसाधारण के उत्साह व सामाजिक सौहार्द के संबल से हो रहा है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे विश्वास है कि मंदिर परिसर, रामराज्य के आदर्शों पर आधारित आधुनिक भारत का प्रतीक बनेगा।’’
राष्ट्रपति रामनाथ कोंिवद ने बुधवार को कहा कि भगवान राम के मंदिर का निर्माण न्यायप्रक्रिया के अनुरूप तथा जनसाधारण के उत्साह व सामाजिक सौहार्द के संबल से हो रहा है और यह आधुनिक भारत का प्रतीक बनेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि राम भारतीय संस्कृति का आधार हैं। उन्होंने कहा, "कोई काम करना हो तो प्रेरणा के लिए हम भगवान राम की ओर ही देखते हैं। आप भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए. इमारतें नष्ट हो गईं. क्या कुछ नहीं हुआ। अस्तित्व मिटाने का हर प्रयास हुआ, लेकिन राम आज हमारे मन में बसे हैं। हमारी संस्कृति के आधार हैं।"
पीएम ने कहा "इस मंदिर के बनने के बाद अयोध्या की सिर्फ भव्यता ही नहीं बढ़ेगी, इस क्षेत्र का पूरा अर्थतंत्र भी बदल जाएगा। यहां हर क्षेत्र में नए अवसर बनेंगे, हर क्षेत्र में अवसर बढ़ेंगे। पूरी दुनिया से लोग यहां आएंगे, पूरी दुनिया प्रभु राम और माता जानकी का दर्शन करने आएगी"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "भगवान राम भी मानते हैं कि भय बिनु होइ न प्रीति यानी बिना डर के प्रेम नहीं होता है। इसलिए हमारा देश जितना अधिक ताक़तवर होगा, हम उतने ही सुरक्षित और भयमुक्त होंगे। " उन्होंने लोगों से कोरोना के दौर में देशवासियों से श्रीराम की मर्यादा के रास्ते पर चलने की अपील की। उन्होंने लोगों से मास्क लगाने और शारीरिक दूरी बनाए रखने की अपील की।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीयों के संयमित और शांतिपूर्ण व्यवहार की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ''जब सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि मामले में अपना फ़ैसला सुनाया था तब समस्त देशवासियों ने शांतिपूर्वक और मर्यादा में रहते हुए व्यवहार किया था। आज कोरोना के दौर में भूमिपूजन के समय भी हमें यही मर्यादा देखने को मिल रही है। ”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सम्बोधन की शुरुआत में सुंदरकांड की पंक्तियों का उल्लेख करते हुए कहा, "मुझे तो यहां आना ही था क्योंकि राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहाँ विश्राम।" इस पंक्ति का अर्थ है- भगवान राम का काम किए बना मुझे आराम कहां मिलेगा?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंच से राम मंदिर की आधारशिला रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा, "500 वर्षों का लंबा और कड़ा संघर्ष अब लोकतांत्रिक और संविधान सम्मत तरीके से संपन्न हुआ।''
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने मंच से अपने संबोधन में कहा कि कोरोना संक्रमण और अन्य कारणों की वजह से राममंदिर आंदोलन से जुड़े कई लोग कार्यक्रम में नहीं सके। उन्होंने कहा, "आडवाणी जी यहां नहीं आ सके लेकिन वो घर से बैठकर ये सारा कार्यक्रम देख रहे होंगे. हालात ऐसे हैं कि कुछ लोगों को बुलाया नहीं जा सका और कुछ आ नहीं सके। मगर इसके बावजूद आज पूरा देश आनंद में डूबा है।"
राम मंदिर के भूमिपूजन समारोह में भाग लेते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामजन्मभूमि स्थल पर भगवान राम को साष्टांग प्रणाम किया और पूजा-अर्चना की, इस दौरान मोदी ने पारिजात का पौधा लगाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा अर्चना की। इस दौरान उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।
अयोध्या में राम जन्मभूमि स्थल पर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा "राममंदिर निर्माण का ये ऐतिहासिक दिन पूरे विश्व को सामाजिक समरसता के साथ-साथ आत्म सत्ता का भी बौद्ध देगा। ये जो रामलला की जन्मभूमि है यहां से हम आध्यात्मिक संवेदनाओं का प्रसार देखेंगे।"
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत भूमिपूजन के लिए राम जन्मभूमि स्थल पहुंचे। समारोह में मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, राम मंदिर ट्रस्ट के प्रमुख नृत्य गोपाल दास, उ.प्र. की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और CM योगी आदित्यनाथ मौजूद रहेंगे।
राम जन्मभूमि स्थल पर बीजेपी नेता उमा भारती ने कहा "अयोध्या ने सभी को एक कर दिया है। अब ये देश पूरी दुनिया में अपना माथा ऊंचा उठाकर कहेगा कि हमारे यहां कोई भेद-भाव नहीं है।" उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल राम जन्मभूमि स्थल पहुंच गई हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखनऊ पहुंच गए हैं, अयोध्या में राम मंदिर भूमिपूजन समारोह में शामिल होने के लिए यहां से वो हेलिकॉप्टर में रवाना होंगे। साढ़े 11 बजे उनका हेलीकॉप्टर अयोध्या के साकेत कॉलेज कैंपस में नवनिर्मित हेलीपैड पर उतरेगा।
भूमि पूजन के कार्यक्रम को पूरा कराने के लिए काशी, अयोध्या, दिल्ली व प्रयागराज के विद्वानों को बुलाया गया है। अलग-अलग पूजा के अलग-अलग एक्सपर्ट हैं। पूरी टीम 21 ब्राह्मणों की है जो अलग अलग तरीकों से पूजा कराएगी।
अमेरिका में रहने वाले भारतीय अयोध्या में ऐतिहासिक राम मंदिर के शिलान्यास समारोह का जश्न मनाने के लिए अमेरिकी कैपिटल हिल पर इकट्ठा हो गए हैं। यहां एक झांकी ट्रक राम मंदिर की डिजिटल तस्वीरों को प्रदर्शित करते हुए कैपिटल हिल के चक्कर लगाएगा। मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन समारोह अयोध्या में आज है।
राम मंदिर के भूमिपूजन के मौके पर नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय को सजाया गया है। बता दें भूमिपूजन समारोह में मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, राम मंदिर ट्रस्ट के प्रमुख नृत्य गोपाल दास, उ.प्र. की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राममंदिर भूमिपूजन समारोह में हिस्सा लेने के लिए अयोध्या के लिए रवाना हो गए हैं। वे 10.35 बजे लखनऊ पहुंचेंगे। वहां 10 मिनट रुक कर हेलिकॉप्टर के जरिए अयोध्या के लिए रवाना होंगे और 11.30 तक भगवान राम की नगरी पहुंचेंगे।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का कहना है कि यह भूमिपूजन सिर्फ राम के भव्य मंदिर का आधारशिला नहीं धार्मिक गुलामी का अंत भी है। गिरिराज ने ट्वीट कर लिखा "प्रभु श्रीराम अपनी ही जन्मभूमि पर अब काल्पनिक नहीं रहेंगे। यह केवल प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर का आधारशिला नहीं है, बल्कि भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक गुलामी का अंत भी है। जय श्रीराम।"
राम मंदिर भूमि पूजन के शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, RSS चीफ मोहन भागवत, Ram Mandir Trust प्रमुख नृत्य गोपाल दास, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मौजूद रहेंगे।
अयोध्या में योग गुरु रामदेव ने हनुमान गढ़ी मंदिर में पूजा की। रामदेव ने कहा," 5 तारीख देश की ऐतिहासिक तारीख है। आज के दिन को सदियां याद करेगी। भारत राम राज्य में प्रवेश कर रहा है।"
PMO की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि इस कार्यक्रम से पहले मोदी हनुमानगढ़ी में ‘‘पूजा’’ और ‘‘दर्शन’’ करेंगे। मंदिर के शिलान्यास समारोह में शामिल होने के लिए मोदी अयोध्या का दौरा करेंगे, आज इसकी आधिकारिक रूप से पुष्टि हुई। मंदिर निर्माण की आधारशिला रखने के लिए वे एक पट्टिका का अनावरण करेंगे और इस मौके पर ‘‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’’ पर एक स्मारक डाक टिकट भी जारी करेंगे।