मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुलपति को पत्र लिखकर कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्रियों के संबंध में सभी दस्तावेज सुरक्षित रखे जाएं और बेहतर हो कि उन्हें वेबसाइट पर डाला जाए। पत्र में केजरीवाल ने आशंका जताई है कि पीएम की डिग्री के साथ ‘हादसा’ करवाने की भूमिका बनाई जा रही है। उधर आप विधायक जितेंद्र सिंह तोमर ने डीयू में आरटीआइ दायर कर प्रधानमंत्री की डिग्री पर सवाल किए और मांग की कि चूंकि आरोप फर्जी डिग्री का है इसलिए नरेंद्र मोदी के साथ भी वही व्यवहार हो जो उनके साथ हुआ था।
गुरुवार को लिखे पत्र में अरविंद केजरीवाल ने कहा है, ‘सूत्रों के मुताबिक दिल्ली विश्वविद्यालय के रिकार्ड में न ही उनका एडमिशन फार्म है, न ही मार्कशीट है, न ही डिग्री की जानकारी है और न ही अन्य रिकार्ड में उनका नाम है। यह अत्यंत गंभीर विषय है, क्योंकि गुजरात विश्वविद्यालय का कहना है कि उन्होंने वहां से एमए किया है। अगर उन्होंने बीए ही नहीं किया तो उन्हें एमए में दाखिला कैसे मिल गया? इससे संदेह पैदा होता है कि एमए की डिग्री फर्जी है’।
पत्र में मुख्यमंत्री ने आगे लिखा है, ‘एक दैनिक में खबर छपी है कि प्रधानमंत्री की डिग्री सुरक्षित नहीं है और कोई भी हादसा हो सकता है। इससे यह शक पैदा होता है कि क्या अब हादसा करवाने की तैयारी की जा रही है और उसके लिए भूमिका बनाई जा रही है’? केजरीवाल ने डीयू वीसी से डिग्री संबंधी सभी दस्तावेजों की हिफाजत करने को कहा है और कहा है कि बेहतर होगा कि सारे दस्तावेज तुरंत वेबसाइट पर डाल दिए जाएं। पत्र में लिखा है, ‘इस देश के लोगों को यह जानने का अधिकार है कि उनके प्रधानमंत्री कितने पढ़े हुए हैं? और यदि प्रधानमंत्री की डिग्री पर इतने गंभीर आरोप लगते हैं तो सच्चाई सामने आनी ही चाहिए’।
उधर आप विधायक जितेंद्र सिंह तोमर ने डीयू में एक आरटीआइ दाखिल कर प्रधानमंत्री की डिग्री के संबंध में सवाल पूछे हैं और मांग की है कि यदि उन्होंने 1976 में वहां से बीए पास किया और 1979 में उनका दीक्षांत समारोह हुआ तो उन सभी से संबंधित हर दस्तावेज सार्वजनिक किए जाएं। तोमर ने कहा कि उन पर भी फर्जी डिग्री का आरोप था और प्रधानमंत्री पर भी वही आरोप है। इसलिए नरेंद्र मोदी के साथ भी वही सलूक होना चाहिए जो उनके साथ हुआ था क्योंकि देश का कानून सभी के लिए एक है।
मोदी की डिग्री के लिए बुधवार को आप के तीन नेता डीयू गए थे, लेकिन विश्वविद्यालय ने उन्हें पीएमओ से संपर्क करने को कहा था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट कर कहा था कि मोदी ने डीयू से बीए किया ही नहीं।