Indian Railways IRCTC News in Hindi: रेलवे का कहना है कि ऐसे किसी सुझाव पर विचार नहीं चल रहा, जिसमें कहा गया है कि यात्रियों से नाइट जर्नी चार्ज वसूला जाए, बेड रोल का किराया 25 रुपए से बढ़ाकर 60 रुपए किया जाए और रेल किराया किलोमीटर के आधार पर तय करने के बजाय सेक्टर के आधार पर तय किया जाए। पीआईबी में रेल मंत्रालय का काम देखने वाले एक अधिकारी ने जनसता.कॉम को यह जानकारी दी। उनके मुताबिक़ सुझाव कुछ भी आ सकता है, पर रेलवे ऐसे किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रहा है।

क्यों देनी पड़ी सफ़ाई: दरअसल, मीडिया में एक खबर आई थी, जिसके मुताबिक रेलवे बोर्ड को आमदनी बढ़ाने के लिए कई सुझाव दिए गए थे, जो कि निम्नवत हैंः

– सेक्टर के हिसाब से तय किया जाए श्रेणीवार टिकट का दाम।

– नाइट जर्नी के नाम पर किराया बढ़ाएं- स्लीपर क्लास में 10 फीसदी, एसी-3 टियर में 15 प्रतिशत, एसी-2 टियर और एसी फर्स्ट क्लास में 20 फीसदी तक।

– बेडरोल का किराया भी 60 रुपए कर दिया जाए। कारण- 10 साल में ढुलाई खर्च 50 फीसदी तक बढ़ा है।

खबर में दावा किया गया था कि संबंधित सुझाव रेल मंत्रालय को उसके आलाधिकारियों ने आय बढ़ाने के लिए दिया था। साथ ही कहा गया कि रेलवे इन पर महीने के अंत तक निर्णय लेगा।

क्या कहा स्पष्टीकरण में?: अफसर ने हमें बताया, “मीडिया में आया समाचार पुराना है। वैसे, सामान्य प्रक्रिया के तहत इस तरह के सुझाव आते रहते हैं। पर इस पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है।”

रेलवे की रेग्युलर सेवाएं फिलहाल सस्पेंडः बता दें कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर 22 मार्च, 2020 से रेलवे ने रेग्युलर ट्रेनों का संचालन रोक दिया था। हालांकि, भारी घाटे के बीच कुछ श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गई थीं, जिसके बाद चरणबद्ध तरीके से और ट्रेनों का संचालन शुरू किया। पर मौजूदा समय में रेग्युलर रेल सेवाएं अभी भी निलंबित हैं।

कोरोना, भीड़ नियंत्रण का दिया था हवालाः रेल मंत्रालय के फरवरी के बयान के मुताबिक, रेलव ने लॉकडाउन के पहले के आंकड़े की तुलना में रेलवे ने लगभग 65 प्रतिशत मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों और 90 प्रतिशत से अधिक उपनगरीय सेवाओं का परिचालन किया है। रेलवे ने उसी दौरान यह भी कहा था- हर जगह कोरोना है और कुछ राज्यों में इसकी वजह से हालात खराब हैं। ट्रेन में भीड़ रोकने और कोरोना फैलने से रोकने को रेलवे की सक्रियता के तौर पर थोड़ी अधिक कीमत (रेल किराए में) देखी गई है।

यात्रा से लेकर प्लैटफॉर्म टिकट के बढ़ाए दामः रेलवे का किराए में बढ़ोतरी से जुड़ा यह बयान उस संदर्भ में था, जिसमें उसकी ओर से लगभग 200 फीसदी तक किराया बढ़ाया गया। कोरोना काल में रेलवे के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब, रेलवे ने लोकल और पैंसेजर ट्रेनों में भी एक्सप्रेस का किराया वसूला। वहीं, प्लैटफॉर्म टिकट के दाम भी इजाफा किया। हालांकि, रेलवे ने प्लैटफॉर्म टिकट के दाम बढ़ाने के पीछे तर्क दिया- प्लैटफॉर्म्स पर भीड़ रोकने के लिए 10 रुपए से बढ़ाकर टिकट के दाम 30 रुपए किए गए। पर यह अस्थाई उपाय है।