महाराष्ट्र के सभी कॉलेजों में 19 फरवरी से राष्ट्रगान अनिवार्य होगा। राज्य के मंत्री उदय सामंत ने बुधवार को यह जानकारी दी। तकनीकी एवं उच्च शिक्षा मंत्री सामंत ने कहा कि राज्य सरकार एक अधिसूचना जारी कर सभी कॉलेजों को 19 फरवरी (छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती) से अपना काम राष्ट्रगान के साथ शुरू करने के लिए कहेगी।

सामंत ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “हमने राष्ट्रगान को लेकर कुछ दिन पहले यह फैसला लिया था। निर्णय के अनुसार राज्य के कॉलेजों में कामकाज राष्ट्रगान के साथ शुरू होगा।” मंत्री ने कहा, “कॉलेजों में राष्ट्रगान अनिवार्य करने का यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है। इसे प्रभावी बनाने को लेकर एक अधिसूचना जारी की जाएगी।” पिछले महीने 26 जनवरी को शिवसेना नीत सरकार ने स्कूली छात्रों के लिए सुबह की सभा के दौरान संविधान की प्रस्तावना पढ़ना अनिवार्य किया था।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को ही यह फैसला लिया कि राज्य में सरकारी कर्मचारियों को हफ्ते में पांच दिन ही काम करने पड़ेंगे। वहां पांच दिवसीय कार्य सप्ताह लागू किया जा रहा है। राष्ट्रगान गाने की बात की भी मांग बहुत दिन से हो रही थी। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने भी अपनी पार्टी की एक रैली में इसको अनिवार्य करने को कहा था। कहा था कि अभी सीएए-एनआरसी के विरोध में निकाले जा रहे मोर्चो का उत्तर मोर्चे से दिया जा रहा है। यदि ये उन्माद इसी तरह चालू रहा तो पत्थर का जवाब पत्थर से और तलवार का जवाब तलवार से दिया जाएगा। राज ठाकरे की पार्टी मनसे ने रविवार को पाकिस्तानी एवं बांग्लादेशी घुसपैठियों के विरुद्ध बड़ी रैली का आयोजन किया।

इससे पहले मरीन ड्राइव स्थित हिंदू जिमखाना से शुरू होकर आजाद मैदान तक गई इस रैली में बड़ी संख्या में मनसे कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। रैली का नेतृत्व स्वयं राज ठाकरे ने किया। आजाद मैदान पहुंच कर एक बड़ी सभा में परिवर्तित हो गई इस रैली को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने सीएए और एनआरसी का खुला समर्थन करते हुए इसके विरोधियों से सवाल किया कि इसमें बुराई क्या है ?