Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने एक निजी टीवी चैनल से बात करते हुए बड़ा खुलासा किया है। शरद पवार ने कहा कि 2014, 2017 और 2019 के चुनावों के उनकी भाजपा के साथ बातचीत हुई थी, लेकिन विचारधारा अलग होने के कारण बात आगे नहीं बढ़ी।

एनसीपी के कद्दावर नेता और अपने भतीजे अजित पवार के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शरद पवार ने कहा कि वह 82 साल की उम्र में भी काम कर सकते हैं। शरद पवार की यह टिप्पणी अजित पवार के उस बयान के संदर्भ में आई, जिसमें अजित पवार ने कहा था कि अब वक्त आ गया है कि शरद पवार को राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए और वो एनसीपी की कमान उन्हें दे दें।

‘न टायर्ड हूं, न रिटायर्ड हूं’

शरद पवार ने कहा जोर कहा कि वो अभी बुजुर्ग नहीं हुए हैं। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शब्दों को दोहराते हुए कहा, ‘ न टायर्ड हूं, न रिटायर्ड हूं।’ एनसीपी चीफ ने कहा कि वह पार्टी के लिए काम कर रहे हैं और उनके पास कोई मंत्री पद नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मुझे रिटायर होने के लिए कहने वाले वे कौन होते हैं? मैं अभी भी काम कर सकता हूं।’

‘अजित पवार बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे’

एनसीपी चीफ ने कहा कि अगर पार्टी के अध्यक्ष के रूप में मेरी नियुक्ति अवैध है तो प्रफुल्ल पटेल और अन्य की गईं सभी नियुक्तियां अवैध हैं। शरद पवार ने कहा कि वह प्रफुल्ल पटेल ही थे, जिन्होंने अध्यक्ष पद के लिए मेरा नाम प्रस्तावित किया और मुझे दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में सर्वसम्मति से चुना गया। शरद पवार ने इस दौरान बीजेपी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अजित और अन्य उनके गुट के प्रमुख नेताओं द्वारा मुझ पर व्यक्तिगत हमले भाजपा के इशारे पर किए जा रहे हैं।

वंशवाद पर शरद का निशाना

शरद पवार ने अजित पवार पर निशाना साधा तो वहीं सुप्रिया सुले को भी लेकर उनका दर्द झलका। उन्होंने कहा कि अजित पवार को चार बार डिप्टी सीएम बनाया गया। उन्हें मंत्रालय दिए गए, चुनाव हारने के बावजूद प्रफुल्ल पटेल को यूपीए में मंत्री बनाया गया। पी ए संगमा की बेटी जैसे अन्य लोगों को मंत्री बनाया गया, लेकिन सुप्रिया को नहीं। क्या ये वंशवाद है? फिर क्या अजीत यह कह रहे हैं यह गलत है।’

‘हिंदुत्ववाद कुछ नहीं, लोगों को गलत रास्ते पर ले जाना’

एनसीपी चीफ ने आगे कहा कि अजित का यह कहना गलत है कि अगर हम सेना के साथ जा सकते हैं तो बीजेपी के साथ क्यों नहीं। शिवसेना और बीजेपी में अंतर है। आपातकाल के दौरान और बाद में सेना ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था। शरद पवार ने कहा कि हम बीजेपी के खिलाफ हैं यह महत्वपूर्ण है। हिंदुत्ववाद कुछ नहीं है, यह सिर्फ लोगों को गलत रास्ते पर ले जाना है।’

अजित पवार के संन्यास लेने के बयान पर शरद पवार ने कहा कि वे (अजित पवार) कौन होते हैं मुझे रिटायर होने के लिए कहने वाले। मैंने इन सभी लोगों को प्रस्ताव दिया और कार्यकर्ताओं ने मुझसे काम करते रहने का अनुरोध किया।

‘यह मत कहो मैं बूढ़ा हो गया हूं’

शरद पवार ने कहा, ‘मैं अब भी काम कर सकता हूं, मैं किसी मंत्री पद पर नहीं हूं, अगर कर सकता हूं तो काम करने में क्या बुराई है। मैं काम कर रहा हूं पार्टी के लिए। उन्होंने कहा कि ये सरकार बीजेपी चलाएगी। बाकी लोग दिल्ली के आदेशों का पालन करेंगे। यह मत कहो कि मैं बूढ़ा हो गया हूं। ना टायर्ड हूं, ना रिटायर्ड हूं।’

एनसीपी चीफ ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि उन्होंने 2014, 2017, 2019 में बीजेपी के साथ बात की थी, लेकिन हमारी और बीजेपी की विचारधारा अलग है। इसको लेकर बात नहीं बनी। उन्होंने आगे कहा कि हमने चर्चा करके कुछ गलत नहीं किया, यह एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि जो सबसे बड़ी बात है, वो यह है कि मैं कभी बीजेपी के साथ नहीं गया।

‘मैं पार्टी को फिर से खड़ा करूंगा’

शरद पवार ने कहा कि परिवार में जो भी हुआ उसकी बात मैं बाहर नहीं करूंगा। बेशक मुझे बुरा लगा कि यह सब मेरे करीब थे, लेकिन मैंने पहले भी ऐसी चीजों का सामना किया है। मैं पार्टी को फिर से खड़ा करूंगा। उन्होंने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि चुनाव आयोग में क्या होगा, यह होता रहेगा। मैं जमीन पर काम करूंगा।

राकांपा प्रमुख ने आगे कहा कि हमारी कोशिश विपक्षी एकता की है। उन्होंने कहा कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आप चुनाव जीतेंगे, लेकिन विचारधारा के मामले पर आपको एक साथ आना चाहिए। एनसीपी चीफ ने प्रफुल्ल पटेल के उस बयान पर तंज कसा। जिसमें प्रफुल्ल पटेल ने कहा था कि 23 जून को पटना रैली के दौरान उनका मन हंसने का कर रहा था। शरग पवार ने कहा कि प्रफुल्ल में यह समझने की गंभीरता नहीं है कि वह हंस सकता है। हम बेंगलुरु में मिलेंगे।’ शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में स्थिर सरकार तो है, लेकिन यह सरकार दिल्ली से भाजपा द्वारा चलेगी। रही बात अन्य लोगों की तो उन्हें मंत्री पद ही मिलेगा।