ऐक्ट्रेस से राजनीति में आईं खुशबू सुंदर सोमवार को Congress छोड़कर BJP में शामिल हो गईं। दिल्ली में उन्हें भगवा पार्टी के सीनियर नेताओं ने दल की सदस्यता दिलाई। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि, तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष एल मुरूगन, भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा और राज्यसभा सदस्य जफर इस्लाम की मौजूदगी में उन्होंने यहां भाजपा मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
भाजपा नेताओं ने विश्वास जताया कि उनके आने से तमिलनाडु में पार्टी का विस्तार होगा। अगले साल वहां राज्य विधानसभा के चुनाव होने हैं। पात्रा ने भाजपा में उनका स्वागत करते हुए कहा, ‘‘खुशबू संदुर ने 200 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है। द्रमुक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बाद वह कांग्रेस में रहीं। उनकी प्रसिद्धि का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राज्य में उनका एक मंदिर तक बनाया गया है।’’
वहीं, कांग्रेस ने उन पर ‘वैचारिक प्रतिबद्धता’ की कमी का आरोप लगाया। कहा कि सुंदर के पार्टी छोड़ने से तमिलनाडु की राजनीति पर रत्ती भर भी असर नहीं पड़ेगा।तमिलनाडु के कांग्रेस प्रभारी दिनेश गुंडू राव ने कहा कि एक सप्ताह पहले तक वह भारतीय जनता पार्टी एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करती आ रही थीं। खुशबू के जे पी नड्डा की अध्यक्षता वाली भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की खबरों के बीच राव ने कहा कि जिस भाजपा की वह आलोचना करती रही हैं, उसी पार्टी में पद की लालसा में शामिल होना इस बात को बल देता है कि खुशबू की कोई वैचारिक प्रतिबद्धता नहीं है।
कौन हैं खुशबू सुंदर, जिन्होंने BJP में जाने के लिए छोड़ दी Congress?
राव ने पीटीआई—भाषा से बातचीत में कहा, ”यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह ऐसा कर रही हैं। तमिलनाडु की राजनीति पर इसका कोई असर नहीं होगा।” उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है और कांग्रेस प्रदेश में पार्टी का पुनर्गठन कर रही है और चुनाव की तैयारी कर रही है।
राव ने दोहराया कि खुशबू के निर्णय का तमिलनाडु में कोई जमीनी असर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि चूंकि खुशबू एक अभिनेत्री हैं इसलिये एक दो दिन तक मीडिया इस मुद्दे को उठा सकती है और इसके बाद यह मामला धीरे धीरे शांत हो जायेगा। कांग्रेस नेता ने जोर देकर कहा, ”इसका रत्ती भर भी असर नहीं होगा, कोई असर नहीं पड़ेगा।”
राव ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी में खुशबू के शामिल होने से पार्टी को कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि तमिलनाडु में भाजपा विरोधी हवा चल रही है। उन्होंने कहा कि खुशबू केवल राजनीति के लिये नहीं बल्कि कुछ और कारणों से भी भाजपा में जा सकती हैं और इस बारे में वह विस्तृत टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता खुशबू ने सोमवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया । उन्होंने कुछ नेताओं पर तनाशाही करने एवं खुद को दबाये जाने का आरोप लगाया।
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इससे पहले, कांग्रेस ने दिल्ली में कहा कि खुशबू को पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से तत्काल प्रभाव से हटाया जाता है। बता दें कि तमिलनाडु की राजनीति में क्षेत्रीय दलों का वर्चस्व रहा है। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) और ऑल इंडिया द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) के इर्दगिर्द ही प्रदेश की राजनीति का पहिया घूमता रहा है। दोनों ही दल बारी-बारी से प्रदेश के साथ-साथ केंद्र की राजनीति में अहम भूमिका निभाते रहे हैं। फिलहाल, अन्नाद्रमुक का राज्य की सत्ता पर कब्जा है।
भाजपा दक्षिण भारत के इस राज्य में अभी तक कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ पाई है। खुशबू 2014 में कांग्रेस में शामिल होने से पहले द्रमुक में थीं। हाल के दिनों में वह कुछ मुद्दों पर कांग्रेस के आधिकारिक रुख से अलग राय जाहिर कर रही थीं। कुछ महीने पहले उन्होंने पार्टी के रुख से इतर नयी शिक्षा नीति का समर्थन किया था।