भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) को धता बताकर सोमवार को आईटीओ के निकट स्थित एक घाट पर पूजा अर्चना की। उन्होंने आज से सूर्य देव की आराधना वाले इस त्योहार की तैयारियों की शुरुआत की। पश्चिमी दिल्ली के सांसद वर्मा आईटीओ के निकट स्थित एक छठ घाट पर भाजपा कार्यकर्ताओं और पूर्वांचली समाज के लोगों के साथ पहुंचे। उधर, नहाय-खाय के साथ ही आज से देशभर में छठ पूजा की शुरुआत हो गई। दस नवंबर को छठ की मुख्य पूजा होगी। उस दिन शाम को अर्घ्य दिया जाएगा।
प्रवेश वर्मा ने आप सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल पंजाब और उत्तराखंड के दौरे कर रहे हैं। वो वहां चुनावों को लेकर चिंतित हैं। ऐसे में कोविड-19 के सभी नियमों का पालन करते हुए दिल्ली में छठ पूजा करने वाले पूर्वांचलियों की चिंता कौन करेगा? वह कैसे उनके विश्वास के साथ धोखा कर सकते हैं?
ध्यान रहे कि कोविड महामारी के चलते डीडीएमए ने इस साल यमुना घाटों पर छठ पूजा के आयोजन पर रोक लगा दी है। डीडीएमए ने प्रशासन और पुलिस को इस रोक का सख्ती से पालन करने का निर्देश भी जारी किया है। आदेश की अवहेलना करने वालों के खिलाफ डीडीएमए ने कानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई की बात भी कही थी। टीवी रिपोर्ट के मुताबिक एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि यदि कोई डीडीएमए के आदेशों का 10 नवंबर को उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सजा दी जाएगी। हालांकि उनका ये भी कहना था कि भाजपा सांसद वहां पूजा की तैयारियों के लिए गए थे।
इस आदेश को लेकर राजधानी की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) और भाजपा के बीच पिछले कई दिनों से जुबानी जंग जारी है। इस पर्व के राजनीतिक मायने भी हैं क्योंकि पूर्वांचल (पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार) के लोग भारी संख्या में शहर में निवास करते हैं। यह तबका वोट बैंक के लिहाज से दोनों दलों के लिए अहम हैं। उधर, पूजा की तैयारियों की शुरुआत के दिन एक नया विवाद सामने आया।
गंदे और जहरीले पानी में छठ व्रती महिलाओं को कालिंदीकुंज में यमुना किनारे डुबकी लगाते देखा गया तो उनकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। विपक्षी भाजपा ने इस स्थिति के लिए आम आदमी पार्टी (आप) को दोषी ठहराया, जबकि सत्ताधारी दल के नेताओं ने दावा किया कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश की ओर से छोड़े गए अशोधित जल के कारण नदी में पानी पर झाग तैरते नजर आ रहे हैं।