भारतीय सुरक्षा बल अब भीषण जंग के लिए 15 दिन का गोला बारूद रख सकेंगे। चीन और पाकिस्तान के साथ दोनों मोर्चों पर तनातनी के माहौल के बीच भारत की ओर से सैन्य तैयारी संबंधी यह कदम उठाया गया है। सूत्रों के हवाले से कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि सेना इन दोनों फ्रंट्स लड़ाई के मद्देनजर बीते कुछ वक्त से तैयारी कर रही थी। पर अब इस पर बढ़िया तरीके से तैयारियां करने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि इससे पहले तक घनघोर युद्ध के लिए सेना को 10 दिन का गोला-बारूद रखने की मंजूरी थी।
सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि सुरक्षाबलों के लिए करीब 50 हजार करोड़ रुपए के हथियार और साझो-सामान भारत और विदेश से खरीदे जा सकते हैं। समाचार एजेंसी ANI को सरकारी सूत्रों ने बताया, “दुश्मनों के साथ 15 दिवसीय घनघोर जंग लड़ने के लिए भंडार रखने के प्राधिकरण के तहत अब कई हथियार प्रणाली और गोला-बारूद का अधिग्रहण किया जा रहा है। स्टॉक अब 10 I के स्तर के बजाय 15-I स्तर पर होगा।”
उधर, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को सशस्त्र बलों की सराहना की। कहा कि जब दुनिया कोरोना से लड़ रही थी, तब भारतीय सशस्त्र बल हमारी सीमाओं की बहादुरी से रक्षा कर रहे थे। उन्होंने दावा किया, “कोई वायरस हमारे सशस्त्र बलों को उनकी ड्यूटी करने से नहीं रोक सकता।” हिमालय की सीमाओं पर अक्रामकता की स्थिति पर वह बोले- हिमालय की हमारी सीमाओं पर बिना किसी उकसावे के अक्रामकता दिखाती है कि दुनिया कैसे बदल रही है, मौजूदा समझौतों को कैसे चुनौती दी जा रही है।
वहीं, लद्दाख में बल के साहस की उन्होंने सराहना की और कहा कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सशस्त्र बलों की भारी तैनाती है और इन परीक्षा की घड़ियों में हमारी सेनाओं ने अनुकरणीय साहस दिखाया है। सिंह ने कहा, ‘‘हमारे सशस्त्र बलों ने उनका (चीनी सेना) बेहद बहादुरी से सामना किया और उन्हें वापस जाने को मजबूर किया।’’
सीमा पार आतंकवाद और पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम सीमापार आतंकवाद के शिकार रहे हैं, इस संकट से हम उस समय भी अकेले लड़ते रहे जब हमारा समर्थन करने वाला कोई नहीं था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया भर के देशों को यह समझ आ गया है कि हम इस बारे में सही थे कि पाकिस्तान आतंकवादियों का गढ़ बन रहा है।’’ (भाषा इनपुट्स के साथ)