राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव जब बोलते हैं तब उनके बयान पर अक्सर विवाद शुरू हो जाता है। नरेंद्र मोदी 2014 में जब प्रधानमंत्री बने थे, तब न्यूज चैनल एबीपी के एक कार्यक्रम में लालू यादव ने कहा था कि नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि दुनियाभर के हिंदू यहा आ जाएं, लेकिन यह विकास नहीं विनाश की बात होगी। कहा कि आडवानी जी के साथ हमने विहिप नेता अशोक सिंहल को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने कहा था कि हिंदू पांच से अधिक बच्चे पैदा करें। बोले कि हमारे नौ बच्चे हुए तो सब विरोध कर रहे थे, ये क्या है।
राजद नेता ने कहा कि हम जो कर रहे हैं, उससे हम अगली पीढ़ी को क्या देने जा रहे हैं। कहा कि नफरत की राजनीति करने वालों को जनता माफ नहीं करती है। कहा कि जनता से जुड़े लोग ही जनता की बात सही ढंग से समझते हैं। बोले, “हमने रिक्शा चलाया है, हमने पटना के वेटरीनरी कालेज में चाय और बिस्किट बेची है। हमने गाय चराया, भैंस चराया, बकरी-भेंड़ चराई।”
उन्होंने कहा कि मैं राजनीतिशास्त्री का विद्यार्थी रहा हूं, इसलिए आगे क्या होगा, वह जानता हूं। कहा कि देश में साइकोलॉजिकल वार छिड़ा है, लोगों को भ्रमित किया जा रहा है। सांप्रदायिकता का हम विरोध करते रहेंगे। जो लोग एजेंडा चलाएंगे, उनका हम विरोध करते रहेंगे। लालू प्रसाद यादव ने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल मुशर्रफ हमसे मिले। कहा कि लालू को कौन नहीं जानता है।
कार्यक्रम में लालू प्रसाद यादव ने कहा कि जाति-पांति की राजनीति सभी राज्यों में होती है, केवल बिहार में जाति-पांति की बात करना बिहार का अपमान है। जाति-पांति एक रियल्टी है, यह रहेगा। यह चलता रहेगा, लेकिन हम विकास की बात करते हैं।
कई वर्षों तक जेल में रहने के बाद हाल ही में लालू प्रसाद यादव बाहर निकले तो बिहार की दो सीटों पर उपचुनावों में अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करने आए। हालांकि लालू प्रसाद यादव के प्रचार के बावजूद दोनों सीटों पर उनकी पार्टी को सफलता नहीं मिली। इस बीच लालू प्रसाद यादव स्वास्थ्य का हवाला देते हुए दिल्ली लौट गए हैं।