देश की राजधानी दिल्ली के एम्स में एक वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर ने सेंटर फॉर डेंटल एजुकेशन एंड रिसर्च (सीडीईआर) के एक फैकल्टी मेंबर के खिलाफ एफ़आईआर दर्ज़ कराई है। एफ़आईआर में कहा गया है की पिछले महीने फैकल्टी मेंबर ने डॉक्टर के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया था। डॉक्टर ने अपनी शिकायत में बताया है कि फैकल्टी मेंबर ने उनके लिए “तू एससी है”, “अपना मुंह बंद कर” और “काली बिल्ली की तरह मेरा रास्ता मत काट” जैसे अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है। 17 अप्रैल को महिला डॉक्टर ने जाति और धर्म के आधार पर किए जा रहे भेदभाव के चलते आत्महत्या करने की कोशिश की थी। पुलिस ने एससी और एसटी अधिनियम आईपीसी की धारा 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत एफ़आईआर दर्ज कर ली है।

दक्षिण दिल्ली रेंज का संयुक्त सीपी देवेश श्रीवास्तव ने बताया कि महिला चिकित्सक द्वारा की गई शिकायत के आधार पर  हौज खास पुलिस स्टेशन में एक एफ़आईआर दर्ज की गई है। उनका बयान दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है। बता दें महिला डॉक्टर दवा के ओवरडोस के चलते अपने छात्रावास में बेहोश पाई गईं थी। जिसके बाद उनके दोस्तों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया था। अब उनकी हालत स्थिर है और जल्द ही उन्हें छुट्टी दे दी जाएगी। एम्स के एक रेजिडेंट डॉक्टर ने कहा, “इस मामले की जांच के लिए एक आंतरिक सहित दो समितियों का गठन किया गया है।”

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एफ़आईआर में वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा है कि फैकल्टी मेंबर पिछले दो साल से मेरे खिलाफ भेदभाव कर रहा है। इस बारे में मैंने सीडीईआर प्रमुख से शिकायत भी की है लेकिन हर बार मुझे लिखित शिकायत देने से रोक दिया। डॉक्टर ने आरोप लगाया कि 16 मार्च को फैकल्टी मेंबर ने रोगियों और अटेंडेंट्स के सामने उनके लिए असभ्य भाषा और जातिवादी गालियों का इस्तेमाल किया था।

डॉक्टर ने बताया की एक दिन फैकल्टी मेंबर ने उन्हें हिंसक रूप से उनकी सीट से हटा दिया था और कहा था कि “तू एक एससी है और अपनी हद में रह।” एफआईआर में महिला ने कहा कि इस घटना के बाद उन्होंने फैकल्टी मेंबर से कहा कि वह ऐसी बातें नहीं कह सकते और फिर अन्य रोगियों को देखने चली गईं। डॉक्टर ने आरोप लगाया कि उन्हें थोड़ी देर बाद सीडीईआर प्रमुख के कमरे में बुलाया गया। जहां सीडीईआर ने उनपर चिल्लाया और उन्हें कहा कि वे एक फैकल्टी मेंबर के साथ दुर्व्यवहार नहीं कर सकती।

पुलिस को दिये गए बयान के अनुसार, महिला ने फैकल्टी मेंबर के खिलाफ सीडीईआर प्रमुख, एम्स निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया, एम्स एससी और एसटी सेल, महिला शिकायत सेल और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को शिकायत भेजी थी। महिला ने आरोप लगाया कि उसे 17-23 मार्च तक “अपमानित” किया गया था और जब 9 अप्रैल को एक समिति ने इस पर मुलाकात की तो उसे अपनी शिकायत वापस लेने के लिए कहा गया।

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