LAC विवाद के बीच भारत और चीन में झड़प को लेकर मंगलवार को सोशल मीडिया पर ये मुद्दा छाया रहा। लोगों ने पूछा कि आखिर वे खबरिया चैनल्स अब कहां हैं, जो इस पूरे मसले पर पिछले ही हफ्ते चीन से सरेंडर करा चुके थे। ऐसे और लोग भी थे, जिन्होंने इस मुद्दों पर चीन को कमजोर और ढीला समझने को लेकर ट्वीट किए और आईना दिखाने की कोशिश की।
जाने-माने स्वतंत्र कार्टूनिस्ट @MANJULtoons ने ट्वीट किया, “कहां हैं वे न्यूज चैनल्स, जो पिछले हफ्ते चीन से सरेंडर करवा चुके थे?” @tweetsvirat ने लिखा- ऑनलाइन चाइनीज़ फ्राइड राइस और गोभी मंचूरियन ऑर्डर कर रहे हैं, ताकि कह सकें…हम चबा गए चाइनीज़ को।
@DhaarTez नाम के हैंडल से कहा गया, “थोड़ा कच्चा रखवाना, ताकि कह सको…कच्चा चबा गए चीनियों को।” @Abhisikarwarinc ने ट्वीट किया- कहां हैं वे भक्त और वो मीडिया के गुलाम जो कहते थे कि देश सुरक्षित हाथों में है? कहां है 56 इंच की छाती??? मैं तो कहता हूं क्यों नहीं दिखाते लाल आंख? जब आप के जवान सीमा पर मर रहे हैं तो आप क्यों नहीं हथियार उठाते?
हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने भारतीय जवानों की शहादत पर चीन पर नाराजगी जाहिर की। @shivampratapsi4 ने कहा- ये 1962 का भारत नहीं है। इसे सबूत कहा जा सकता है! हम और मारेंगे, पाकिस्तान हो या चीन।
India-China Border LIVE Updates
टि्वटर पर इस झड़प के बाद ‘Chinese’ ट्रेंड करने लगा था, जिसे लेकर @MANJULtoons ने ट्वीट किया- हमारे सैनिकों की जान जाए तो जाए पर नैरेटिव हमारे हाथ से नहीं जाना चाहिए। जिये रहो आईटी सेल वालों!
इसी बीच, देश में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को घेरा और भड़कते हुए कहा कि ये जो हुआ है, वह बेहद हैरान करने वाला घटनाक्रम है। यह अस्वीकार्य है। इतना ही नहीं, पार्टी के सीनियर प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर पूछा- क्या रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस पर कुछ पुष्टि कर सकते हैं?
वहीं, पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा ने भी पूछा- हमारे जवान आखिर क्यों शहीद हों? प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को इस मसले पर तस्वीर साफ करनी चाहिए।
क्या है पूरा माजरा?: दरअसल, लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ ”हिंसक टकराव” के दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए। सेना ने कहा कि चीन को भी नुकसान हुआ है। हालांकि कितना नुकसान हुआ है यह अभी स्पष्ट नहीं है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि दोनों ओर से कोई गोलीबारी नहीं हुई। सेना ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ”गलवान घाटी में तनाव कम करने की प्रक्रिया के दौरान सोमवार रात हिंसक टकराव हो गया। इस दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए।”
इसे चीन की सीमा पर लगभग 45 साल बाद, भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों की शहादत की संभवत: पहली घटना माना जा रहा है। इससे पहले 1975 में अरुणाचल प्रदेश में तुलुंग ला में हुए संघर्ष में चार भारतीय जवान शहीद हो गए थे। बता दें कि बीते पांच हफ्तों से गलवान घाटी में बड़ी संख्या में भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने खड़े थे। यह घटना भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे के उस बयान के कुछ दिन बाद हुई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के सैनिक गलवान घाटी से पीछे हट रहे हैं। भारतीय और चीनी सेना के बीच पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलतबेग ओल्डी में तनाव चल रहा है।