भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने कार्यकर्ताओं पर कथित रूप से माकपा समर्थकों के हमलों को लेकर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की। उन्होंने इस मामले में कांग्रेस की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा कि भाजपा और संघ के कार्यकर्ता माकपा के अत्याचारों का सामना कर रहे हैं, जिसके नेतृत्व वाला गठबंधन राज्य में विधानसभा चुनाव जीता है।
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उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस उचित कार्रवाई नहीं कर रही। गडकरी ने कहा, “हमने राष्ट्रपति को इन घटनाओं की तस्वीर समेत जानकारी दी है। हमारा कार्यकर्ता प्रमोद मारा गया। 100 से अधिक कार्यकर्ताओं के घरों में तोड़फोड़ की गई। हालात सही नहीं है। उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि वह उचित कार्रवाई करेंगे।”
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उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से संप्रग, कांग्रेस चुप हैं। यह लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है। लोकतंत्र विचारों की लड़ाई है और पार्टियां कानून अपने हाथ में लेकर नहीं बढ़ सकतीं। हमें उम्मीद है कि लोकतंत्र में आस्था रखने वाले इस हिंसा की निंदा करेंगे।” भाजपा द्वारा गुमराह करने के माकपा के आरोपों पर गडकरी ने कहा कि घटनाओं का ब्योरा राष्ट्रपति को सौंप दिया गया है।
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गडकरी के अलावा प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा, निर्मला सीतारमण और राजीव प्रताप रूड़ी, सांसद मीनाक्षी लेखी तथा एम जे अकबर और केरल भाजपा के अध्यक्ष कुम्मनम राजशेखरन शामिल रहे। वाम मोर्चा पर हमला करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कल उस पर जनादेश के उल्लंघन का आरोप लगाया था। भाजपा ने कहा कि अगर हिंसा जारी रहती है तो वह चुप नहीं रहेगी और लडाई को संसद से लेकर सडक तक लड़ा जायेगा।